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Sandhya Tailor

ज्ञान की बाते

©Sandhya Tailor #ज्ञान #ज्ञान_की_बात #ज्ञानी #ज्ञान3शब्दोंमें #ज्ञानकाआधार #“ज्ञान” #ज्ञान1

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“15/2/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 #“अर्थ” #“पुरूषार्थ”(परिश्रम)

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“15/2/2022”*📚
🖋️*“मंगलवार”* 🌟

“अर्थ” अर्थात दूसरा “पुरूषार्थ”(परिश्रम) 
इस “अर्थ” का “तात्पर्य”
 अधिकतर लोग “धन” समझ लेते है,
किंतु यदि “अर्थ” का तात्पर्य केवल “धन” है 
तो ये अत्यंत “नुकसानदेह” है,
तो “अर्थ” का “अर्थ” क्या है ?
अर्थ वो जो हमारे “जीवन” के लिए आवश्यक है 
जो हमें “सुख” दे सके,“शांति” दे सके,
क्योंकि वो ही तो सबसे अधिक “मूल्यवान” है,
हमारे “माता-पिता”,“मित्र”, “संबंधी”,“गुण”,“पुण्य”,“ज्ञान”
 इन सब से मिलकर “अर्थ” बनता है,
और सही मायने में यही “जीवन” का “अर्थ” भी तो है,
तो इसलिए “धन” अवश्य कमाईए 
लेकिन “धन कमाने” की “व्यस्तता” में 
इन सभी से “दूरी” न मत बनाइए,
अपने “परिवार” को,अपने “दिल” के करीब के “संबंधियों” को भी समय दिजिए,
 *“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“15/2/2022”*📚
🖋️ *“मंगलवार”* 🌟

#“अर्थ” 

#“पुरूषार्थ”(परिश्रम)

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📓 *“4/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“कमाना”* *#“धन” या “संपत्ति”*

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📓*“4/2/2022”*📚
🖋️*“शुक्रवार”* 🌟

जीवन में “कमाना” क्या होता है ?
अधिकतर लोग कहते है 
कमाना अर्थात “धन” या “संपत्ति”,
और क्या ही “अर्जित” करते है,
अब प्रश्न यह है कि ऐसा क्या है 
जो “वास्तविक रूप” से अर्जित करने योग्य है, 
वो है “व्यवहार” और “ज्ञान” और “संतोष”, 
क्योंकि जब आप इस “संसार” से चले जाएंगे तो आपकी “धन” या “संपत्ति” आपको “विदा” करने नहीं आएगी,आपको “विदा” करेंगे आपके अपने, 
जिनके साथ आपका “व्यवहार” था,इस “संसार” में कई सारे “मनुष्य” “धन अर्जित” कर सकते है, 
“श्रेष्ठ मनुष्य” तो वो है जो “व्यवहार”,“ज्ञान” और “संतोष” प्राप्त करता है और इसे सब में “बांटता” है,
तो आप भी यही किजिए 
ये “मन प्रसन्न” अवश्य रहेगा, 
*“अतुल शर्मा”*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📓 *“4/2/2022”*📚
🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟

*#“कमाना”* 

*#“धन” या “संपत्ति”*

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“22/12/2021”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“सच बोलना”* *#“दान करना”*

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“22/12/2021”*📚
🖋️*“बुधवार”* 🌟

देखिए हम सब जानते है 
कि “सच बोलना” “अच्छा” है,
“दान करना” “पुण्य” है,हम ये भी जानते है 
कि “परिश्रम” करोगे तो “सफलता” भी मिलेगी,
ये “ज्ञान” तो हमारे पास है लेकिन ऐसा कई “सारा ज्ञान” और भी हमारे पास है,“आलस्य के कारण” बस 
हम इसका “प्रयोग” नहीं कर पाते है,
इस “ज्ञान” को जी नहीं पाते और इसे “आचरण”
 में ला नहीं पाते और इसलिए हम “दुःखी” रहते है,
तो आपके पास जो भी “ज्ञान” है,
जो भी “ज्ञान” आपको प्राप्त है 
उस “ज्ञान को जीना” आरंभ किजिए,
“जीवन” में लाना “आरंभ” किजिए,
ये “मन” प्रत्येक क्षण “प्रसन्न” अवश्य रहेगा 
एवं “लक्ष्य” भी प्राप्त अवश्य कर लेगा,
इसलिए आपने तो ये सुना ही होगा 
कि “ज्ञान बांटने” से और भी “बढ़” जाता है,
इसलिए अपने “अच्छे ज्ञान”,“अपनी अच्छी सोच” और “अच्छे विचार” सबके समक्ष अवश्य रखिए...
*अतुल शर्मा*✍🏻

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘 *“22/12/2021”*📚
🖋️ *“बुधवार”* 🌟

*#“सच बोलना”* 

*#“दान करना”*

Atul Sharma

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“28/10/2021”*📝 ✨ *“गुरुवार”*🌟 #“परिश्रम” #“ज्ञान”

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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“28/10/2021”*📝
✨ *“गुरुवार”*🌟

महाभारत के समय में “पांडव” बड़े “कुशल” थे,
बड़े “शक्तिशाली” थे,
युधिष्ठिर ने अपने “परिश्रम” से कुछ इस प्रकार “ज्ञान” प्राप्त किया कि “संसार”
 उसे “धर्मराज युधिष्ठिर” कहने लगे,
देखा जाए तो पांडवों के पास सब कुछ है 
किंतु जब बात आए और “धन” पाने की,
तो “युधिष्ठिर” जो “पांडवों” में “श्रेष्ठ” थे,
शेष सभी पांडवों के साथ द्यूत(जुए) का ये खेल बैठे,
न केवल इसमें केवल “धन”,“विवेक” और “धर्म” हार गए,
बल्कि इसमें अपनी
 “ग्रहलक्ष्मी द्रौपदी” को भी हार गए,
कारण क्या है ?
“भूल” गए एक सरल सी बात कि इस संसार में “मान” और “सफलता”... “परिश्रम” और “कर्म” से पाए जाते है,
“द्यूत(जुए)” का ये खेल ये तो “भाग्य” पर ही चलता है,
अब संसार में दो मार्ग है संसार में एक “मार्ग” वो जहां “कर्म” और “परिश्रम” से आप अपना भाग्य स्वयं रचते है एक मार्ग वो जहां ये “भाग्य” एक क्षण में आपको “बना” सकता है या फिर आपको “मिटा” भी सकता है, 
आप कौनसा “मार्ग” चुनेंगे,
चयन आपका है,
*“अतुल शर्मा”🖋️📝*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“28/10/2021”*📝
✨ *“गुरुवार”*🌟

#“परिश्रम” 

#“ज्ञान”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 💫*“29/9/2021”*✨ 📘 *“बुधवार”*📚 #“जीवन” #“श्रेष्ठ”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
💫*“29/9/2021”*✨
📘 *“बुधवार”*📚

हम सब जीवन में स्वयं के लिए “श्रेष्ठ” ही सोचते है, सबसे “अच्छी सुविधा” पाना चाहते है,
सबसे “अधिक सम्मान” पाना चाहते है,
परन्तु क्या सबके लिए यह पाना “संभव” है ?
हां...क्यों नहीं...
बस “बाधा” है “समय”,हमारा “जीवन” स्थायी नहीं है इसलिए यदि समय का सदुपयोग करोगे 
तो तनिक सरलता होगी,
अब देखिए न... जिन्हें स्वप्न देखना अच्छा लगता है उनके लिए रात 🎑 छोटी पड़ जाती है और जिन्हें स्वप्न पूर्ण करने है उनके लिए दिन 🌇 छोटा पड़ जाता है।
जो “सम्मान” पाना चाहता है उनके लिए “परोपकार” छोटा पड़ जाता है और जो “ज्ञान” पाना चाहते है 
उनके लिए “अध्ययन”...
स्मरण रखिएगा “जीवन” में “लक्ष्य” को पाना हो 
तो “समय का प्रबंधन” ठीक होना ही चाहिए,
 *“अतुल शर्मा🖋️📝*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
💫*“29/9/2021”*✨
📘 *“बुधवार”*📚

#“जीवन” 

#“श्रेष्ठ”

Atul Sharma

*📝“सुविचार"*📚 ✨ *5/9/2021*🖋️ 🖊️ *“रविवार ”*📘 *(शिक्षक दिवस)* #“गुरु” #“मार्ग”

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*📝“सुविचार"*📚
✨ *5/9/2021*🖋️
🖊️ *“रविवार ”*📘
 *(शिक्षक दिवस)*

“गुरु” जो हमें “मार्ग” दिखाते है
जो हमारे “जीवन” अत्यंत महत्वपूर्ण होते है 
लेकिन कुछ “लोगों” का मानना ये है कि “गुरू” की कोई आवश्यकता नहीं,क्योंकि सारा जो “ज्ञान” है
 वो “मनुष्य” के ही “भीतर” होता है,
यदि सारा “ज्ञान” मनुष्य के भीतर ही है 
तो “गुरु” की क्या आवश्यकता है ?
और जो लोग आजतक “गुरु” को मानते आए है
 क्या वो अनुचित है ? नहीं... 
देखिए यदि “गुरु” ही नहीं रहेंगे,उनके “प्रयास” ही नहीं रहेंगे तो “सारा ज्ञान” जो मनुष्य के “भीतर” है 
वह “व्यर्थ” चला जाएगा,
जी आपके “जीवन” में आपके साथ आपके “गुरु” है जो आपका “मार्गदर्शन” कर रहे हैं 
और आपके “भीतर के ज्ञान” को बाहर निकाल रहे हैं,
तो अपने “गुरु का सदैव” सम्मान कीजिए...
“धन्य” हो ऐसे “गुरु” जो अपने “शिष्य” को 
उसके “गणतव्य” तक पहुंचाते है 
और उसका “सारा श्रेय” उसे देते है
तो “जीवन” में ऐसे “गुरुओं” को सदैव “स्मरण” रखिए,सदैव उनका “आदर” किजिए,
आप कभी जीवन में “पीछे” नहीं रहेंगे ...
*🖋️*अतुल शर्मा✨*

©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚
✨ *5/9/2021*🖋️
🖊️ *“रविवार ”*📘
 *(शिक्षक दिवस)*

#“गुरु” 

#“मार्ग”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“16/7/2021”*📚 ✨ *“शुक्रवार”*🌟 #“ज्ञान” #“असत्य”

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“16/7/2021”*📚
✨*“शुक्रवार”*🌟

“ज्ञान” वही जो “असत्य” से “सत्य” की ओर ले जाए,
“प्रकाश” वही जो “अंधकार” से 
“ज्योति(रोशनी)” की ओर ले जाए,
“जीवन” वही जो “मृत्यु” से “अमर्त्य” की ओर ले जाए,
आप किसी “वृक्ष” को देखिए
“अनेक वर्षों” तक “जीवन” जीता है क्यों ?
क्योंकि वह “बांटना” जानता है,
अपने “बीजों” को बांटता है इस “धरा” को देता है,
वो “बीज” जो “अंकुर” बनते है एक नए “वृक्ष” को “जन्म” देते है केवल “बांटने” से 
एक “वृक्ष” “जीवनदान” दे पाता है,
यदि कोई व्यक्ति “ज्ञान” बांटना सीख जाए,यदि “प्रकाश” किरणों को बांटना सीख जाए,कोई “व्यक्ति” जीवन में “सुख बांटना” सीख जाए,तो वो “मरके” भी कभी नहीं “मर” सकता,
इस “बांटने का सुख” ही कुछ और है,
तो आप भी इस “सुख” को “अनुभव” किजिए
 और “सदैव प्रसन्न” रहिए...
*“अतुल शर्मा 🖋️📝*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
📘*“16/7/2021”*📚
✨ *“शुक्रवार”*🌟

#“ज्ञान” 

#“असत्य”

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“9/6/2021”*⭐ 🌳 *“बुधवार”*🌴 #“अर्थ” #“पुरूषार्थ”(परिश्रम)

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*✍🏻“सुविचार"*📝 
✨*“9/6/2021”*⭐
🌳*“बुधवार”*🌴

“अर्थ” अर्थात दूसरा “पुरूषार्थ”(परिश्रम) 
इस “अर्थ” का “तात्पर्य” अधिकतर लोग 
“धन” समझ लेते है,
किंतु यदि “अर्थ” का तात्पर्य केवल “धन” है 
तो ये अत्यंत “नुकसानदेह” है,
तो “अर्थ” का “अर्थ” क्या है ?
अर्थ वो जो हमारे “जीवन” के लिए आवश्यक है जो हमें “सुख” दे सके,“शांति” दे सके,
क्योंकि वो ही तो सबसे अधिक “मूल्यवान” है,
हमारे “माता-पिता”,“मित्र”, “संबंधी”,“गुण”,“पुण्य”,“ज्ञान” 
इन सब से मिलकर “अर्थ” बनता है,
और सही मायने में यही “जीवन” का “अर्थ” भी तो है,तो इसलिए “धन” अवश्य कमाईए लेकिन “धन कमाने” की “व्यस्तता” में 
इन सभी से “दूरी” न मत बनाइए,
 *“अतुल शर्मा”🖋️🌳*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
✨*“9/6/2021”*⭐
🌳 *“बुधवार”*🌴

#“अर्थ” 

#“पुरूषार्थ”(परिश्रम)

Atul Sharma

*✍🏻“सुविचार"*📝 🌟*“18/4/2021”*🌟 🖋️ *“रविवार”*✨🖊️ #“संसार” #“मूल्यवान धन”

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उनसे दूर *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“18/4/2021”*🌟
🖋️ *“रविवार”*✨🖊️

“संसार” में सबसे “मूल्यवान धन” 
वो  जिसे हम “ज्ञान” कहते है,
इसे कोई आपसे “छिन” नहीं सकता,
कोई “लुटेरा” “लूट” नहीं सकता,कोई “चोर” “चुरा” नहीं सकता, ये आपके “साथ” ही रहता है,
किंतु एक “कार्य” है जो आप कर सकते है ये “ज्ञानरूपी धन” आप “बाँट” सकते है,
एकमात्र ऐसा “धन” है ये “ज्ञान” 
जो “बाँटने” से और “बढ़ता” है,
इसलिए सदैव “स्मरण” रखिएगा 
“ज्ञान” प्राप्त करने पर “विश्वास” रखिए 
“धन” प्राप्त करने पर नहीं,
*🖊️“अतुल शर्मा🖋️📝✨*

©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 
🌟*“18/4/2021”*🌟
🖋️ *“रविवार”*✨🖊️

#“संसार”

#“मूल्यवान धन”
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