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Best अनाम_चर्चा Shayari, Status, Quotes, Stories

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Anamika Nautiyal

हमारी जान से भी ज्यादा प्यारे और फोन में सोशल साइट्स के नाम पर इकलौते कुंडली जमाए हुए योरकोट( आपका कोट) नामक एप्लीकेशन जिस पर हम अपना बहुत अच्छे से समय बर्बाद कर रहे हैं( बुरा मत मानना प्रिय हो तुम) पर हम पिछले दिनों ऑब्जर्वर मोड़ पर थे और अब मोड ऑफ होने पर भी यदा-कदा दृष्टि ऐसी चीजों पर पड़ ही जाती है कि आंखें गंगाजल से धोकर पवित्र करनी पड़ती है। अम्मा कसम कभी कभी यह जो अपना प्यारा दुलारा है ना अरे भई यही yq लगता है कि कामदेव का लोक है जहाँ तहाँ देखो जन्मों के बिछड़े प्रेमी प्रेमालाप कर रहे है

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हद प्यार/हद पार हमारी जान से भी ज्यादा प्यारे और फोन में सोशल साइट्स के नाम पर इकलौते कुंडली जमाए हुए योरकोट( आपका कोट) नामक एप्लीकेशन जिस पर हम अपना बहुत अच्छे से समय बर्बाद कर रहे हैं( बुरा मत मानना प्रिय हो तुम) पर हम पिछले दिनों ऑब्जर्वर मोड़ पर थे और अब  मोड ऑफ होने पर भी यदा-कदा दृष्टि ऐसी चीजों पर पड़ ही जाती है कि आंखें गंगाजल से धोकर पवित्र करनी पड़ती है।
अम्मा कसम कभी कभी यह जो अपना प्यारा दुलारा है ना अरे भई यही yq लगता है कि कामदेव का लोक है जहाँ तहाँ देखो जन्मों के बिछड़े प्रेमी प्रेमालाप कर रहे है

Anamika Nautiyal

आज हम दो जुड़वा बहने मगर एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत एकदम उलट का साक्षात्कार करने जा रहे हैं।और उन दो बहनों के नाम हैं "अच्छाई और बुराई" ! साक्षात्कार में हम उनसे पूछेंगे कुछ आम सवालात तो आइए बात करते हैं आज अच्छाई और बुराई से । तो सबसे पहले मिस अच्छाई आप बताइए अपने बारे में और अपना परिचय दीजिए ! अच्छाई :- जी जैसे कि आप जानते हैं मेरा नाम अच्छाई है और मैं देखने और व्यवहार में सुंदर हूँ मैं गुणों से भरपूर हूँ और सभी लोग मुझे पसंद करते हैं। तो आइए जानते हैं अब मिस बुराई का परिचय ।

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आज हम दो जुड़वा बहने मगर एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत एकदम उलट का साक्षात्कार करने जा रहे हैं।और उन दो  बहनों के नाम हैं "अच्छाई और बुराई" ! साक्षात्कार में हम उनसे पूछेंगे कुछ आम सवालात तो आइए बात करते हैं आज अच्छाई और बुराई से ।

तो सबसे पहले मिस अच्छाई आप बताइए अपने बारे में और अपना परिचय दीजिए !

अच्छाई  :- जी जैसे कि आप जानते हैं मेरा नाम अच्छाई है और मैं देखने और व्यवहार में सुंदर हूँ मैं  गुणों से भरपूर हूँ और सभी लोग मुझे पसंद करते हैं।

तो आइए जानते हैं अब मिस बुराई का परिचय ।

Anamika Nautiyal

घोषणापत्र यानी एक काग़ज़ पर अपने विचारों को लिखकर उसकी घोषणा करना शायद यही या फिर कुछ और मगर जब घोषणा पत्र के आगे चुनावी शब्द लग जाता है तब यह 'खज़ाने' के किसी 'नक्शे' की तरह हर हाथों में दिखाई देने लगता है!! चुनाव से कुछ पहले प्रत्येक दल सत्ता में आने के बाद अपने द्वारा किए जाने वाले कार्यों का उल्लेख घोषणा पत्र में करते हैं और जनता को इस बात का आश्वासन दिलाते हैं की सत्ता में आने के बाद वे इन कार्यों को संपन्न करेंगे! मगर यह चुनावी घोषणा पत्र आख़िर बनता कैसे हैं शेफ संजीव

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चुनावी घोषणा पत्र 

             

 घोषणापत्र यानी एक काग़ज़ पर अपने विचारों को लिखकर उसकी घोषणा करना शायद यही या फिर कुछ और मगर जब घोषणा पत्र के आगे चुनावी शब्द लग जाता है तब यह 'खज़ाने' के किसी 'नक्शे' की तरह हर हाथों में दिखाई देने लगता है!! 
चुनाव से कुछ पहले प्रत्येक दल सत्ता में आने के बाद अपने द्वारा किए जाने वाले कार्यों का उल्लेख घोषणा पत्र में करते हैं और जनता को इस बात का आश्वासन दिलाते हैं की सत्ता में आने के बाद वे इन कार्यों को संपन्न करेंगे!

 मगर यह चुनावी घोषणा पत्र आख़िर बनता कैसे हैं शेफ संजीव

Anamika Nautiyal

हमारे पड़ोस में एक अंकल जी रहते हैं रिटायर्ड हैं ,और बच्चे उनके पास नहीं रहते वैसे तो उनकी अपनी दिनचर्या है पर लॉक डाउन के कारण उनकी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई और सभी की तरह उन्हें भी घर में बैठना पड़ा। मेरा संपर्क उनसे व्हाट्सएप से भी है तो जाहिर है वह मुझे गुड मॉर्निंग के साथ-साथ कुछ व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की खबरें भी प्रदान करते रहते हैं। इधर मैं कुछ दिनों से देख रही हूँ कि उनके मैसेज कम आ रहे हैं तो मैं हालचाल पूछने खुद ही चली गई। बुजुर्ग व्यक्ति हैं और ऊपर से कोरोना हम पड़ोसी धर्म

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   बुद्धू बक्सा 


    हमारे पड़ोस में एक अंकल जी रहते हैं रिटायर्ड हैं ,और बच्चे उनके पास नहीं रहते वैसे तो उनकी अपनी दिनचर्या है पर लॉक डाउन के कारण उनकी दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई और सभी की तरह उन्हें भी घर में बैठना पड़ा।


मेरा संपर्क उनसे व्हाट्सएप से भी है तो जाहिर है वह मुझे गुड मॉर्निंग के साथ-साथ कुछ व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की खबरें भी प्रदान करते रहते हैं। इधर मैं कुछ दिनों से देख रही हूँ कि उनके मैसेज कम आ रहे हैं  तो मैं हालचाल पूछने खुद ही चली गई। बुजुर्ग व्यक्ति हैं और ऊपर से कोरोना हम पड़ोसी धर्म

Anamika Nautiyal

भारत में होली दिवाली और ईद के साथ एक और चीज़ है जो हर साल आती है । बरसती बूँदे कितनी ख़ूबसूरत होती है ना, झमाझम बारिश चाय की चुस्की के साथ गरमा गरम पकोड़े तो मज़ा आ जाए ना। लेकिन इन बूँदों की अधिकता अपने साथ ले आती है - बाढ़ । ऐसा नहीं है कि इसे बुलाया जाता है या फिर उसका कोई इंतज़ार करता है बल्कि इसे तो भर-भर के गालियाँ खानी पड़ती है मगर फिर भी इतनी ढीठ है कि हर साल मुँह उठाकर चली आती है। और सबसे अच्छी बात तो इस बाढ़ की यह है किसी धर्म विशेष से संबंधित नहीं बल्कि सर्वधर्म समभाव रखने वाली

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अतिथि देवो भवः !  

भारत में होली दिवाली और ईद के साथ एक और चीज़ है जो हर साल आती है । बरसती बूँदे कितनी ख़ूबसूरत होती है ना, झमाझम बारिश चाय की चुस्की के साथ गरमा गरम पकोड़े तो मज़ा आ जाए ना। लेकिन इन बूँदों की अधिकता अपने साथ ले आती है - बाढ़ ।

ऐसा नहीं है कि इसे बुलाया जाता है या फिर उसका कोई इंतज़ार करता है बल्कि इसे तो भर-भर के गालियाँ खानी पड़ती है मगर फिर भी इतनी ढीठ है कि हर साल मुँह उठाकर चली आती है। और सबसे अच्छी बात तो इस बाढ़ की यह है किसी धर्म विशेष  से संबंधित नहीं  बल्कि सर्वधर्म समभाव  रखने वाली

Anamika Nautiyal

डिप्रेशन हाँ नाम तो सुना है पर होता क्या है.... शायद ज़िंदगी से हार मान लेने वाली स्थिति मगर ऐसी स्थिति आने का कारण है क्या..? आज की दौड़ भाग भरी ज़िंदगी में हम इतने व्यस्त हो गए हैं कि ख़ुद के लिए फुर्सत निकालना भी मुश्किल हो गया है ।हम हमेशा सोचते हैं कि आज ज़्यादा काम कर लिया शरीर में थकावट महसूस हो रही है ,लेकिन मानसिक थकावट का क्या ? वह जो धीरे धीरे अधिक होकर ज़हर बनती जा रही है ।आज के दौर में शारीरिक से अधिक मानसिक सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता है।जरा सी हार से हम परेशान होने

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 डिप्रेशन हाँ नाम तो सुना है पर होता क्या है.... शायद ज़िंदगी से हार मान लेने वाली स्थिति मगर ऐसी स्थिति आने का कारण है क्या..?

 आज की दौड़ भाग भरी ज़िंदगी में हम इतने व्यस्त हो गए हैं कि ख़ुद के लिए फुर्सत निकालना भी मुश्किल हो गया है ।हम हमेशा सोचते हैं कि आज ज़्यादा काम कर लिया शरीर में थकावट महसूस हो रही है ,लेकिन मानसिक थकावट का क्या ?

     वह जो धीरे धीरे अधिक होकर ज़हर बनती जा रही है ।आज के दौर में शारीरिक से अधिक मानसिक सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता है।जरा सी हार से हम परेशान होने

Anamika Nautiyal

देवियों और सज्जनों आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं।यह मुद्दा आजकल वैसे भी चर्चाओं में छाया हुआ है तो क्यों ना हम भी इस बहती गंगा में हाथ धो कर स्वयं को धन्य समझे और मोक्ष की प्राप्ति करें। देखने में आ रहा है कि जब से मधुशाला को खोलने का आदेश दिया गया है कुछ महानुभाव इस पर आलोचना कर रहे हैं, या तो यह सज्जन इसकी महिमा से अनभिज्ञ हैं या फिर यह इसकी महिमा सुनना ही नहीं चाहते। इस लेख को पढ़ने वाले न जाने किस में आते होंगे😆 खैर छोड़िए हम सीधे आते हैं मुद्दे की बात पर ।तो समझ न

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शायरियाँ ग़ज़लें देश हित की चर्चा
क्या-क्या  दफ़न था दिल के तहखाने में
उमड़ पड़ा सैलाब जब महफ़िल सजी मयखाने में

(अधिक जानकारी के लिए कैप्शन में पढ़ें) देवियों और सज्जनों आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा शुरू करने जा रहे हैं।यह मुद्दा आजकल वैसे भी चर्चाओं में छाया हुआ है तो क्यों ना हम भी इस बहती गंगा में हाथ धो कर स्वयं को धन्य समझे और मोक्ष की प्राप्ति करें।


देखने में आ रहा है कि जब से मधुशाला को खोलने का आदेश दिया गया है कुछ महानुभाव इस पर आलोचना कर रहे हैं, या तो यह सज्जन इसकी महिमा से अनभिज्ञ हैं या फिर यह इसकी महिमा सुनना ही नहीं चाहते।
इस लेख को पढ़ने वाले न जाने किस में आते होंगे😆
खैर छोड़िए हम सीधे आते हैं मुद्दे की बात पर ।तो समझ न

Anamika Nautiyal

तो देवियों और सज्जनों बिना किसी देरी के शुरुआत करते हैं आज की चर्चा। 🙏 (हाँ यदि आपको एक भी बात उचित लगे तो प्रोत्साहन के लिए तालियाँ भी बजा सकते हैं, वैसे ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है लेकिन बोलना मेरा कर्तव्य है ) बिना किसी आलस्य के हम चर्चा शुरू करते हैं आलस्य पर ,वैसे आप सभी इस बारे में जानते ज़रूर होंगे । इस प्रकार के व्यक्ति प्रायः हमारे आस पास ही पाए जाते हैं। और इनका प्रिय स्थल है घर और घर में भी बेड पर और कोई ऐसा वैसा बेड नहीं बेड स्विच वाला बेड चाहिए भई ।अरे कोई इज्ज़त है या नहीं, आख

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आलस है जीवन में ज़रूरी
आलस के बिन जिंदगी अधूरी 
आलस है जिंदगी का अंग 
आलस के बिन जिंदगी में नहीं रंग



(अधिक जानकारी के लिए कैप्शन में पढ़ें) तो देवियों और सज्जनों बिना किसी देरी के शुरुआत करते हैं आज की चर्चा। 🙏
(हाँ यदि आपको एक भी बात उचित लगे तो प्रोत्साहन के लिए तालियाँ भी बजा सकते हैं, वैसे ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है लेकिन बोलना मेरा कर्तव्य है )

बिना किसी आलस्य के हम चर्चा शुरू करते हैं आलस्य पर ,वैसे आप सभी इस बारे में जानते ज़रूर होंगे ।
इस प्रकार के व्यक्ति प्रायः हमारे आस पास ही पाए जाते हैं। और इनका प्रिय स्थल है घर और घर में भी बेड पर और कोई ऐसा वैसा बेड नहीं बेड स्विच वाला बेड चाहिए भई ।अरे कोई इज्ज़त है या नहीं, आख

Anamika Nautiyal

आज जिस मुद्दे पर बात करने जा रही हूँ उसके विषय में पहले ही बता देती हूँ कि थोड़ा संवेदनशील है ,जिस पर हमारे समाज में शायद बहुत कम बात की जाती है ।और कुछ संगठनों की वजह से शायद इस पर बात भी की जाती होगी जिसका नाम है एड्स ; AIDS जिसका पूरा नाम है एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम है एड्स जिस के विषय में लोग अधिकांशतया जानते हैं मगर फिर भी अनभिज्ञ रहते हैं ।कुछ भ्रांतियाँ है इस रोग के बारे में ,जैसे कि इसे सदैव यौन संचारित रोग माना जाता है। जबकि यह पूर्णतया सच नहीं है, हमारे समाज में फैली भ

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Something sensitive 


Read in caption  आज जिस मुद्दे पर बात करने जा रही हूँ उसके विषय में पहले ही बता देती  हूँ  कि थोड़ा संवेदनशील है ,जिस पर हमारे समाज में शायद बहुत कम बात की जाती है ।और कुछ संगठनों की वजह से शायद इस पर बात भी की जाती होगी जिसका नाम है एड्स ;

AIDS जिसका पूरा नाम है एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम है

एड्स जिस के विषय में लोग अधिकांशतया जानते हैं मगर फिर भी अनभिज्ञ रहते हैं ।कुछ भ्रांतियाँ है इस रोग के बारे में ,जैसे कि इसे सदैव यौन संचारित रोग माना जाता है। जबकि  यह पूर्णतया सच नहीं है, हमारे समाज में फैली भ

Anamika Nautiyal

वह सकारात्मक परिवर्तन जो कोरोनावायरस की वजह से हुए हैं, हांँ आज हम इस बीमारी की वजह से परेशान हैं।हम ही नहीं बल्कि विश्वभर में इस पर चिंता व्यक्त की जा रही है। एक लेखक के तौर पर हम सभी अपने कलम के जरिए इसके बचाव,लक्षण और इस समय मदद करने की बातें कर रहे हैं और करें भी क्यों ना आखिर एक लेखक का कर्तव्य है, समसामयिक घटनाओं पर लिखना समाज में जागरूकता लाना। इस मुश्किल घड़ी में हमारे पास जो सबसे बड़ा हथियार है ,वह है आशा और उम्मीद ।हम इस आशा में हैं कि जो अन्य देशों में हुआ है वह कम से कम हमारे भारतवर

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Positive changes that 
Coronavirus has made
 वह सकारात्मक परिवर्तन जो कोरोनावायरस की वजह से हुए हैं, हांँ आज हम इस बीमारी की वजह से परेशान हैं।हम ही नहीं बल्कि विश्वभर  में इस पर चिंता व्यक्त की जा रही है। एक लेखक के तौर पर हम सभी अपने कलम के जरिए इसके बचाव,लक्षण और इस समय मदद करने की बातें कर रहे हैं और करें भी क्यों ना आखिर एक लेखक का कर्तव्य है, समसामयिक घटनाओं पर लिखना समाज में जागरूकता लाना।
इस मुश्किल घड़ी में हमारे पास जो सबसे बड़ा हथियार है ,वह है आशा और उम्मीद ।हम इस आशा में हैं कि जो अन्य देशों में हुआ है वह कम से कम हमारे भारतवर
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