Find the Best निकला Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about निकला की मीनिंग क्या है, खड़े हैं मुझको ख़रीदार देखने के लिए मैं घर से निकला था बाज़ार देखने के लिए, निकला की रानी, इकबालिया घर से निकला, जमीन ओ आसमान से रहनुमा निकला,
Shubham Bhardwaj
चाँद, तारों की कसम खाकर निकला हूँ। मोहब्बत में अपना बनाकर निकला हूँ।। जिद ही नही, जिंदगी की आरजू है तू । तेरे सजदे में सिर झुकाकर निकला हूँ ।। ©Shubham Bhardwaj #alone #चाँद #तारों #की #कसम #खा #कर #निकला #हूँ
Dr. Vishal Singh Vatslya
यूं बन ठन कर ... निकला ना कर, तू कातिल इश्क़ के बाजार में लोग खुद व खुद मौत ढूँढते हैं .... #इश्क़ #बनठनके #बाजार #निकला #कातिल
तुषार"आदित्य"
एक खोज में निकला हूँ मैं कुछ सपनो की,कुछ अपनो की कुछ जिन्दों की,कुछ दफ़्नों की कुछ उड़ती गाती,चिड़िया की कुछ सहमी डरी सी गुड़िया की खुश होकर अफ़सोस में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं कुछ बातों की,कुछ किस्सों की कुछ टुकडो की,कुछ हिस्सों की कुछ सन्नाटो में चीखों की कुछ बिन मांगी सी भिखों की बेसुध होकर भी होश में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं कुछ सपनो की,कुछ अपनो की कुछ जिन्दों की,कुछ दफ़्नों की कुछ उड़ती गाती,चिड़िया की कुछ सहमी डरी सी गुड़िया की खुश होकर अफ़सोस में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं
Author kunal
चला था पथ पर नजाकत से लहजा जरा रखा था नम्र इत्र भी छिरका था जिस्म पर मन में ख्वाहिश हजार रख चला था सौदा करने इस अकेले दिल का दीदार हुआ एक चांद से हां दीदार हुआ एक चांद से ...२ पर कम्बख़त उसकी चांदनी यूं रंग लाई कि बिता २ महीने जिंदगी अस्पताल में #निकला था ईश्क की खोज में मिला खुद को एक अस्पताल में #verycomplicated #ydidi #kunu
#निकला था ईश्क की खोज में मिला खुद को एक अस्पताल में #verycomplicated #ydidi #kunu
read moreNobahar khan
#बदनाम क्यों करते हो� #इश्क को #यारो, #माल #तुम्हारा चालू #निकला तो #इश्क का क्या #कसूर ।। 😜😂😂 ©Nobahar khan true #brothersday
Manu
जिसका भी चेहरा छिला, अंदर से कोई और निकला। मासूम सा कबूतर नाचा तो मोर निकला। #जिसका भी #चेहरा #छिला, #अंदर से #कोई और #निकला। #मासूम सा #कबूतर नाचा तो #मोर #निकला।
Savin Kandhil
🕯️आज मैंने शहर को देखा🕯️ क्या है लड़का, क्या है लड़की, दुनिया तो आपस में भड़की कल्पनाओं से परे एक शहर देखा, अपनी तड़पती आंखों को सेखा। वहां न उजला दिन है, न अंधेरी रात है वहां न हिन्दू, न मुसलमान है, न कोई जात है सबके मीठे बोल है, सबकी सबसे बात है मन में सबके प्यार है, दिल में भरे जज्बात है परिस्थितियां चाहे विषम भी हो, सबके अच्छे हालात है। ऐसा शहर कल्पनाओं का बताया है यहां आदमी ने आदमी को सताया है पहन मुकुट प्रेमी का, झुठा प्यार जताया है मेरी बंसी मेरा राग, मैंने ही तो इसे अपनाया है। मत कर मेरा पीछा, नए शहर के लिए निकला हूं तोड़ के जैसे दरवाजा, खिड़की से मैं निकला हूं चला मैं कांटों पे भी, संगमरमर पे मैं फिसला हूं छोड़ दिए वो हाथ सारे, पहले जिनसे मैं पिंघला हूं। आज मैंने तड़पती आंखों को सेखा आज मैंने शहर को देखा, शहर को देखा! #intelligence
N Kumar
जिसको हमने अपना माना, वही हमारा दुश्मन निकला ! जिसे लक्ष्मण समझा हमने, वो तो मगर विभीषण निकला! पहन के साधु का चोला जो पग पग साथ चला मेरे, यार मुखोटे के पीछे पर, वो तो साला रावण निकला... #Ravana..
Saheb
किसी रोज़ छॉंव की तलाश में गांव के सारे पेड़ काट कर ,अब ये छांव की तलाश में निकला है बड़ा अजीब शख्स है ये, उसी गांव के रास्ते से नये गांव की तलाश में निकला है #AareyForest
Rahul tiwari
अज़ब सा तमाशा बन कर निकला था...... वो दिन याद है मुझे जब मेरे आंसुओ का ज़नाज़ा निकला था ....