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Devil SK

मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है Life #gaon #GaonKiYad #Gaon_Seher_aur_ameeri #ज़िन्दगी

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मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है
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 सालो बाद शहर से  मैं जब अपने गांव जाता हूं,  तो 
    मेरे गांव की गली मुझसे मेरा पहचान पुछता है

आप को हो, कहा से आए हो ये सावल पुछता है

जिस बाग बगिचे, खेत खरिहानी में खेला कुदा, गांव की जिस नदी मैं दोस्तो के साथ मछली पकाड़ी
और जिस आम के पेड़ से आम चोरी की, जिस चलेबी के पेड़ से दोस्ती के साथ जलेबी तोड़ कर खाई
ओ सब आज मुझे पहचानने से इन्कार करता है 

मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है

जब सालो बाद अपने गांव जाता हूं, तो वहा की हवा और वहा की पाक्षी भी मुझे अजनबी मैं और महमान कह कर  मेरा मजाक  बनतl है

मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है

गांव के जिस जिस लोगो के कांधे और गोदी में खेल कर अपना बचपन गुजरा है
आज वो लोग ही मुझे से मेरा नाम और पता पुछता है, कब आए और कहा से आए हो ये सावल पुछता है

 मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है

कितने दिन के लिए आए हो, और कब जाओगे
अपने ही घर में और अपने ही घर वाले ये सावल पुछते हैं

जी साहब अब मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है

©Devil SK मेरे गांव की गली मेरा पहचान पुछता है

#Life #gaon #GaonKiYad #Gaon_Seher_aur_ameeri

Shruti Singh

#Gaon_Seher_aur_ameeri

तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है,
और तू मेरे गांव को गँवार कहता है   

ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात पता है  
तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है  

थक  गया है हर शख़्स काम करते करते  
तू इसे अमीरी का बाज़ार कहता है।

गांव  चलो वक्त ही वक्त  है सबके पास  !!
तेरी सारी फ़ुर्सत तेरा इतवार कहता है 

मौन  होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहे हैं 
तू इस मशीनी दौर  को परिवार कहता है

जिनकी सेवा में खपा  देते थे जीवन सारा,
तू उन माँ बाप  को अब भार कहता है  

वो मिलने आते थे तो कलेजा साथ लाते थे,
तू दस्तूर  निभाने को रिश्तेदार कहता है

बड़े-बड़े मसले हल करती थी पंचायतें 
तु  अंधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार  कहता है 

बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाडी में  
पूरा परिवार  भी न बैठ पाये उसे तू कार कहता है  

अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं 
तू इस नये दौर  को संस्कार कहता है

©SSK #booklover


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