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Mukesh Poonia
मेरी बिटिया का फर्स्ट वीडियो #एजुकेशन और #एंटरटेनमेंट पर क्या आपको पता है नॉर्थ #अमेरिका मैं कुछ ऐसे #मगरमच्छ और #कछुए पाए जाते हैं जो अपनी जीभ से शिकार करते हैं दरअसल होता क्या है वह अपना मुंह खोलकर पानी में लेट जाते हैं इंतज़ार करते हैं की कोई ना कोई तो #मछली आएगी और उनका खाना बन जाएगी।।। ऐसे कैसे मुंह में आ जाएगी असलियत में की मछलियों को लगता है कि उनकी जीत कीड़ों की तरह है तो वे कीड़े समझ कर उन खान की तलाश में उनके #मुंह में घुस गई जबरा बंद बिचारी मगरमच्छ और कछुआ का खाना बनाकर रह जाती है तो #धन्यवाद
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Mukesh Poonia
बीमारी खरगोश की तरह है और कछुए की तरह जाती है जबकि पैसा कछुए की तरह आता है और खरगोश की तरह जाता है। - डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम #nojotohindi
Dileep Kumar
डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम की चन्द लाईनें जो हमे जीवन में हमेशा याद रखनी चाहिए। और हो सके तो उसे अमल भी करना चाहिये। ---------------------------------------- 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 #NojotoQuote 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना,क्योक़ि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है। 2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस
👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 1. जिदंगी मे कभी भी किसी को बेकार मत समझना,क्योक़ि बंद पडी घडी भी दिन में दो बार सही समय बताती है। 2. किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस
read moreShivank Shyamal
आलिंगन Read under caption 👇 #NojotoQuote आलिंगन झुकी नज़रों से मैं उसकी ओर जा रहा था, उसकी आंखों में देखने की हिम्मत ना थी पर तब भी कछुए की चाल से चलते हुए उस की ओर बढ़ रहा था। मैं जानता था कि वो भी मुझे देख रही है पर शायद वैसे नहीं जैसे मैं उसे देख रहा था। मेरी झुकी नज़रें अब आहिस्ता आहिस्ता उठने लगी हैं और इसी के साथ अब उसकी नज़रें आहिस्ता आहिस्ता झुकने लगी है। कैसा प्रेम है ये? अंजाना सा, या बेगाना सा, पर प्रेम तो प्रेम होता है, चाहे एकतरफा हो यह दोनों तरफ से। पता नहीं कैसे वो मेरी कछुए जैसी चाल एकदम से खरगोश की दौड़ में बदल गई थ
आलिंगन झुकी नज़रों से मैं उसकी ओर जा रहा था, उसकी आंखों में देखने की हिम्मत ना थी पर तब भी कछुए की चाल से चलते हुए उस की ओर बढ़ रहा था। मैं जानता था कि वो भी मुझे देख रही है पर शायद वैसे नहीं जैसे मैं उसे देख रहा था। मेरी झुकी नज़रें अब आहिस्ता आहिस्ता उठने लगी हैं और इसी के साथ अब उसकी नज़रें आहिस्ता आहिस्ता झुकने लगी है। कैसा प्रेम है ये? अंजाना सा, या बेगाना सा, पर प्रेम तो प्रेम होता है, चाहे एकतरफा हो यह दोनों तरफ से। पता नहीं कैसे वो मेरी कछुए जैसी चाल एकदम से खरगोश की दौड़ में बदल गई थ #yqbaba #Hug #happyhugday
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