Find the Latest Status about 'सम्मान की शायरी' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'सम्मान की शायरी'.
Srinivas
धोखे की परछाई में धन खड़ा हो सकता है, पर ईमानदारी की रोशनी में ही सम्मान खिलता है। धन तो पलभर का है, साहिब, पर सम्मान उम्रभर साथ चलता है। ©Srinivas धोखे की परछाई में धन खड़ा हो सकता है, पर ईमानदारी की रोशनी में ही सम्मान खिलता है। धन तो पलभर का है, साहिब, पर सम्मान उम्रभर साथ चलता है। श
धोखे की परछाई में धन खड़ा हो सकता है, पर ईमानदारी की रोशनी में ही सम्मान खिलता है। धन तो पलभर का है, साहिब, पर सम्मान उम्रभर साथ चलता है। श #शायरी
read moreDeepak Gaudel
White उड़ना चाहता हूं बाज की तरह इसलिए तितलियों पर नजर नहीं रखता दस्तक देनी है कामयाबी के हर दरवाजे पर📈 इसलिए उन तितलियों के दरवाजे की पहरेदारी नहीं करता Instagram @_dpk09 ©Deepak Gaudel शायरी हिंदी शायरी लव दोस्ती शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में उड़ना चाहता हूं बाज की तरह
शायरी हिंदी शायरी लव दोस्ती शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में उड़ना चाहता हूं बाज की तरह
read moreAshvani Kumar
सम्मान की बात आए तो गुस्सा यहां के लौड़ों के सर पर है, अपने पे उतर आएं तो कर देते हालात बद से बद्तर है, हमारा भौकाल कितना कट्टर है, की आओ कभी कानपुर तुमको बताएं की कैसा UP78 है।। ©Ashvani Kumar सम्मान
सम्मान #Shayari
read moreShailendra Singh Yadav
तुम्हारी हंसी में मेरी खुशी है। तेरी चाहतोंं में मेरी दुनिया बसी है। शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
read moreShailendra Singh Yadav
खबर नहीं किसी को मुलाकात हो गई। मुस्कुराते हुए दिल की बात हो गई। एक पल भी उनके बिन गुजरता नहीं। कब दिन गुज़रा कब रात हो गई। शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
read moreShailendra Singh Yadav
मंजिलें है तो रास्ते मिलेंगे ही। बहारें हैं तो फूल खिलेंगे ही। कोई कितना दूर हो दिल से। चाहते हैं तो जुदा हुए दिल मिलेंगे ही। शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
read moreShailendra Singh Yadav
White जहॉ बेरास्ता हो रास्ता बनाना है। पर्वतों के पार एक ख़्वाब सजाना है। ऑसुओं की हर एक बूंद को। खुशियों का सागर बनाना है। शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
read moreShailendra Singh Yadav
White उजालों में भी कहीं अंधेरा है। कहीं शाम तो कहीं सबेरा है। मुड़कर देख लो एक बार। परछाईं में भी कहीं अंधेरा है। शायर-शैलेन्द्र सिंह यादव, कानपुर। ©Shailendra Singh Yadav शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी
read moreRamnik
White जब रिश्तों में सम्मान मांगना पड़े या लड़ना पड़े तो समय आ गया है ऐसे रिश्तों को छोड़ने का, खुद को सम्मान देने का। ©Ramnik #सम्मान