Find the Best फ़र्श Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos about
anamika
चलने के लिए ज़मीं मिट्टी की हो तो बेहतर है चिकने फर्श पर फिसलन बहुत है ©anamika #StandProud #फिसलन #फ़र्श
अgni
वो फ़र्श पर बेसुध पड़ी थी, सर्दियों में ठण्डे फ़र्श पर यूँ लेट जाने में एक अजीब सी ख़ुशी मिलती थी उसे, दुपट्टा कब उसके गले से फ़िसल गया उसे पता ही नहीं चला। मैं वहीं दरवाज़े पर खड़ा था जब उसका दुपट्टा मेरे क़दमों में आया, एक बार सोचा कि बता दूँ उसे की मैं यहीं हूँ लेकिन फ़िर सोचा नहीं, वो इस पल को जी रही थी खोई थी, तभी तो दुपट्टे के यूँ फ़िसल जाने का भी एहसास नहीं हुआ उसे या शायद उसने चाहा ही नहीं एहसास करना। वो इस कमरे की चार दीवारों में आज़ाद महसूस कर रही थी शायद, हर लिहाज़ को वो इस कमरे के बाहर छोड़ कर आई थी, अपने पैरों को आधा खोले आधा बन्द किये तो कभी यूँ ही पैरों को फैला लेना जैसे कोई लाश पड़ी हो, जिसे शर्म और लिहाज़ का वो झूठा साफ़ा पहनने की अब कोई ज़रूरत नहीं है जो उसे ज़बरदस्ती परम्पराओं का हवाला देकर थोपा गया है। उसने करवट ली..दाएँ फिर बाएं मैं वहीं खड़ा था। मुझे देखते ही वो ऐसे घबरा कर उठी जैसे मैंने उसकी कोई चोरी पकड़ ली हो, हाँ.... चोरी ही तो की थी उसने, अपनी ही ज़िन्दगी से अपने लिए कुछ पल चुरा लिए थे उसने.... चोरी वो फ़र्श पर बेसुध पड़ी थी, सर्दियों में ठण्डे फ़र्श पर यूँ लेट जाने में एक अजीब सी ख़ुशी मिलती थी उसे, दुपट्टा कब उसके गले से फ़िसल गया उसे पता ही नहीं चला। मैं वहीं दरवाज़े पर खड़ा था जब उसका दुपट्टा मेरे क़दमों में आया, एक बार सोचा कि बता दूँ उसे की मैं यहीं हूँ लेकिन फ़िर सोचा नहीं, वो इस पल को जी रही थी खोई थी, तभी तो दुपट्टे के यूँ फ़िसल जाने का भी एहसास नहीं हुआ उसे या शायद उसने चाहा ही नहीं एहसास करना। वो इस कमरे की चार दीवारों में आज़ाद महसूस कर रही थी शायद, हर लिहाज़ को वो इस कमरे के बाहर छोड़
चोरी वो फ़र्श पर बेसुध पड़ी थी, सर्दियों में ठण्डे फ़र्श पर यूँ लेट जाने में एक अजीब सी ख़ुशी मिलती थी उसे, दुपट्टा कब उसके गले से फ़िसल गया उसे पता ही नहीं चला। मैं वहीं दरवाज़े पर खड़ा था जब उसका दुपट्टा मेरे क़दमों में आया, एक बार सोचा कि बता दूँ उसे की मैं यहीं हूँ लेकिन फ़िर सोचा नहीं, वो इस पल को जी रही थी खोई थी, तभी तो दुपट्टे के यूँ फ़िसल जाने का भी एहसास नहीं हुआ उसे या शायद उसने चाहा ही नहीं एहसास करना। वो इस कमरे की चार दीवारों में आज़ाद महसूस कर रही थी शायद, हर लिहाज़ को वो इस कमरे के बाहर छोड़
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited