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Sunita Tiwari
घट में तुलसी,मुख में राम तुलसी चरणामृत लो शालिग्राम जय श्रीमन्नारायण ©Sunita Tiwari तुलसी चरणामृत
तुलसी चरणामृत
read moreAnamika
शीतल चरणामृत सुधा धार बैचेन हृदय हुआ उद्धार.. 🙏 #चरणामृत #उद्धार #सत्यनारायणभगवानकीजय 🙏 #योरकोटभक्ति
#चरणामृत #उद्धार #सत्यनारायणभगवानकीजय 🙏 #योरकोटभक्ति
read moreAkash Das
#Who_Is_EarthSavior कबीर साहेब ने जीव दत्ता की सूखी टहनी को अपने चरणामृत से हरा भरा कर दिया था। आज भी उनके भेजे पूर्ण सन्त में पूरे वातावरण
#Who_Is_EarthSavior कबीर साहेब ने जीव दत्ता की सूखी टहनी को अपने चरणामृत से हरा भरा कर दिया था। आज भी उनके भेजे पूर्ण सन्त में पूरे वातावरण #nojotophoto
read moreकुछ लम्हें ज़िन्दगी के
राम थोड़ी देर तो रोक लो इस भले यमदूत को देखो चरणामृत अभी सतिन्दर के आचमन में है ©️✍️ सतिन्दर राम थोड़ी देर तो रोक लो इस भले यमदूत को देखो चरणामृत अभी सतिन्दर के आचमन में है ©️✍️ सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्म
Krish Vj
कुछ दिनों से आप मुझसे दूर हो गए हों सम्भालने भी नही आते... बिना आपके मैं कुछ नही बिना आपके यह ज़िंदगी मुझसे रूठ गई है क्या मेंने खो दिया आपको, या रूठ गए हों मुझसे आप बोलो ना बाबा, अपराध तो हुए है मुझसे अपने हर गुनाह की क्षमा मांगता हूँ आप से भोले बाबा वापस अपनी शरण मेें ले लो मुझे बाबा 🙏🙏🙏 #shiva #शिव #prabhu #mahadev #mahakaal #क्षमा शिव चरणामृत का पात्र बना दो भोले मुझ दास को कृपा का पात्र बना दो भोले दीन हूँ, अधम, मति मलिन
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“10/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 देखिए “दृष्टिकोण” में यदि “प्रेम” रखोगे, “आदर” रखोगे तो बदले में आपको “प्रेम” और “सम्मान” अवश्य मिलेगा, अब देखिए कि “ईश्वर की मूर्ति” को “धूलकर” निकला “जल” “चरणामृत” कहलाता है कारण है “दृष्टिकोण” , अब “पत्थर” को “भगवान” समझकर “ठुकरा” दोगे, चयन आपका है किंतु यह चयन निर्भर करता है आपके “दृष्टिकोण” पर तो अपना “दृष्टिकोण” शुभ रखिएगा और अपने “दृष्टिकोण” में “प्रेम” अवश्य रखिएगा... *“अतुल शर्मा*✍🏻 *आप सभी को रामनवमी के पर्व एवं नवरात्रे समापन की हार्दिक शुभकामनाएं*🙏🏻🎊 🎉 💫 ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*📝 🖊️ *“10/4/2022”*🖋️ ✍🏻 *“रविवार”*📙 #“दृष्टिकोण” #“आदर”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“21/4/2021”*🌟 🖋️ *“बुधवार”*✨🖊️ देखिए “दृष्टिकोण” में यदि “प्रेम” रखोगे, “आदर” रखोगे तो बदले में आपको “प्रेम” और “सम्मान” अवश्य मिलेगा, अब देखिए कि “ईश्वर की मूर्ति” को “धूलकर” निकला “जल” “चरणामृत” कहलाता है कारण है “दृष्टिकोण” , अब “पत्थर” को “भगवान” समझकर “ठुकरा” दोगे, चयन आपका है किंतु यह चयन निर्भर करता है आपके “दृष्टिकोण” पर तो अपना “दृष्टिकोण” शुभ रखिएगा और अपने “दृष्टिकोण” में “प्रेम” अवश्य रखिएगा... *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* *आप सभी को रामनवमी के पर्व एवं नवरात्रे समापन की हार्दिक शुभकामनाएं* 🙏🏻🎊 🎉 💫 ✨ ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“21/4/2021”*🌟 🖋️ *“बुधवार”*✨🖊️ #“दृष्टिकोण” #“आदर”
N S Yadav GoldMine
क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अटूट प्रेम की याद दिलाती है। कहते हैं कि एक बार नंदलाल काफी बीमार पड़ गए। कोई दवा या जड़ी-बूटी उन पर बेअसर साबित हो रही थी। तभी श्रीकृष्ण ने स्वयं ही गोपियों से एक ऐसा उपाय करने को कहा जिसे सुन गोपियां दुविधा में पड़ गईं। {Bolo Ji Radhey Radhey} दरअसल श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा। उनका मानना था कि उनके परम भक्त या फिर जो उनसे अति प्रेम करता है तथा उनकी चिंता करता है यदि उसके पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को वे ग्रहण कर लें तो वे निश्चित ही ठीक हो जाएंगे। लेकिन दूसरी ओर गोपियां और भी चिंता में पड़ गईं। श्रीकृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे, वे सभी उनकी परम भक्त थीं लेकिन उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता सता रही थी। उनके मन में बार-बार यह आ रहा था कि यदि उनमें से किसी एक गोपी ने अपने पांव के इस्तेमाल से चरणामृत बना लिया और कृष्णजी को पीने के लिए दिया तो वह परम भक्त का कार्य तो कर देगी। परन्तु किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उसे नर्क भोगना पड़ेगा। अब सभी गोपियां व्याकुल होकर श्रीकृष्ण की ओर ताक रहीं थी और किसी अन्य उपाय के बारे में सोच ही रहीं थी कि वहां कृष्ण की प्रिय राधा आ गईं। अपने कृष्ण को इस हालत में देख के राधा के तो जैसे प्राण ही निकल गए हों। जब गोपियों ने कृष्ण द्वारा बताया गया उपाय राधा को बताया तो राधा ने एक क्षण भी व्यर्थ करना उचित ना समझा और जल्द ही स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर श्रीकृष्ण को पिलाने के लिए आगे बढ़ी। राधा जानतीं थी कि वे क्या कर रही हैं। जो बात अन्य गोपियों के लिए भय का कारण थी ठीक वही भय राधा को भी मन में था लेकिन कृष्ण को वापस स्वस्थ करने के लिए वह नर्क में चले जाने को भी तैयार थीं। आखिरकार कान्हा ने चरणामृत ग्रहण किया और देखते ही देखते वे ठीक हो गए। क्योंकि वह राधा ही थीं जिनके प्यार एवं सच्ची निष्ठा से कृष्णजी तुरंत स्वस्थ हो गए। अपने कृष्ण को निरोग देखने के लिए राधाजी ने एक बार भी स्वयं के भविष्य की चिंता ना की और वही किया जो उनका धर्म था। ©N S Yadav GoldMine क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अ
क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अ #प्रेरक
read moreUnconditiona L💓ve😉
Radhe.... Radhe.. 🌺गँगा की पावन जलधारा भी,उनकी चरणों से चरणामृत हो जाती है..☺️ 🌺उस देवी की दिव्यता कुछ इस तरह,कि मेरी हर पाप उनसे धूल जाती है..!🙂 🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷
🌺गँगा की पावन जलधारा भी,उनकी चरणों से चरणामृत हो जाती है..☺️ 🌺उस देवी की दिव्यता कुछ इस तरह,कि मेरी हर पाप उनसे धूल जाती है..!🙂 🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷🌿🌷 #feelings #yqbaba #Ganga #तेरेइश्क़में #राधे_राधे #राधे_कृष्णा #अल्फ़ाज़_प्रेम_के_प्रेम_से_तुम_तक
read moreÅJÎT KÙMÅR
आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर कुछ बात तुलसी की करते हैं! हमारी संस्कृति और सभ्यता में तुलसी का बहुत ही अहम योगदान है, हम अपने शास्त्रों में लिखित एक मंत्र का वर्णन करते हैं! ''अकाल-मृत्यु-हरणं सर्व-व्याधि-विनाशनम।'' ''तुलसी चरणोंदकम पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते।।'' इस मंत्र के अनुसार अगर आप तुलसी के चरणामृत का उपयोग हर रोज करते हैं तो आपके साथ अकाल मृत्यु की घटना कभी नहीं होगी.. आज के तकनीकी भरी ज्ञान और कुछ बुद्धिजीवी लोग इन बातों को बस बकवास समझते हैं परंतु आज की विज्ञान इस बात को मान चुकी है कि तुलसी में पाई जाने वाली जाने वाली antibiotics हमारे शरीर में उपस्थित सिर्फ defective bacteria और virus (COVID-19) को बड़े ही आसान तरीके से मर सकती है अर्थात हमारे बॉडी के एक भी सेल को कोई नुकसान नहीं होगा.और यही बात ऊपर लिखे मंत्र भी बताती है कि अगर आप तुलसी चरणामृत का इस्तेमाल करते हैं तो आपके शरीर में कभी भी diffective viruses और bacteria नहीं रह सकता अर्थात आप अकाल मृत्यु से हमेशा बचे रहेंगे,आप ऊपर लिखे वाक्यों से तुलसी के महत्व को बहुत अच्छे से समझ गए होंगे और आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर तुलसी के पौधेरोपण और जल अर्पण करें और हमारी संस्कृति सभ्यता के प्रति सम्मान व्यक्त करें! आपको एवं आपके परिवार को तुलसी पूजन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.. आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर कुछ बात तुलसी की करते हैं! हमारी संस्कृति और सभ्यता में तुलसी का बहुत ही अहम योगदान है, हम अपने शास्त्रों
आज तुलसी पूजन दिवस के शुभ अवसर पर कुछ बात तुलसी की करते हैं! हमारी संस्कृति और सभ्यता में तुलसी का बहुत ही अहम योगदान है, हम अपने शास्त्रों
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