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Duniya_दुनिया
काफ़ी दिनों तक मुझे लगता था की वे ही डॉक्टर हैं, और इक दिन मैं इतना बड़ा हो गया की जान गया वे डॉक्टर नहीं उपचारिका(नर्स) हैं। इक मरीज़ को जितना डॉक्टर के इलाज़ की आवश्यकता होती है उतना ही एक नर्स के देखभाल की। अस्पताल के बेड पर एक बच्चे को वह माँ जैसी लगती है, और एक बूढ़ी सी औरत को बेटी की तरह। मैं जब प्रकृति के बारे में सोचता हूँ तो मुझे उस नर्स की छवि कौंधती है जिसने मेरी माँ के इलाज़ के दौरान उनकी देखभाल की थी। प्रकृति मुझे नर्स की तरह लगती है।
काफ़ी दिनों तक मुझे लगता था की वे ही डॉक्टर हैं, और इक दिन मैं इतना बड़ा हो गया की जान गया वे डॉक्टर नहीं उपचारिका(नर्स) हैं। इक मरीज़ को जितना डॉक्टर के इलाज़ की आवश्यकता होती है उतना ही एक नर्स के देखभाल की। अस्पताल के बेड पर एक बच्चे को वह माँ जैसी लगती है, और एक बूढ़ी सी औरत को बेटी की तरह। मैं जब प्रकृति के बारे में सोचता हूँ तो मुझे उस नर्स की छवि कौंधती है जिसने मेरी माँ के इलाज़ के दौरान उनकी देखभाल की थी। प्रकृति मुझे नर्स की तरह लगती है।
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https://youtu.be/y0ghm6jxiVA Visit the link to watch the video. वीडियो देखने के लिए सूत्र पर जाएँ। So many messages by so many children...Sometimes we can stand together even by not standing close enough..
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Even if the sky is limitless, Our sight is bound to the limit of eyes! (Priyantara Bharti) Reflections of a pink supermoon! P.C - @abhinandangopalabhi
Even if the sky is limitless, Our sight is bound to the limit of eyes! (Priyantara Bharti) Reflections of a pink supermoon! P.C - @abhinandangopalabhi
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इस फ़लक की सल्तनत हो बेइंतहा मगर, इस चश्म की इंतहा ही मेरे दीद की हद है! - प्रियंतरा भारती Reflections of a pink supermoon! 7/03/2020
इस फ़लक की सल्तनत हो बेइंतहा मगर, इस चश्म की इंतहा ही मेरे दीद की हद है! - प्रियंतरा भारती Reflections of a pink supermoon! 7/03/2020
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It's world health day and we're facing the COVID19 crisis.The human health system is on a high risk whereas the nature is healing slowly!During the quarantine we need to maintain our mental health and it's the time when even one person can decide the health of one's entire nation! The best hygeine right now is to stay at home!At this point,all of us can play the role of a healthworker who can ensure the safety of each other! Gratitudes to all those people who're working for this one world! Incid
It's world health day and we're facing the COVID19 crisis.The human health system is on a high risk whereas the nature is healing slowly!During the quarantine we need to maintain our mental health and it's the time when even one person can decide the health of one's entire nation! The best hygeine right now is to stay at home!At this point,all of us can play the role of a healthworker who can ensure the safety of each other! Gratitudes to all those people who're working for this one world! Incid
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https://youtu.be/poDps7VhlUQ कल जनता कर्फ्यू के दौरान हमने विश्व जल दिवस पर यह कविता संपादित करते हुए अपना दिन बिताया... कोरोना वायरस के वक़्त में हमें हाथ धोने और तमाम सुरक्षाओं का ध्यान रखना है पर याद रहे पानी बर्बाद न करे। साफ़ पानी हमारा और हमारी आनेवाली पीढ़ियों का भी जन्मसिद्ध अधिकार होना चाहिए।हमारी ख़ुशकिस्मती कि आज हमने एक गिलास साफ़ पानी पिया, वर्ना दुनिया में कई सारे बच्चे-बुजुर्ग साफ़ पानी की किल्लत की वजह से ज़िंदगी से हाथ धो बैठते हैं ।(अगर पानी होता तो पानी में हाथ धोते न!) Yesterday
https://youtu.be/poDps7VhlUQ कल जनता कर्फ्यू के दौरान हमने विश्व जल दिवस पर यह कविता संपादित करते हुए अपना दिन बिताया... कोरोना वायरस के वक़्त में हमें हाथ धोने और तमाम सुरक्षाओं का ध्यान रखना है पर याद रहे पानी बर्बाद न करे। साफ़ पानी हमारा और हमारी आनेवाली पीढ़ियों का भी जन्मसिद्ध अधिकार होना चाहिए।हमारी ख़ुशकिस्मती कि आज हमने एक गिलास साफ़ पानी पिया, वर्ना दुनिया में कई सारे बच्चे-बुजुर्ग साफ़ पानी की किल्लत की वजह से ज़िंदगी से हाथ धो बैठते हैं ।(अगर पानी होता तो पानी में हाथ धोते न!) Yesterday
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https://youtu.be/P4trGFp2ps8 कविता का वीडियो देखने के लिए लिंक पर जाएँ... #WorldSparrowDay तोहे ख़ातिर रखा है पानी, दाने-दाने से भरी है थाली, आओ री गौरैया अँगन मोरी तुम बिन अँगना ख़ाली-ख़ाली!
https://youtu.be/P4trGFp2ps8 कविता का वीडियो देखने के लिए लिंक पर जाएँ... #worldSparrowDay तोहे ख़ातिर रखा है पानी, दाने-दाने से भरी है थाली, आओ री गौरैया अँगन मोरी तुम बिन अँगना ख़ाली-ख़ाली!
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https://youtu.be/VJqZSCemT8w पूरी दुनिया एक स्वपन है। (हाँ, हो सकता है!) The whole world is a dream. (Yes, it can be!) स्वप्न में विचरण कर रहे किरदारों को कभी भी यह आभास नहीं होता कि उनके ईर्द-गिर्द बुनी गयी दुनिया केवल काल्पनिक है। The characters of a dream never realise that the world woven around them is just a hypothetical quotient. जिस जीवन को हम जी रहे हैं, जीते-जीते उसे झूठ तो नहीं कह सकते? क्योंकि फिर तो हम ही झूठ हैं, हम जो बोल और महसूस कर रहे हैं वह झूठ है।और इसका मतलब यह भी नहीं क
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मेरे अपने रंग हैं तुम्हारे अपने रंग, तो आओ हम अपनी दुनिया को एक-एक करके अपने रंग में रंग दें, तो सोचो फिर इस दुनिया में कितने कितने रंग होंगे? I have my colours and you have yours, Let's one-by-one spread our colours to the world and the world will be full of countless colours as you and me and WE.
मेरे अपने रंग हैं तुम्हारे अपने रंग, तो आओ हम अपनी दुनिया को एक-एक करके अपने रंग में रंग दें, तो सोचो फिर इस दुनिया में कितने कितने रंग होंगे? I have my colours and you have yours, Let's one-by-one spread our colours to the world and the world will be full of countless colours as you and me and WE.
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कविता शीर्षक : तिलचट्टों-से मकान सफ़र की खिड़कियाँ मुझे हरदम याद रहती हैं... और याद रहता है उसका एक मामूली दृश्य, सुदुर पीले खलिहानों और प्रकृति की हरितिमा में जो दिखती हैं कभी-कभार कच्चे मकानों की दीवारें तिलचट्टों की तरह... विहग विहंगम के पंख पंख सी हवा तेज़ कानों में थर्रा देती है गूँज ... यहाँ की वनस्पतियाँ और उद्भिद सब रेल रेल में खड़े हैं बस यहीं किसी अंत तक।
कविता शीर्षक : तिलचट्टों-से मकान सफ़र की खिड़कियाँ मुझे हरदम याद रहती हैं... और याद रहता है उसका एक मामूली दृश्य, सुदुर पीले खलिहानों और प्रकृति की हरितिमा में जो दिखती हैं कभी-कभार कच्चे मकानों की दीवारें तिलचट्टों की तरह... विहग विहंगम के पंख पंख सी हवा तेज़ कानों में थर्रा देती है गूँज ... यहाँ की वनस्पतियाँ और उद्भिद सब रेल रेल में खड़े हैं बस यहीं किसी अंत तक।
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