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love you zindagi
ऐसा क्या देखा उसने क्या कुछ था मुझमें..! @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #Love #नज़र #उसने #मुझमें #fitrat
Azaad Pooran Singh Rajawat
White "गगन में जब सहस्त्रों सितारे दमकते हैं अमावस्या की अंधेरी रात में भी रास्ते मंजिल के रोशन नज़र आते हैं अंधेरा कितना भी गहरा हो खुदा ने चिराग भी जला रखे हैं बस एक पारखी नज़र चाहिए देखने के लिए।" ©Azaad Pooran Singh Rajawat #good_night# नज़र #
good_night# नज़र #
read morethe_poetic_soul.09
पहली नज़र में जब उसे देखा, न नाम पता, न कोई रेखा। वो अनजान था, मैं बेख़बर, पर दिल मेरा हो गया बेक़रार। फिर चुपके से उसकी तस्वीरें देखी, हर हंसी, हर ख़्वाब में बसी वो एक झलक। न जाने वो कौन, न जाने कहाँ, मगर दिल ने चुनी वही राह अनजानी। एक तरफ़ा था ये प्यार का सफर, न उसे पता, न उसने कभी किया ज़िक्र। मैं उसकी तस्वीरों में ढूँढती हूँ सुकून, पर वो मेरी दुनिया से अब भी बहुत दूर। ©the_poetic_soul.09 #पहली नज़र का एहसास
#पहली नज़र का एहसास
read moremehar
White कभी तुम्हे मोहब्बत रास नहीं आई। कभी तुमने हिम्मत नहीं दिखाई। होगी। इसलिए तुमने मोहब्बत से तौबा की हर मर्तबा इसलिए तुम्हारे नसीब में मोहब्बत न आई होगी। मोहब्बत की बददुआ लगी होगी तुम्हे किसी की आह भरती , सिसकियां लगी होगी। ©mehar #मोहब्बत न मिली
#मोहब्बत न मिली
read morePoet Maddy
उनसे हमारी ये नज़रें क्या मिली, हमने जन्नत का नज़ारा देख लिया....... इस नफ़रतों से भरे पूरे शहर में, इक शख़्स इतना प्यारा देख लिया....... ©Poet Maddy उनसे हमारी ये नज़रें क्या मिली, हमने जन्नत का नज़ारा देख लिया....... #EyeContact#Seen#View#Heaven#City#Hatred#Lovely#Person.........
Pagal shayer
White बो बदल गए... हम मजबूर हो गए... बस इसलिए हम उनसे दूर हो गए... ©Pagal shayer हम उनसे दूर हो गए...
हम उनसे दूर हो गए...
read moreShashi Bhushan Mishra
White महफ़िल में भी मिली अकेली तन्हाई, गम के पन्ने पलट रही थी रुस्वाई, गिरा ताड़ से अटका किसी खजूरे पर, बेचारे ने कैसी है किस्मत पाई, बैठ गया खालीपन उसके जाने से, कभी नहीं हो सकती जिसकी भरपाई, बिन बरसे ही सावन घर को लौट गया, मन के अंदर ख़्वाहिश लेती अंगड़ाई, दिन ढ़लने को आतुर मेरे आंगन का, लगी छुड़ाने पीछा अपनी परछाई, आम आदमी की थाली से गायब है, कोर-कसर पूरा कर देती महंगाई, पैसों से तक़दीर की टोपी मिल जाती, दूर सिसकती बैठी मिलती तरुणाई, दिल की बात सुनाऊँ मैं किससे गुंजन, आहत करती मन को यादें दुखदाई, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #मिली अकेली तन्हाई#
#मिली अकेली तन्हाई#
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