Find the Best भई Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutlove दुबर भईला हो, भईया के लिए शायरी, भईया तेरे अँगना की, भईया पर शायरी, भईया का अर्थ,
pandeysatyam999
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
read more✍️Abhay
अब हुईहै कश्मीर म ससुराल, अरे बजिहै हुवा प्रेम का ताल, भई शुरू योजना भई यह साल, अब बोलौ भैया जय महाकाल. -abhay
कवि राहुल पाल 🔵
परेशान ★★ मोहब्बत में परेशानी ★★(अवधी भाषा विशेष ) ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● जबसे चला है लड़की से चक्कर जीवन होय गय जैसे ख़च्चर ,गदहा बनके खींचे गट्ठर , की अब तो हमरो हाल ससुरा बहुत बेहाल ब घर मे मचा बवाल ब न .... भयवा ओकर रोज गरियावे लाठी लइके हमे भगावे की ओके बापवो हमसे खूब रिसियान ब घर वाले से मार ब न ..... मैडम हमरे शाम के आवे पैसा हमरो खूब उड़ावे जैसे चलत बाप के हमरे ऊहो दुकान ब जेब भई कंगाल ब न ...... अब तो खुदही बनई रोटी हथवा हमरो लाल ब गरदन में रुमाल ब न जबसे लिहे मोबाइल जेब भई कंगाल ब बाकी बस मिसकॉल ब न ...... ((( " राहुल "))) एगो लइका अपने मोहब्बत से परेशान है क्या घटनाएं घटती है --- #परेशान #मोहब्बत_में_परेशानी #भाषा_अवधी #गीत #rahul तबज्जो... जबसे चला है लड़की से चक्कर जीवन होय गय जैसे ख़च्चर
एगो लइका अपने मोहब्बत से परेशान है क्या घटनाएं घटती है --- #परेशान #मोहब्बत_में_परेशानी #भाषा_अवधी #गीत #Rahul तबज्जो... जबसे चला है लड़की से चक्कर जीवन होय गय जैसे ख़च्चर
read moremy BEST
#OpenPoetry • मैं- हमने पूछा ये वक़्त से की अरे ठहरो भई रुको तो जरा। • वक़्त- मुस्कुराकर क़ह दिया उसने भी हमसे अरे जाओ भई जो रूठें हैं तुमसे, उनसे ये पूछो तो जरा। • मैं- ऐ वक़्त तू रूठा न कर मेरे हाथ से यूं छूटा न कर। #time #left #secbysec
Shivam Singh
भई, सूरज जरा इस आदमी को जगाओ! भई, पवन ज़रा इस आदमी को हिलाओ! यह आदमी जो सोया पड़ा है, जो सच से बेखबर सपनों में खोया पड़ा है...
राजेश गुप्ता'बादल'
नेह द्वार पर वो मिली,कर पलकों की ओट। मीठी मीठी सी लगी , वो नयनो की चोट।। लरज सकुच सी साबली,फैंक रही थी डोर। भाषा बाधित लब्ज की,क्या बतलाऊँ तोर।। प्रथम दर्श की व्यथा जो , कैसे कहूँ बताय। प्यासे नयना मिलन को, किसको दूँ बतलाय।। भाव विहल वो भी रही, मैं प्रेम भाव खोय। सूझ परी ना दोन कों ,हस सके न हीं रोय ।। छाँयाँ सी अंकित भई , खीच हृदय के तार। द्रवित नयन उसके भये,रोया मैं दिन रात।। बनी सखी सी कलम जो, दिया मन मैं उतार। आहट हलकी भी भई , देखूँ खोल किबार।। उलझन मन की बहुत है,कैसे पाऊँ पार। टोटा पड़ा लगाव का,कैसे हो व्यापार।। आचमनन को तरस रही,आँखे हे करतार। दिन दिन बड़ती पीर है,व्यर्थ लागे संसार।। नेह द्वार पर वो मिली,कर पलकों की ओट। मीठी मीठी सी लगी , वो नयनो की चोट।। लरज सकुच सी साबली,फैंक रही थी डोर। भाषा बाधित लब्ज की,क्या बतलाऊँ तोर।। प्रथम दर्श की व्यथा जो , कैसे कहूँ बताय। प्यासे नयना मिलन को, किसको दूँ बतलाय।।
नेह द्वार पर वो मिली,कर पलकों की ओट। मीठी मीठी सी लगी , वो नयनो की चोट।। लरज सकुच सी साबली,फैंक रही थी डोर। भाषा बाधित लब्ज की,क्या बतलाऊँ तोर।। प्रथम दर्श की व्यथा जो , कैसे कहूँ बताय। प्यासे नयना मिलन को, किसको दूँ बतलाय।।
read moreLovely Rangare
उमर है भई, पैर तो फिसले गा.. सरीफ बनके कौनसा तू, इतिहास लिख लेगा.. सुधर वी जायेंगे, पहले बदनाम तो हो जाए.. जनाज़ा तो, मेरा भी वैसा निकलेगा.. जैसा तेरा निकलेगा.. #उमर #है #भई, #पैर #तो #फिसले #गा.. #सरीफ #बनके #कौनसा #तू, #इतिहास #लिख #लेगा.. #सुधर #वी #जायेंगे, #पहले #बदनाम #तो #हो #जाए.. #जनाज़ा #तो, #मेरा #भी #वैसा #निकलेगा.. #जैसा #तेरा #निकलेगा.. #Naughty #Quote
Silent Lover
किस बात से नाराज़ हो भई जैसे खुद में ही उलझे हो भई! #किस_बात_से_नाराज़_हो_भई #जैसे_खुद_में_ही_उलझे_हो_भई!
Gokul Tapadiya
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने छवि लगी मन श्याम की जब से भई बावरी मैं तो तब से बाँधी प्रेम की डोर मोहन से नाता तोड़ा मैंने जग से ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने मोहन की सुन्दर सूरतिया मन में बस गयी मोहनी मूरतिया जब से ओढ़ी शाम चुनरिया लोग कहे मैं भई बावरिया मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने हर दम अब तो रहूँ मस्तानी लोक लाज दीनी बिसरानी रूप राशि अंग अंग समानी हे रत हे रत रहूँ दीवानी मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने...