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Best ना_मीठा_के_पैराहन_ना_शोना_के_पैर Shayari, Status, Quotes, Stories

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Narsingh Garasiya

Mo k sh K an

आज भोर का साज भी तू है सरगम तेरी बात
ख्वाब तेरे नींदों में गूंथा, मैं सजना सारी रात

भारी दोपहर बन कर छाया मरहम तू बन जाती है
तपी धूप है झुलसती जब शफ़ा दुआ की लाती है
ज़र्रा ज़र्रा बाज़ महकती सबा तेरी है साथ 
आज भोर का साज भी तू है सरगम तेरी बात

चाँद चढ़े तो चमक चमक कर तेरी बातें करता है
दरया भी साहिल पर आ कर रंग तेरे ही भरता है
तू ही नूर का है मनसब, तू ही है इफ़रात
आज भोर का साज भी तू है सरगम तेरी बात

आज भोर का साज भी तू है सरगम तेरी बात
ख्वाब तेरे नींदों में गूंथा, मैं सजना सारी रात #आज़ान
#sab_meetha_ke_rang
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Mo k sh K an

रंग तेरा मैं ,रंगणा, और हो जाणा आकाश
पैरों से अंबर को चखणा कतणा कोर कपास

ओढ़ के तुझको, रंग चुनर का धनक धनक इतराना
इत्र तेरा बादल में भीज कर गुलशन गुलशन छितराना
दरया दरया डूब इश्क़ मैं, पीना पीढ़ पिपासा
रंग तेरा, मैं, रंगणा और हो जाणा आकाश

रूह मढ़ा कर माड़ में तेरे जुगनु मैं बन जांणा
बीज़ बीज़ कर इल्म तेरा मैं, पालकों मोती खांणा
तेरे साये, मैं कर देणा अपना जिस्‍म तराश
रंग तेरा, मैं, रंगणा और हो जाणा आकाश

साँसों में तुझको साज सजा कर, मैं, सरगम बन जांणा
धूल तेरी मैं फांक फांक कर रोटी रोटी खांणा
सजदे सजदे सर सर तुझको बनणा मैं गुरुदास
रंग तेरे, मैं, रंगणा और हो जाणा आकाश #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair
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Mo k sh K an

कुछ अजीब सी ज़िन्दगी हो चली है
चरस के नशे सी
ना वक़त का पता चलता है
ना हालत की ख़बर रहती है
 
ना दिन निकलता है, ना रात ढलती है
ना होश रहता है, ना नींद आती है

आईना, तगाफ़ुल करने लगा है 
और अक्स तकल्लुफ़ से पेश आता है
ख़ुद से इतना पराया तो मैं नहीं था 

तेरे जाने के बाद 
मेरी साँसे मातम बन गई है और रिहाई ढूँढती हैं #mera_aks_paraya_tha #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair
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Mo k sh K an

कुछ इस तरह खिजां
बनी मेरी हबीब
आँखों के आस-पास
बस इज़्तिराब रह गए #mera_aks_paraya_tha
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#खिजां
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#इद्दत
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Mo k sh K an

The past मेरे पैरों के नीचे से मुझे 
खींच है यूँ उसने
ना मांझी मेरा रहा
ना आज के लम्हे #mera_aks_paraya_tha #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair
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Mo k sh K an

मयस्सर हैं खिजां की सीने में ठूंठ हैं ज़ब्बात के
कि अबके बारिशें कुछ रूठ कर ऐसे गई मुझसे #mera_aks_paraya_tha
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#खिजां
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#इद्दत
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Mo k sh K an

तू खिड़कियाँ खोल, धूप से
आँगन आज सजाते हैं
पतझड़ जो ये नाज़िश हैं 
उनकी प्यास बुझाते हैं

चल चार कदम चलते है, मीठा 
आसमान तक जाते हैं
सूरज तारे चंदा सारे
घर तक ले कर आते हैं #दुआ
#dua
#1
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Mo k sh K an

ख़ामोशी पसीज गई है मेरी रूह में
सीलन की तरह
और अब उस पर फ़ंफ़ूद दिखने लगा है

बड़े बड़े चक्कतों में, थमे वक़त सा जमा फ़ंफ़ूद
कभी मेरे सीने को कसता है 
कभी मेरी साँसों को डँसता है 
और मेरी रगों में सीमाब बन कर फैल जाता है 

फिर, ना कोई रंग तारी रहता है 
ना कोई भंग असरदार 
और नींदों से तल्ख आँखें रात तलाशती हैं 

ख़्वाब अगर आते है तो रूह कुरेद जाते हैं 
ना कोई दर्द महसूस होता है, ना शिकन 

तुम ही कहो, अगर मैं ज़िंदा हूँ 
तो फिर मौत क्या है #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair
#chapter_3_iddat
#to_maut_Kya_hai

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#Chapter_3_इद्दत

Mo k sh K an

वो अक्टूबर की सुनहरी धूप में तेरे बलों पर मढ़ा सोना
खिलखिला कर बातें करता था
और तेरी आँखे चाँद से चमचम उतार लाई थीं

तेरी मुस्कराहटें
हवा की सरगोशियों में कलफ हो कर
मोगरे सी महकती थीं
और तेरी उंगलियाँ मेरी हथेली पर गुनगुना कर 
ज़िन्दगी लिखती थीं

तेरे जाने के बाद 
बस ख़लिश बांकी है 
जो फाँस बनकर मेरे सीने में ज़ब्ब है 
और अक्टूबर मेरी रूह में चुभने लगा है

ना जाने कितने समन्दर मुझको पीने हैं 
ना जाने कितने साहिल को काज़ करना है #एक_थी_मीठा 
#ना_मीठा_के_पैराहन_ना_शोना_के_पैर 
#Chapter_3_इद्दत
#kavishala #tassavuf #mikyupikyu #meethashona
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