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KRISHNA
अहंकार दूसरों को झुकाकर खुश होता है.. संस्कार स्वयं झुककर खुश होता है..!! ©KRISHNA #chai
KRISHNA
*चाँद भी क्या खूब है,* *न सर पर घूंघट है,* *न चेहरे पे बुरका,* *कभी करवाचौथ का हो गया,* *तो कभी ईद का,* *तो कभी ग्रहण का* *अगर* *ज़मीन पर होता तो* *टूटकर विवादों मे होता,* *अदालत की सुनवाइयों में होता,* *अखबार की सुर्ख़ियों में होता,* *लेकिन* *शुक्र है आसमान में बादलों की गोद में है,* *इसीलिए उसे* *हर एक अपनी श्रद्धा से पूजता है!* *और कविताओं* *ग़ज़लों में महफूज़ है*.....! ! ©KRISHNA #chai
Saurabhsingh
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.saiuniversalbookstore.HindiStories 1. भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी: भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी एक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर होगये, ओर उन्होने धरती पर घुमने का विचार मन मै किया, वेसे भी कई साल बीत गये थे धरती पर आये, ओर वह अपनी यात्रा की तेयारी मे लग गये, स्वामी को तेयार होता देख कर लक्ष्मी मां ने पुछा !!आज सुबह सुबह कहा जाने कि तेयारी हो रही है?? विष्णु जी ने कहा हे लक्ष्मी मै धरती लोक पर घुमने जा रहा हुं, तो कुछ सोच कर लक्ष्मी मां ने कहा ! हे देव क्या मै भी आप के साथ चल सकती हुं???? भगवान विष्णु ने दो पल सोचा फ़िर कहा एक शर्त पर, तुम मेरे साथ चल सकती हो तुम धरती पर पहुच कर उत्तर दिशा की ओर बिलकुल मत देखना, इस के साथ ही माता लक्ष्मी ने हां कह के अपनी मनवाली। ओर सुबह सुबह मां लक्ष्मी ओर भगवान विष्णु धरती पर पहुच गये, अभी सुर्य देवता निकल रहे थे, रात बरसात हो कर हटी थी, चारो ओर हरियाली ही हरियाली थी, उस समय चारो ओर बहुत शान्ति थी, ओर धरती बहुत ही सुन्दर दिख रही थी, ओर मां लक्ष्मी मन्त्र मुग्ध हो कर धरती को देख रही थी, ओर भुल गई कि पति को क्या वचन दे कर आई है?ओर चारो ओर देखती हुयी कब उत्तर दिशा की ओर देखने लगी पता ही नही चला। उत्तर दिशा मै मां लक्ष्मी को एक बहुत ही सुन्दर बगीचा नजर आया, ओर उस तरफ़ से भीनी भीनी खुशबु आ रही थी,ओर बहुत ही सुन्दर सुन्दर फ़ुल खिले थे,यह एक फ़ुलो का खेत था, ओर मां लक्ष्मी बिना सोचे समझे उस खेत मे गई ओर एक सुंदर सा फ़ुल तोड लाई, लेकिन यह क्या जब मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के पास वापिस आई तो भगवान विष्णु की आंखो मै आंसु थे, ओर भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी को कहा कि कभी भी किसी से बिना पुछे उस का कुछ भी नही लेना चाहिये, ओर साथ ही अपना वचन भी याद दिलाया। मां लक्ष्मी को अपनी भुल का पता चला तो उन्होने भगवान विष्णु से इस भुल की माफ़ी मागी, तो भगवान विष्णु ने कहा कि जो तुम ने जो भुल की है उस की सजा तो तुम्हे जरुर मिलेगी?? जिस माली के खेत से तुम नए बिना पुछे फ़ुल तोडा है, यह एक प्रकार की चोरी है, इस लिये अब तुम तीन साल तक माली के घर नोकर बन कर रहॊ, उस के बाद मै तुम्हे बैकुण्ठ मे वपिस बुलाऊंगा, मां लक्ष्मी ने चुपचाप सर झुका कर हां कर दी( आज कल की लक्ष्मी थोडे थी? ओर मां लक्ष्मी एक गरीब ओरत का रुप धारण करके , उस खेत के मालिक के घर गई, घर क्या एक झोपडा था, ओर मालिक का नाम माधव था, माधब की बीबी, दो बेटे ओर तीन बेटिया थी , सभी उस छोटे से खेत मै काम करके किसी तरह से गुजारा करते थे, मां लक्ष्मी जब एक साधारण ओर गरीब ओरत बन कर जब माधव के झोपडे पर गई तो माधव ने पुछा बहिन तुम कोन हो?ओर इस समय तुम्हे क्या चाहिये? तब मां लक्ष्मी ने कहा ,मै एक गरीब ओरत हू मेरी देख भाल करने वाला कोई नही, मेने कई दिनो से खाना भी नही खाया मुझे कोई भी काम देदॊ, साथ मै मै तुम्हरे घर का काम भी कर दिया करुगी, बस मुझे अपने घर मै एक कोने मै आसरा देदो? माधाव बहुत ही अच्छे दिल का मालिक था, उसे दया आ गई, लेकिन उस ने कहा, बहिन मै तो बहुत ही गरीब हुं, मेरी कमाई से मेरे घर का खर्च मुस्किल से चलता है, लेकिन अगर मेरी तीन की जगह चार बेटिया होती तो भी मेने गुजारा करना था, अगर तुम मेरी बेटी बन कर जेसा रुखा सुखा हम खाते है उस मै खुश रह सकती हो तो बेटी अन्दर आ जाओ। माधाव ने मां लक्ष्मी को अपने झोपडे मए शरण देदी, ओर मां लक्ष्मी तीन साल उस माधव के घर पर नोकरानी बन कर रही; जिस दिन मां लक्ष्मी माधव के घर आई थी उस से दुसरे दिन ही माधाव को इतनी आमदनी हुयी फ़ुलो से की शाम को एक गाय खरीद ली,फ़िर धीरे धीरे माधव ने काफ़ी जमीन खारीद ली, ओर सब ने अच्छे अच्छे कपडे भी बनबा लिये, ओर फ़िर एक बडा पक्का घर भी बनबा लिया, बेटियो ओर बीबी ने गहने भी बनबा लिये, ओर अब मकान भी बहुत बडा बनाबा लिया था। माधव हमेशा सोचता था कि मुझे यह सब इस महिला के आने के बाद मिला है, इस बेटी के रुप मे मेरी किस्मत आ गई है मेरी, ओर अब २-५ साल बीत गये थे, लेकिन मां लक्ष्मी अब भी घर मै ओर खेत मै काम करती थी, एक दिन माधव जब अपने खेतो से काम खत्म करके घर आया तो उस ने अपने घर के सामने दुवार पर एक देवी स्वरुप गहनो से लदी एक ओरात को देखा, ध्यान से देख कर पहचान गया अरे यह तो मेरी मुहं बोली चोथी बेटी यानि वही ओरत है, ओर पहचान गया कि यह तो मां लक्ष्मी है. अब तक माधव का पुरा परिवार बाहर आ गया था, ओर सब हेरान हो कर मां लक्ष्मी को देख रहै थे,माधव बोला है मां हमे माफ़ कर हम ने तेरे से अंजाने मै ही घर ओर खेत मे काम करवाया, है मां यह केसा अपराध होगया, है मां हम सब को माफ़ कर दे अब मां लक्ष्मी मुस्कुराई ओर बोली है माधव तुम बहुत ही अच्छे ओर दयालु व्यक्त्ति हो, तुम ने मुझे अपनी बेती की तरह से रखा, अपने परिवार के सदस्या की तरह से, इस के बदले मै तुम्हे वरदान देती हुं कि तुम्हारे पास कभी भी खुशियो की ओर धन की कमी नही रहै गी, तुम्हे सारे सुख मिलेगे जिस के तुम हक दार हो, ओर फ़िर मां अपने स्वामी के दुवारा भेजे रथ मे बेठ कर बेकुण्ठ चल ©Saurabhsingh kahani
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pyaar जिसने प्यार करना सिखाया उसने तो प्यार किया ही नहीं अब लगता हैं सच मे उसने मेरे प्यार को कभी सीरियस लिया ही नहीं उसने चलना तो सिखाया पर संहलना तो सिखाया ही नहीं अब लगता हैं सच मे उसने कभी सच्चे दिल से मुझे अपनाया ही नहीं बहुत अच्छे बनकर भी अब हम अच्छे ना रहे तुम्हारे रहे पर किसी के नजर मे सच्चे न रहे उम्मीद---🩷🩵🩶 एक दिन तेरी नजरे जब मुझे तलासने आयेंगी मुझे खोया देख ये आखे नम हो जायेगी बटोर लेना मेरे राख को उन हाथों में जिन हाथो मे मेरा हाथ होता था और कहना ये उस लड़की की राख हैं जो एक वक्त मे हर वक्त मेरे साथ हुआ करता था ©manshisingh@gmail.com ak kahani
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*पहाड़ सी है ज़िंदगी चढ़े ही जा रहा हूँ मैं..!!* *चढ़ाव का उतार का मज़ा उठा रहा हूँ मैं..!!* 🥀🥀🥀 *मिटा सकोगे तुम नहीं कभी मेरे वज़ूद को,* *कि ख़्वाब छोड़ दो ये देखना,बता रहा हूँ मैं..!!* 🥀🥀🥀 *ग़मों ने ज़िंदगी में कुछ कमी कभी रखी नहीं,* *जवाँ है हौंसला मेरा जो मुस्कुरा रहा हूँ मैं..!!* 🥀🥀🥀 *बहार में खिला के तुम इसे कमाल मत कहो,* *ख़िज़ां है फिर भी देखिए कि गुल खिला रहा हूँ मैं..!!* 🥀🥀🥀 *नहीं किसी कमाई से है कम दिलों को जीतना,* *तो ज़िंदगी में अब फकत यही कमा रहा हूँ मैं..!!* 🥀🥀🥀 *मैं रह गया परों को फड़फड़ा के कफ़स में था,* *परिंदा हूँ इन्हें भी आज़माने जा रही हूँ मैं..!!* 🥀🥀🥀 *जिस के पास जो है बस वहीं तो वो लुटाएगा,* *खुशी है पास में मेरे,खुशी लुटा रहा हूँ मैं..!!* ©KRISHNA #chai
Asman Soni
White 1.part mere bachpan ki kahani iss kahani ki suru baat hoti mere 5 yrs se mera school jane me mnn nhi lgta tha tbhi bhi mujhe ghar bale school bejte the to mere kese chala jata tha to mere mnn nhi lgta tha end 2 part m milegi kahani ©Asman Soni #Sad_Status #kahani
shreya singh bhardwaj
क्या गारंटी है कि जो दूसरे का चुगली कर रहा या कर रही, वो आपका चुगली ना करें। ©shreya singh bhardwaj #chai