Find the Latest Status about मनुस्मृति दंड विधान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मनुस्मृति दंड विधान.
बेजुबान शायर shivkumar
विषय कोई भी हो, कर्म की क्रिया कभी नहीं बदलती, कर्म ही कर्ता बन जाता है , करण का माप दंड सबके लिए समान रहता है इसीलिए कर्म ही गुरु बन जाता है . . . ©बेजुबान शायर shivkumar Kshitija Aman Singh Sethi Ji poonam atrey Andy Mann अनमोल विचार सुविचार इन हिंदी Extraterrestrial life नये अच्छे विचार बेस्ट सुविचार
Kshitija Aman Singh Sethi Ji poonam atrey Andy Mann अनमोल विचार सुविचार इन हिंदी Extraterrestrial life नये अच्छे विचार बेस्ट सुविचार #Teacher #Teachersday #hindiquotes #कर्म #twoliners #गुरु #बेजुबानशायर #कविता95 #बेजुबानशायर143 #hindiauthors
read moreLovely Love
White सब कुछ सिर्फ ऊपर वाले के हाथ में ही है, हमारे हाथ में बस आड़ी तिरछी लकीरे हैं। होता सब कुछ उसकी मर्जी से ही हैं, बाकी कहने को हमारी तकदीरे हैं। ©Lovely Love #विधान
Ravendra
राजीव गांधी वृक्षारोपण अभियान के तहत पौधारोपण बाबागंज। राजीव गांधी वृक्षारोपण अभियान के तहत वीरपुर में पौधारोपण किया गया। कांग्रेस पार्टी #वीडियो
read moreARTI DEVI(Modern Mira Bai)
White हज़रत मुहम्मद जी ने भी पाप कर्म दंड झेला! पुस्तक- जीवनी हज़रत मुहम्मद (सल्लाहु अलैहि वसल्लम के पृष्ठ 46, 51-52, 64, 307-315) में प्रमाण है कि हज़रत मुहम्मद जी ने बचपन में यतीमी का दुःख देखा। उनके तीनों पुत्रों की मृत्यु हो गई तथा स्वयं हज़रत मुहम्मद जी की भी 63 वर्ष की उम्र में असहाय बीमारी से तड़फ तड़फ कर मृत्यु हुई। पाप कर्म दंड तो सिर्फ अल्लाह कबीर की सच्ची इबादत करने से ही समाप्त हो सकतें है। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI DEVI(Modern Mira Bai) #CAT #love_shayari #लव #शायरी #कविता #viral #Love #कॉमेडी हज़रत मुहम्मद जी ने भी पाप कर्म दंड झेला! पुस्तक- जीवनी हज़रत मुहम्मद (सल्लाहु अल
#CAT #love_shayari #लव #शायरी #कविता #viral Love #कॉमेडी हज़रत मुहम्मद जी ने भी पाप कर्म दंड झेला! पुस्तक- जीवनी हज़रत मुहम्मद (सल्लाहु अल #भक्ति #SaintRampalJi #AlKabir_Islamic
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- अन्न गिरे भू भाग पर , नहीं उठाते लोग । और चरण रज माथ पे , करते हैं उपयोग ।। जीवन दाता पर सभी , प्रवचन देते लोग । आये कोई सामने , करने भी सहयोग ।। मातु-पिता सेवा नही , खुद पे है अभिमान । आकर देखो नाथ अब , कलयुग का इंसान ।। आज कहीं दिखता नही , रिश्तों में सत्कार । और खडे इंसान है , भोले के दरबार ।। छोड़ो माया मोह को, थे जिनके यह बोल । कभी आप भी देखिये , धन से उनको तोल ।। बीस साल की नौकरी , में सिकुडी है खाल । एक समय रोटी मिले , अब ऐसा है हाल ।। दाल मिले सब्जी नही , ऐसे थे हालात । आप बताते हो हमें , अच्छे रख जज्बात ।। जीवन के इस खेल में, निर्धन पिश्ता सत्य । दौलत वाले ले मजा , कर उसपे अब अत्य ।। बाबाओं की बात पर , करो यकीं मत आज । पढ़े लिखे हो आज तुम , करो धर्म के काज ।। भूत प्रेत ये कुछ नहीं, सब है कर्म विधान । जिसके जैसे कर्म है , देते फल भगवान ।। इधर-उधर मत देख तू , राह नही आसान । राह बताये जो सरल , वो ही है शैतान ।। सास ससुर सम्मान दो , मातु-पिता अब जान । यह ही देती मातु है , बेटी को वरदान ।। मातु-पिता ने जब किया , तेरा कन्यादान । उस दिन के ही बाद से , तुम वहाँ मेहमान ।। जिसे हृदय से चाहना , अब तक का था काम । वही छोड़ मुझको यहाँ , करता है आराम ।। पहले तो सबला बनी , इस जग की हर नार । जब पाया कुछ भी नहीं , तो अब करे विचार ।। पहले पति के प्रेम की , तनिक नही परवाह । ढ़लती उम्र दिखला रही , पति से प्रेम अथाह ।। पाकर झूठे प्रेम को, किया बहुत अभिमान । अब आया वह सामने , लिए रूप शैतान ।। झूठे जग के लोग है , करना मत विश्वास । पाते अक्सर घात है , जो करते हैं आस ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- अन्न गिरे भू भाग पर , नहीं उठाते लोग । और चरण रज माथ पे , करते हैं उपयोग ।। जीवन दाता पर सभी , प्रवचन देते लोग । आये कोई सामने , करन
दोहा :- अन्न गिरे भू भाग पर , नहीं उठाते लोग । और चरण रज माथ पे , करते हैं उपयोग ।। जीवन दाता पर सभी , प्रवचन देते लोग । आये कोई सामने , करन #कविता
read more