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Adhïťãjīvăn kï
White मुझें पक्षी जैसे बनना है जिसे आसमान सें इश्क हो मुझें उड़ना इन पक्षियों तरह खुले नभ मे जिसकी गगन की ऊंचाये उसका लक्ष्य हो ©Adhïťãjīvăn kï #Adhïťãjīvăn
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White When you fall in love with your city, look like this. ©Adhïťãjīvăn kï #City #Adhïťãjīvăn
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krïshnäh He Krishna mujhe aisa rang na apne rang mai ki Janam mritu ka Bandhan hi na rahe tere aur mere sambhandh mai ©Adhïťãjīvăn kï #girl #Adhïťãjīvăn #Love
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॥ स्तुति मंत्र ] सुरासंपूर्णकलशं, रुधिराप्लुतमेव च । दधाना हस्तपद्माभ्यां, कूष्मांडा शुभदास्तु मे ।। (अमृत से परिपूरित कलश को धारण करने वाली और कमलपुष्प से युक्त तेजोमय मां कूष्मांडा हमें सब कार्यों में शुभदायी सिद्ध हो) ©Adhïťãjīvăn kï #navratri #Adhïťãjīvăn
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॥ स्तुति मंत्र।। सिंहासनगता नित्यं, पद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी ।। (सिंह पर सवार रहने वाली और अपने दोनों हाथों में कमल का फूल धारण करने वाली यशस्विनी स्कंदमाता हमारे लिए शुभदायी हों) ©Adhïťãjīvăn kï #navratri #Adhïťãjīvăn
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Person's Hands Sun Love जिनका मिलना निश्चित है, नियति उन्हे किसी भी रूप में मिला देते है..! ©Adhïťãjīvăn kï #sunlove #Adhïťãjīvăn
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Nature Quotes और हम झुके-झुके मोड़ पर रुके-रुके उम्र के चढ़ाव का उतार देखते रहे। कारवाँ गुजर गया गुबार देखते रहे। ©Adhïťãjīvăn kï #NatureQuotes #Adhïťãjīvăn
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बाजल कौआ भेल सिनुरिया भोर सिंगरहारक सुगन्धि सँ माँतल कन-कन ओस गाम जागल मजूर-किसान जागल भागल अन्हरिया आ कुहेस किला जकाँ ठाढ़ छै पुलिस गामक चारू ओर। उड़ल चिड़इ चोंच भरि दाना लेल खेतहिमे सुखाएल कुसियार दिस आँखि में फाटल धरती भूखें कनैत बच्चाक नोर। कोठी भरल उमरल छल दलान मालिकक आँगन मे आइ नाचत सोलहो कला सँ इन्द्रधनुषी भोर केहन ई भोर गुड्डी जकाँ कतबो ओ उड़ए आकाश हमरे सक्कत हाथ में छै अनन्त डोर उमड़ल बलान सन बढ़ल जा रहल' ए लोक अही माटि पर खसल छल घाम हमर इनहोर। अपन साम्राज्य बढ़ेबाक चारू कात छै होड़़ हमरे शोणित सँ सुग्गा सन छै रूसी आ अमरीकी शासकक ठोर हमरे गाम सन छै एल-साल्वाडोर :–Agnipushp ©Adhïťãjīvăn kï #outofsight #Agnipushp #bhor #maithili #Adhïťãjīvăn #nojotomaithili
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कमल नयन मन मोहन रे,बसु यमुना तीरे। बसिया बजाय मन हरलक रे,चित रहय ने थीर। खन मोहन वृन्दावन रे,खन बसिया बजाय। सन सन रहय अहीं संग रे,बंशीवट धारे। जौं हम जनितौं एहन सन रे,तेजि जयता गोपाले। अपन भरम हम तेजितहुँ रे,सेवितहुँ नन्दलाले। जाय ने क्यो यमुना तट रे,छथि निकट गोपाले। बाँ पकड़ि झिकझोरलनि रे,संग लए ब्रजबाले। जौं जदुपति नहि आओत रे,दह यमुना के तीरे। हमहुँ मरब हरि-हरि कय रे, छुटि जायत पीरेकमल नयन मन मोहन रे। बसु यमुना तीरे,बसिया बजाय मन हरलक रे। चित रहय ने थीर,खन मोहन वृन्दावन रे। खन बसिया बजाय,सन सन रहय अहीं संग रे। बंशीवट धारे,जौं हम जनितौं एहन सन रे। तेजि जयता गोपाले,अपन भरम हम तेजितहुँ रे। सेवितहुँ नन्दलाले,जाय ने क्यो यमुना तट रे। छथि निकट गोपाले,बाँ पकड़ि झिकझोरलनि रे। संग लए ब्रजबाले,जौं जदुपति नहि आओत रे। दह यमुना के तीरे, हमहुँ मरब हरि-हरि कय रे,छुटि जायत पीरे। ©Adhïťãjīvăn kï #SunSet #maithili #Adhïťãjīvăn