Find the Latest Status about मोम डीजे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मोम डीजे.
Mrmukesh kashyap ji
White कदम कदम पर बहारों ने साथ छोड़ा,जरूरत पड़ी तो यारों ने साथ छोड़ा ,सितारे बोले हम देंगे साथ तुम्हारा,मगर अब सॉस सुभा हुई तो सितारों ने भी साथ छोड़ा ©Dj Mukesh Dataganj #GoodNight #vairall post#हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें#हमारे यूट्यूब चैनल का नाम है#डीजे मुकेश दातागंज
#GoodNight #vairall postहमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करेंहमारे यूट्यूब चैनल का नाम हैडीजे मुकेश दातागंज
read moreGovind Singh rajput GSR
दिल दुखायेगा वो चाहे मोम से पत्थर करेगा। वो तुझे बदलेगा लेकिन पहले से बेहतर करेगा। जीतने की चाह है तो काम लेना हौसले से, हारना तय है अगर हर काम को डर कर करेगा। ज़िंदगी भी दाद देगी और कहेगी वाह लड़के, हर मुसीबत का अगर तू सामना डट कर करेगा। ज़िंदगी हमको सिखाना चाहती है मुश्किलों से, सीखना है या नहीं ये हम पे ही निर्भर करेगा। घर करो दिल में किसी के और फिर जादू ये देखो, वक़्त जो देता नहीं था जान न्योछावर करेगा। By GSR ©Govind Singh rajput GSR दिल दुखायेगा वो चाहे मोम से पत्थर करेगा। By GSR #Nojoto #Love #Trending #Nojoto #maa #poem #Poetry #Shayari Aditi Agrawal Neha Jain _
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष वर्ग नारी पर भारी , क्यों होता है करो विचार । निकल पड़ो हाथो में लेकर , घर से अपने आज कटार ।। बेटे भाई पति को अपने , दान करो अपने शृंगार । तुम जननी हो इस जग की .... कितनी बहनें कितनी बेटी , होंगी कब तक भला शिकार । चुप बैठी है सत्ता सारी , विवश हुआ है पालनहार ।। मन में अपने दीप जलाओ , नहीं मोम से जग उँजियार । तुम जननी हो इस जग की ..... छोड़ों चकला बेलन सारे , बढ़कर इन पर करो प्रहार । बहुत खिलाया बना-बना कर , इन्हें पौष्टिक तुम आहार ।। बन चंडी अब पहन गले में , इनको मुंडों का तू हार । तुम जननी हो इस जग की .... बन्द करो सभी भैय्या दूज , बन्द करो राखी त्यौहार । ये इसके हकदार नही है , आज त्याग दो इनका प्यार ।। जहाँ दिखे शैतान तुम्हें ये , वहीं निकालो तुम तलवार । तुम जननी हो इस जग की .... सिर्फ बेटियाँ जन्म लिए अब , सुतों का कर दो बहिष्कार । खो बैठें है यह सब सारे , बेटा होने का अधिकार ।। मिलकर जग से दूर करो यह , फैल रहा जो आज विकार । तुम जननी हो इस जग की .... तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष
गीत :- तुम जननी हो इस जग की , रच लो एक नया संसार । क्यों घुट-घुट कर फिर जीती हो , क्यों सब सहती आत्याचार ।। तुम जननी हो इस जग की .... पुरुष
read more