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M K Shetty
ಎಸ್. ಎಲ್. ಭೈರಪ್ಪರವರ ಆವರಣ, ಕುತೂಹಲಗಳ ಹೂರಣ, ಹೇಳದ ಅದೆಷ್ಟೋ ಸತ್ಯಗಳ ನೈಜ ಚಿತ್ರಣ, ಇತಿಹಾಸದ ಹಲವು ಮುಖಗಳ ಅನಾವರಣ. *ಎಸ್. ಎಲ್. ಭೈರಪ್ಪರವರ ಆವರಣ, ಕುತೂಹಲಗಳ ಹೂರಣ, ಹೇಳದ ಅದೆಷ್ಟೋ ಸತ್ಯಗಳ ನೈಜ ಚಿತ್ರಣ, ಇತಿಹಾಸದ ಹಲವು ಮುಖಗಳ ಅನಾವರಣ.* 📖 #must_read #yoyrquote #yqbaba #slbyrappa #aavarana
*ಎಸ್. ಎಲ್. ಭೈರಪ್ಪರವರ ಆವರಣ, ಕುತೂಹಲಗಳ ಹೂರಣ, ಹೇಳದ ಅದೆಷ್ಟೋ ಸತ್ಯಗಳ ನೈಜ ಚಿತ್ರಣ, ಇತಿಹಾಸದ ಹಲವು ಮುಖಗಳ ಅನಾವರಣ.* 📖 #must_read #yoyrquote #yqbaba #slbyrappa #aavarana
read moreAnsh Rajora
चाहत भी अब हैरान सी हो गई है फरेब तले मोहब्बत वीरान सी हो गई है वास्ता देकर इश्क़ का मनमानी करते हैं नियत से इंसानियत परेशान सी हो गई है क्या कहने इस पाक मोहब्बत के तुम्हारी आज ये भी नेताओं के ईमान सी हो गई है शाख से पत्ता जुदा कर दावा इबादत का करते हो मोहतरमा फितरत तुम्हारी बेईमान सी हो गई है हिज्र और वस्ल की बात तो तुम न ही करो जिस्म की भूख से मेरी जो पहचान सी हो गई है ये कुफ्र जो इश्क़ नाम से तुम कर जाते हो इश्क़ से ही रूह "अंश"अनजान सी हो गई है #must_read बदलते वक्त के साथ इश्क़ के मायने भी बदलते जा रहे हैं कंही हवस कहीं लालच तो कभी खुदगर्ज़ी के लिबास में इश्क़ नज़र आता है और मज़े की बात यह है कि दुहाई देने वालों में सबसे ऊपर वही लोग हैं जिन्हें इसका इल्म भी नहीं है क्या बस बातों में रूहानियत नज़र आने से इश्क़ मुकम्मल हो जाता है नहीं रूह से रूह का रिश्ता महज़ बातों का तो नहीं हो सकता ये तो अंदर की बात है और ज़ाहिर है गर अंदर नहीं है बाहर भी दिखाना नामुमकिन है शायद इसीलिए कहा जाता है इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है पर जो जबरदस्ती जताया जाए ऐसा इ
#must_read बदलते वक्त के साथ इश्क़ के मायने भी बदलते जा रहे हैं कंही हवस कहीं लालच तो कभी खुदगर्ज़ी के लिबास में इश्क़ नज़र आता है और मज़े की बात यह है कि दुहाई देने वालों में सबसे ऊपर वही लोग हैं जिन्हें इसका इल्म भी नहीं है क्या बस बातों में रूहानियत नज़र आने से इश्क़ मुकम्मल हो जाता है नहीं रूह से रूह का रिश्ता महज़ बातों का तो नहीं हो सकता ये तो अंदर की बात है और ज़ाहिर है गर अंदर नहीं है बाहर भी दिखाना नामुमकिन है शायद इसीलिए कहा जाता है इश्क़ किया नहीं जाता हो जाता है पर जो जबरदस्ती जताया जाए ऐसा इ #sarcasm #yqbaba❤ #yqdidiहर्फ़
read moreAbhishek Mishra
कुछ अंधेरों से रात चुराई कुछ चांद से उसकी चांदनी, कुछ सुर चुराए साज़ों, कुछ रागों से रागिनी, कभी वेदों से मंत्र चुराए, कभी भोले की मृगछाला, जब मिले कलम से हाथ मेरे, सब कुछ कागज़ पर लिख डाला। (Read caption) #Must_read कुछ अंधेरों से रात चुराई कुछ चांद से उसकी चांदनी, कुछ सुर चुराए साज़ों, कुछ रागों से रागिनी, कभी वेदों से मंत्र चुराए,
#must_read कुछ अंधेरों से रात चुराई कुछ चांद से उसकी चांदनी, कुछ सुर चुराए साज़ों, कुछ रागों से रागिनी, कभी वेदों से मंत्र चुराए, #Hindi #yqbaba #kavita #yqdidi #YQBhaiJaan #yopowrimo #रूद्रअभिषेक
read moreMayank Kumar 'Aftaab'
अब दुपट्टा किसी कन्धे पर नज़र नहीं आ रहा , अफ़वाह फैली है कि ज़माने की नीयत ख़राब है...!! ©Mayank Kumar 'Aftaab' अब दुपट्टा किसी कन्धे पर नज़र नहीं आ रहा , अफ़वाह फैली है कि ज़माने की नीयत ख़राब है...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' #Must_Read , #Must_React...!! #WalkingInWoods
अब दुपट्टा किसी कन्धे पर नज़र नहीं आ रहा , अफ़वाह फैली है कि ज़माने की नीयत ख़राब है...!! ―©मयंक कुमार 'आफ़ताब' #must_read , #Must_React...!! #WalkingInWoods
read moreJamshaid Ali
#Must_Read... ایک فوجی کی زندگی جب میں بھرتی ھوا میری تنخواہ فقط14000ھزار روپے تھی میری تنخواہ میں ھر سال 700سے 900روپے سالانہ بڑھتی ھے .... 6سال سروس کرنے کے بعد میری تنخواہ ماشاء اللہ 20ھزار ھوگئی ھے جس پر میں بے حد خوش ھوں ..... کیونکہ میری ضروریات تھوڑی سی ھے میرے بچوں کو سال میں ایک بار نئے کپڑوں کی ضرورت ھوتی ھے وہ موقع اب قریب اں پہنچا ھے چونکہ عید قریب ھے .... .... کل میں کپڑوں کے دوکاندار کے پاس گیا انھوں نے مجھے اچھے کپڑے دیکھائے ان کا خیال تھا کہ یہ فوجی ھے اس کی تنخواہ زیادہ ھے میں
#must_read... ایک فوجی کی زندگی جب میں بھرتی ھوا میری تنخواہ فقط14000ھزار روپے تھی میری تنخواہ میں ھر سال 700سے 900روپے سالانہ بڑھتی ھے .... 6سال سروس کرنے کے بعد میری تنخواہ ماشاء اللہ 20ھزار ھوگئی ھے جس پر میں بے حد خوش ھوں ..... کیونکہ میری ضروریات تھوڑی سی ھے میرے بچوں کو سال میں ایک بار نئے کپڑوں کی ضرورت ھوتی ھے وہ موقع اب قریب اں پہنچا ھے چونکہ عید قریب ھے .... .... کل میں کپڑوں کے دوکاندار کے پاس گیا انھوں نے مجھے اچھے کپڑے دیکھائے ان کا خیال تھا کہ یہ فوجی ھے اس کی تنخواہ زیادہ ھے میں #nojotophoto
read moreकवि राहुल पाल 🔵
2 Years of Nojoto लोगों के पहले जैसे अब ख़ुशनुमा मिज़ाज नही होते , लगता जैसे अब एक दूजे के संग ताल्लुक़ात नही होते ! दिलों के अफ़साने रख देते थे लोग लोगो के सामने पहले शायद अब नव युग मे लोग दूसरे के मदतगार नही होते !! नही होते यंहा अब बेनकाबी चेहरे अब खुली किताबो से , अरमानों का गला घोंटते सब है, अपने अपनी ही बातों से ! जमाना वो था लोग बिन कहे दिल के जज़्बात समझ लेते थे , बिना आंसुओ के लोग एक दूसरे के सुख दुःख भांप लेते थे ! रिश्ता ,लगाव और दिल के तार जुड़े थे उनसे इसकदर साहिब जब जाते तन्हा छोड़कर हमे,हृदय भी तर बतर कर देते थे !! महबूब के प्यारे संदेशो में इक गज़ब का अहसास होता था , कब आएंगे प्रीतम के ख़त इसका इंतजार ख़ास होता था ! तकिये के नीचे उनकी यादों का एक मेला लगा होता था , उनसे मिलने के ख़ुशी में डगर पे नजरो का पहरा होता था ! अब आ गयी है नई तकनीकें बहुत करीब तो हम आ गए , पर आज हम सभी जज्बातों की पहुँच से कोशो दूर हो गए ! जहाँ दिल से काम लेना था ,आज वही दिमाग आ गया , इंसानियत क्या.. इंसान ही इंसान की जड़ो को खा गया ! विदेशी सभ्यता अपनाकर दम्भो का ऊंचा मकान हो गया , जिस बाप का सब कुछ था आज वही कर्जदार हो गया ! भाई ने ही भाई से वाद के सलीक़े में विवाद कर लिया , करके उपवन के टुकड़े,खुद ही बंधनो से अलगाव कर लिया ! खोये है इस कदर जिंदगी की तरक़्क़ी और अहंकारों में , डुबोकर मानवता की पगड़ी खुद सर पर ताज रख लिया !! जो बेटियां देवी थी आज आधुनिकता का अवतार ले लिया , अच्छे भले समाज को मात्र परिवर्तन का नाम दे दिया ! न अब वो बात रही शिष्यों और गुरुओं में आजकल साहिब, शिक्षा मांगने लगी है भीख ,स्कूलों को सबने व्यापार कर लिया !! न परी,न कथाएँ,न कविताएँ रही चुटकुलों की भरमार हो गया, पक्के हो गए मकान सभी के ,पर इंसान तो पत्थर हो गया ! पनप गया लोगो मे रोष,ईर्ष्या,द्वेष मित्र गले का नाप ले गया , चलते हुए नव्य की सतहों पर कैसे पांव घायल हो गया !! जिंदगी की इस दौड़भाग में मशीनों से भी बद्तर हो गए राहुल , किसको खबर की हम पतन की ओर इक कदम अग्रसर हो गए !! लोगों के पहले जैसे अब ख़ुशनुमा मिज़ाज नही होते , लगता जैसे अब एक दूजे के संग ताल्लुक़ात नही होते ! दिलों के अफ़साने रख देते थे लोग लोगो के सामने पहले शायद अब नव युग मे लोग दूसरे के मदतगार नही होते !! नही होते यंहा अब बेनकाबी चेहरे अब खुली किताबो से , अरमानों का गला घोंटते सब है, अपने अपनी ही बातों से ! जमाना वो था लोग बिन कहे दिल के जज़्बात समझ लेते थे , बिना आंसुओ के लोग एक दूसरे के सुख दुःख भांप लेते थे !
लोगों के पहले जैसे अब ख़ुशनुमा मिज़ाज नही होते , लगता जैसे अब एक दूजे के संग ताल्लुक़ात नही होते ! दिलों के अफ़साने रख देते थे लोग लोगो के सामने पहले शायद अब नव युग मे लोग दूसरे के मदतगार नही होते !! नही होते यंहा अब बेनकाबी चेहरे अब खुली किताबो से , अरमानों का गला घोंटते सब है, अपने अपनी ही बातों से ! जमाना वो था लोग बिन कहे दिल के जज़्बात समझ लेते थे , बिना आंसुओ के लोग एक दूसरे के सुख दुःख भांप लेते थे ! #Rahul #कविता #nojotohindi #Dont #nojotonews #सामाजिक #must_read #आधुनिक_लोग #बदलता_समाज #व्यंग्यात्मक_रचना #विवेचना #copyright_issue #kavi_rahul_pal
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