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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम किसी की फितरत को नही बदल सकते, पर हम अपने आप को बदल सकते हैं, यही उस समय की बुद्धिमानी हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} हम किसी की फितरत को नही बदल सकते, पर हम अपने आप को बदल सकते हैं, यही उस समय की बुद्धिमानी हैं। जय श्री
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} हम किसी की फितरत को नही बदल सकते, पर हम अपने आप को बदल सकते हैं, यही उस समय की बुद्धिमानी हैं। जय श्री
read moreneelu
White बहता हुआ पानी और बिकता हुआ पानी कहानी तो एक ही सुनाता है पर हम समझ नहीं पाते हैं ©neelu #happy_diwali #बहता हुआ #पानी और #बिकता हुआ #पानी #कहानी तो #एक ही #सुनाता है पर हम #समझ नहीं पाते हैं
M.K Meet
खुशनुमा शाम- ठंडी-ठंडी हवाएं -और लांग ड्राइव मजा आ जाता हैं साहब और प्यार हो जाता है इसकी खुबसूरती से 🥰🥰 यह नवाबों का शहर है - लखनऊ पर हम न
read moreDhaneshdwivediwriter
चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। . ©Dhaneshdwivediwriter #Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं
#Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
दोहा :- विषय हिंदी हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
read moreDevesh Dixit
मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग। भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।। मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान। कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।। नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार। दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।। मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार। रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।। धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश। मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।। उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान। क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।। मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान। सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।। मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद। हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।। मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार। मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय
#मोदीकेयर #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मोदीकेयर (दोहे) मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार। जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।। हिय
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