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Anjaan Saraswat

#अंजानसारस्वत#होली पर्व पर शुभेच्छा #Happy_holi

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आदर्णीय व वंदनीय आत्मन, 

होली के पावन पर्व  की आप व परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ|

प्रेम के रंग संग राग, द्वेष, विरोधियों, बीमारियों, हीन आसुरि भावों, दुख तथा आतंक रूपी होलिका का दहन हो, यही सदिच्छा है!

याचक: डा० पंकज शर्मा व परिवार 
🙏🙏🙏

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#होली पर्व पर शुभेच्छा 

#Happy_holi

Anjaan Saraswat

दोहा:
काया संग माया रहे, मोह क्रोध अरु काम|
ता के हिरदै मोक्ष है, जा के हिरदै राम||

©Anjaan Saraswat
  #अंजानसारस्वत#दोहा#मोक्ष

Anjaan Saraswat

दोहा:
काया संग माया रहे, मोह क्रोध अरु काम|
ता के हिरदै मोक्ष है, जा के हिरदै राम||

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#दोहा#मोक्ष

Anjaan Saraswat

एक दोहा देखिए-

जिस थाली तन लागता,
करता सब कुछ साफ|
चमचों की आदत भली, 
कीजै नाही माफ||

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#दोहा

Anjaan Saraswat

पढ़ो-पढ़ाओ
स्कूल गी जाओ

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#स्यानीगल्ल

Anjaan Saraswat

तुझ जैसा दानी और ज्ञानी, 
ना कोई दूजा हो पाएगा;

कौन जगत मे ऐसा सूरमा,
चिड़ियां, बाज़ बनाएगा!

गुरूपर्व की सभी को 
हार्दिक शुभकामनाएं

©Anjaan Saraswat
  #अंजानसारस्वत#गुरूगोविंदसिंहजयंती

Anjaan Saraswat

तुझ जैसा दानी और ज्ञानी, 
ना कोई दूजा हो पाएगा;

कौन जगत मे ऐसा सूरमा,
चिड़ियां, बाज़ बनाएगा!

गुरूपर्व की सभी को 
हार्दिक शुभकामनाएं

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#गुरूगोविंदसिंहजयंती

Anjaan Saraswat

दीपावली के मंगल पर्व, 
भगवान श्री राम जी के रावण वध 
के बाद अयोध्या पधारने पर कुछ पंक्तियां 

लौ (मुक्त छंद)
-------------------
मिटाना लाख चाहे लौ,
तिमिर मिलकर घटाओं संग,
लिए मेघों के पाशों में
किए गहरे भयानक रंग;
यह रश्मि सत्य की है 
जो बुझाने से नहीं बुझती;
ना रुकती है कभी रोके,
मिटाने से नहीं मिटती;
कहीं भी हो भभक कर
जल सदा आगे ही बढ़ती है:
यह सूरज,तेज की बंशज
है खलती हर अंधेरे को;
लिए पावक पताका हाथ
चढ़ती है, निखरती है;
रहा चिरकाल से संघर्ष है, 
आगे भी रहना है;
निशा, तमराज के संगी
किए बहुरूप आएंगेे;
है हो सकता क्षणिक आभास 
के अब कुछ नहीं बाकी;
मगर यह सत्य की लौ है, 
सदा से है, सदा ही है!
--------------------------
पंकज 'अंजान' सारस्वत

©Anjaan Saraswat #अंजानसारस्वत#कविता #दीपावली2020#

Anjaan Saraswat

शिक्षक दिवस पर मेरे सभी आदर्णीय गुरुजनों को समर्पित:

गुरुवर मैं गुणहीन हूं, आप सर्व गुणवान।
दया दृष्टि मो पे करो, हो मेरा कल्याण।।
🙏🙏 #अंजानसारस्वत#शिक्षकदिवस

Anjaan Saraswat

येषां न विद्या न तपो न दानं ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः !
ते मर्त्यलोके भुविभारभूता मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति !!

अर्थार्थ:- जिन मनुष्यों में न विद्या का निवास है, न मेहनत का भाव, न दान की इच्छा, और न ज्ञान का प्रभाव, न गुणों की अभिव्यक्ति और न धर्म पर चलने का संकल्प, वे मनुष्य नहीं, वे मनुष्य रूप में जानवर ही धरती पर विचरते हैं।

Britrihari "Nitishatkam"- Slok, 13 #अंजानसारस्वत#ज्ञानगंगा
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