Find the Best “अहंकार” Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutअहंकार का अर्थ है, अहंकार भी जरूरी है, अहंकार क्या है, मत कर माया को अहंकार, अहंकार नाम का मतलब,
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“20/3/2022”*📚 📘 *“रविवार”*🌟 “धर्म” और “प्रेम”... दोनों एक ही “मुद्रा” के दो “पहलू” है यदि इनमें से एक भी निकल जाएगा, तो दुसरा शेष नहीं रहेगा, कभी सोचा है ऐसा क्यों ? इसके लिए पहले आपको समझना होगा कि “धर्म” क्या है ? “धर्म” वो जो इस “संसार” में प्रत्येक “प्राणी” को “सुख” और “शांति” से रहने की “प्रेरणा” देता है और इस “प्रेरणा” का आधार है “प्रेम”, “प्रेम” वो जो आपके भीतर किसी ओर के प्रति “करूणा” जगाता है,“सम्मान” को जगाता है अब यदि “प्रेम” चला गया तो सर्वप्रथम “नाश” होगा “सम्मान” और “करूणा” का, अब जहां पे न “प्रेम” है,न “सम्मान”,न “करूणा” है वहां “धर्म” कहा से “वास” करेगा,इसलिए जो भी “भावनाएँ” आपके भीतर प्रवेश कर रही है उन्हें करने दिजिए किन्तु चाहें कुछ भी हो जाए, इस “प्रेम” को कही मत जाने दिजिए, इस “प्रेम” को अपने “ह्रदय” में सदैव अपने “पास” रखिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“20/3/2022”*📚 📘 *“रविवार”*🌟 #“प्रेम” #“सम्मान”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“20/3/2022”*📚 📘 *“रविवार”*🌟 #“प्रेम” #“सम्मान”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“22/7/2021”*🌫️ 🌥️ *“गुरुवार”*⛅ “इच्छा”... बड़ी “विचित्र” होती है “इच्छा”,यदि ये “पूर्ण” न हो तो “क्रोध” को जन्म देती है, यदि ये “पूर्ण” हो तो “लोभ” को जन्म देती है, यदि ये समय रहते पूर्ण न हो तो “शोक” को जन्म देती है, यदि ये “समय से पूर्व” ही पूर्ण हो तो “अहंकार” को जन्म देती है, सबकी “ इच्छाएं” होती है आपकी भी होगी, “पूर्ण” अवश्य किजिए किन्तु एक बात स्मरण रखिए कि ये जीवन “इच्छा पूर्ण” करने का माध्यम नहीं है, यह “धैर्य साधने” का माध्यम है, “नियंत्रण” रखने का माध्यम है, नियंत्रण अपनी “कामनाओं” पर, नियंत्रण अपनी “इच्छाओं” पर,अपनी “भावनाओं” पर, क्योंकि ये “इच्छा” उस “अश्व”(घोड़े) की भांति है जो “अश्व” यदि “बेलगाम” हो गया,आपके हाथ से यदि इसकी “लगाम” छूट गई तो ये आपको हमेशा “पतन” की ओर ले जाएगा, किंतु यदि आपने इसे “नियंत्रण” में रखा तो ये आपको “सफलता के शिखर” तक अवश्य ले जाएगा, इसलिए अपनी “इच्छाओं” पर नियंत्रण रखिए... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“22/7/2021”*🌫️ 🌥️ *“गुरुवार”*⛅ #“इच्छा” #“क्रोध”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“22/7/2021”*🌫️ 🌥️ *“गुरुवार”*⛅ #“इच्छा” #“क्रोध”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“14/7/2021”*📚 ✨*“बुधवार”*🌟 “जीवन” में आप के सबसे बड़े “शत्रु” आपकी “कामनाएं”, आपका “अहंकार” है जो आप ही को “नष्ट” करते है, यदि इन पर आपने “विजय” प्राप्त कर ली तो समझ लीजिए इस “संसार” में हर किसी पर “विजय” प्राप्त कर सकते है, इस “संसार” में कोई भी आपको “परास्त” नहीं कर सकता, किंतु इसके लिए आवश्यकता है “भाव” की, भाव “प्रेम” का और भाव “प्रेरणा” का... जो “व्यक्ति” “प्रेम” कर सके और “प्रेरणा” दे सके, वो सदैव “विजय का पात्र” बनता है, अपने पास “प्रेम” का एक “शस्त्र” रखिए और “प्रेरणा” की एक “ढाल” रखिए “जीवन” में कोई भी आपको “परास्त” नहीं कर सकता... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“14/7/2021”*📚 ✨ *“बुधवार”*🌟 #“जीवन” #“कामनाएं”,
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“14/7/2021”*📚 ✨ *“बुधवार”*🌟 #“जीवन” #“कामनाएं”,
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*✍🏻“सुविचार"* *“14/6/2021” *“सोमवार”* “आत्मविश्वास” और “अहंकार”... “आत्मविश्वास” और “अहंकार” में बहुत बड़ा “अन्तर” है मैं ये कर “सकता” हूं मैं वो भी कर सकता हूं ये “आत्मविश्वास” है केवल मैं ही ये कर “सकता” हूं केवल मैं ही वो भी कर सकता हूं,मैं ही “सर्वश्रेष्ठ” हूं ये है “अहंकार”... अब ये “अहंकार” जो है इसकी “पुकार” बहुत “ऊंची” होती है,लेकिन इसका “प्रहार” सबसे पहले आप ही को “नुकसान” पहुंचाता है, अब इस “अहंकार” का “विलोम” शब्द है “व्यमकार”, अर्थात स्वयं से ऊपर उठकर दूसरों के विषय में “सोचना”,“संसार” के विषय में सोचना, इस “व्यमकार” में सोचिए कि “एक से अनेक” बनीए और “एकता बनाकर” रखिए “मद”(नशे) से स्वयं को “दूर” रखिए,“अहंकार” को स्वयं को दूर रखिए,फिर निश्चित रूप से आप “विकास का कारण” बनेंगे, *🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“14/6/2021”*🌟 🖋️ *“सोमवार”*✨🖊️ #“आत्मविश्वास” #“अहंकार”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“14/6/2021”*🌟 🖋️ *“सोमवार”*✨🖊️ #“आत्मविश्वास” #“अहंकार”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“8/6/2021”*⭐ 🌳 *“मंगलवार”*🌴 जब कोई “व्यक्ति” “धर्म धारण” करता है तो वो “धर्म” भी उस व्यक्ति की “रक्षा” करता है तो उसे “धर्म” कहते हैं, “धर्म” जो “रक्षा” करता है “अहंकार” से, “बुरे विचारों”,“बुरे कर्म” से, इसलिए “पुरुषार्थ(मेहनत)” करने से पूर्व “धर्म का पालन” करने से पूर्व, “धर्म” का “उचित अर्थ” क्या है ये समझ लीजिए, जान लीजिए कि हर “धर्म” का आधार, हर धर्म का मूल “प्रेम” और “इंसानियत” है, इसलिए “धर्म” को अपनाकर कोई “गलत काम” या किसी की “आत्मा को ठेस” ना पहुंचाएं, हो सके तो “इंसानियत” और “प्रेम” सब में बांटिए... *“अतुल शर्मा”🖋️🌳* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“8/6/2021”*⭐ 🌳 *“मंगलवार”*🌴 #“व्यक्ति” #“धर्म धारण”
*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“8/6/2021”*⭐ 🌳 *“मंगलवार”*🌴 #“व्यक्ति” #“धर्म धारण”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️*“3/6/2021”*🧘♂️ ✨ *“गुरुवार”*🌟 देखा जाए तो “जन्म” से “अंत” तक का यह जो “समय” यही “जीवन” है, किंतु इसमें भी जो “समय” आता है वह किसी “कारण” से ही आता है, जिसे हम “जी” सकते हैं जिससे हम “सीख” सकते हैं, तो “आज” जो “समय” आपके हाथ में है, इसे “सहेज” कर रखें, उसका “अनुभव” करें उससे “सीखे”, और याद रखिए “भविष्य” में जो भी हो सकता है और जो कुछ होने वाला है, उसके बारे में ना आप “जानते” हैं और ना वो आप के “वश” में है, इसलिए आज “अहंकार” और “अभिमान” करके “भविष्य” का “अनर्थ” मत कीजिए, “स्वयं” का भी “अनर्थ” मत कीजिए, और यही “समय का अर्थ” है... *“अतुल शर्मा”🖋️📝* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️*“3/6/2021”*🧘♂️ ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“जन्म” #“अंत”
*✍🏻“सुविचार"*📝 🧘♂️*“3/6/2021”*🧘♂️ ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“जन्म” #“अंत”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“22/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार”*✨📙 जब “मैं” और “केवल” ये दोनों एक हो जाते है वहां से आपका “पतन” आरंभ हो ही जाता है तो आप कभी भी इस “अहंकार” के “चक्रव्यू” में मत फंसिएगा, “विश्वास” किजिए “स्वयं” पर भी और “दुसरों” पर भी और एक बात स्मरण रखिए, “विश्वास” से ही विश्व की हर एक वस्तु “वास” करती है, तो इस “अहंकार” को त्याग दिजिए, जीवन में “सुख” और “समृद्धि” दोनों रहेंगी ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“22/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार”*✨📙 #“मैं” #“केवल”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“22/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“सोमवार”*✨📙 #“मैं” #“केवल”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“रविवार”*✨📙 “प्रेम” “प्रेम” वो जो आपके भीतर किसी ओर के प्रति “करूणा” जगाता है, “सम्मान” को जगाता है अब यदि “प्रेम” चला गया तो सर्वप्रथम “नाश” होगा “सम्मान” और “करूणा” का, अब जहां पे न “प्रेम” है, न “सम्मान”, न “करूणा” है वहां “धर्म” कहां से वास करेगा, “भौतिक इच्छाएँ” जागने लगती है,“क्रोध” जागने लगता है, “अहंकार” जागने लगता है और फिर आरंभ होता है “अधर्म का कर्म”, इसलिए जो भी “भावनाएँ” आपके भीतर “प्रवेश” कर रही है उन्हें करने दिजिए किन्तु चाहें कुछ भी हो जाए, इस “प्रेम” को कही मत जाने दिजिए, इस प्रेम से शायद आप शुभ कर्म कर सकेंगे, इस “प्रेम” को सदैव अपने पास रखिए अपने दिल में, ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“रविवार”*✨📙 #“प्रेम” #“सम्मान”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“रविवार”*✨📙 #“प्रेम” #“सम्मान”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“4/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 लोग कहते हैं कि “प्रेम” में बहुत “शक्ति” होती है और यह “सत्य” भी है, क्योंकि ये “प्रेम” यदि “व्यवहार” में हो,“मन” में हो,“विचारों” में हो तो ये “शुभ” है और ये निर्माण करता है किंतु “प्रेम” यदि “व्यापार” में हो यदि “प्रेम” का “उपयोग” अपने “स्वार्थ” अपने “अहंकार” के लिए किया जाए तो यह आपके “जीवन में नाश” कर सकता है, इसलिए इस “मन” में “प्रेम” अवश्य रखिए,इस “व्यवहार” में “प्रेम” अवश्य रखिएगा किन्तु ध्यान ये भी रखिए कि आपका ये “प्रेम” इसे कोई “व्यापार” न बना ले... ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“4/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“प्रेम” #“शक्ति”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“4/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“गुरुवार”*✨📙 #“प्रेम” #“शक्ति”
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*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“6/1/2021”*🖋️ 📘✨ *“बुधवार”*✨📙 *किसी के समक्ष “झुकने” का यह अर्थ नहीं कि सामने वाला “व्यक्ति” आपसे अधिक “प्रभावशाली” बन गया है* *इसका अर्थ ये भी नहीं कि आप “हार चुके” हो या “हार मान” गये हो,* *किसी के समक्ष “झुकने” से या “विनम्र” रहने से आपका कद “छोटा” नहीं होता* *किंतु सामने वाले “व्यक्ति” के मन में आपके लिए “आदर” और “प्रेम” अवश्य बढ़ता है,* *तो क्या चुनेंगे आप “अहंकार” या “विनम्रता” ..* ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“6/1/2021”*🖋️ 📘✨ *“बुधवार”*✨📙 #“झुकना” #“व्यक्ति”
*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“6/1/2021”*🖋️ 📘✨ *“बुधवार”*✨📙 #“झुकना” #“व्यक्ति”
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