Find the Best हवन Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about हवन की लकड़ी, हवन का पर्यायवाची शब्द, हवन का सामान, होम हवन in english, हवन कैसे करें,
दिनेश कुशभुवनपुरी
#दोहा #दिवस #धूप #हवन Anupriya Raj Guru Suhana parvin. please Humko support aur gift Kijiye - repost kijiye-Boss Ritu Tyagi Priya Rajpurohit Rank Nameless advocate SURAJ PAL SINGH Anshu writer Naveen Kumar मनोज मानव Diksha Singh एक अजनबी PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) सुरमई साहित्य सूर्यप्रताप सिंह चौहान (स्वतंत्र) RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' gungun gusain Nîkîtã Guptā Anjali Srivastav .Indian Sing Language RD bishnoi kanta kumawat सुनील 'विचित्र' -"Richa_Shahu" Dhe #कविता
read moreCalmKazi
कुंड में जल गई तेरी हया की आहुति, कल कयासों का हवन हुआ था ।। हवन #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Yagya #हिंदी #हवन #कुंड #आहुति #हया #कविता #Poem #Poetry
pramod malakar
हिन्दू धर्म में हवन से फायदा पर रिसर्च 00000000000000000000 फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमें उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः आम की लकड़ी पर किया जाता है।जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है।जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है । तथा वातावरण को शुद्द करती है। इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने का तरीका पता चला।गुड़ को जलाने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है। टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर की गयी अपनी रिसर्च में ये पाया की यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाये अथवा हवन के धुएं से शरीर का सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है।हवन की महत्ता देखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इस पर एक रिसर्च की । क्या वाकई हवन से वातावरण शुद्द होता है और जीवाणु नाश होता है ?अथवा नही ? उन्होंने ग्रंथों में वर्णिंत हवन सामग्री जुटाई और जलाने पर पाया कि ये विषाणु नाश करती है। फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा कि सिर्फ एक किलो आम की लकड़ी जलाने से हवा में मौजूद विषाणु बहुत कम नहीं हुए। पर जैसे ही उसके ऊपर आधा किलो हवन सामग्री डाल कर जलायी गयी तो एक घंटे के भीतर ही कक्ष में मौजूद बैक्टीरिया का स्तर 94 % कम हो गया। यही नहीं उन्होंने आगे भी कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओ का परीक्षण किया और पाया कि कक्ष के दरवाज़े खोले जाने और सारा धुआं निकल जाने के 24 घंटे बाद भी जीवाणुओं का स्तर सामान्य से 96 प्रतिशत कम था। बार-बार परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि इस एक बार के धुएं का असर एक माह तक रहा और उस कक्ष की वायु में विषाणु स्तर 30 दिन बाद भी सामान्य से बहुत कम था । यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (research journa l of Ethnopharmacology 2007) में भी दिसंबर 2007 में छप चुकी है। रिपोर्ट में लिखा गया कि हवन के द्वारा न सिर्फ मनुष्य बल्कि वनस्पतियों एवं फसलों को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया का भी नाश होता है । जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है । आप अपने परिजनों को इस जानकारी से अवगत कराए । हवन करने से न सिर्फ भगवान ही खुश होते हैं बल्कि घर की शुद्धि भी हो जाती है । भगवान सभी परिजनों को सुरक्षा एवं समृद्धि प्रदान करें । ++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++ प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #हवन पर रिसर्च
aryan ravi
#चलो#ऑनलाइन #हवन #करते #हैं ... #मैं " #अपने #गम " #लिख #रह हूँ... #आप #लोग #कमेन्ट #में #स्वाहा "#लिखते #जाना..!😜😜 ©aryan ravi #Mic
महाशय अनलआर्ष
[सा प्रथमा संस्कृति विश्ववारा:] "वेद" वैदिक ( सनातन ) धर्मियों के अखण्ड एकता के अमूल्य सूत्र। एक जाति : #मनु नष्य एक नाम : #आर्य एक भाषा : #हिंदी एक ईश्वर : #ओ३म् एक धर्मग्रंथ : #वेद एक पूजा पद्धति : #हवन एक उपासना पद्धति : #योग क्षेत्र : समस्त #भूमण्डल #IndiaLoveNojoto ( सा प्रथमा संस्कृति विश्ववाराः ) वेद वैदिक ( सनातन ) धर्मियों के अखण्ड एकता के अमूल्य सूत्र।
pandeysatyam999
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ #nojotophoto
read moreRavi Kumar
******कलियुग का लक्ष्मण******* विनम्र निवेदन:-एक बार पढियेगा जरूर,, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ------------------- " भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।" छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा। " क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो ?" " नहीं भैया, ये अपना मकान है, किराये का नहीं ।" " अपना मकान", भरपूर आश्चर्य के साथ भरत के मुँह से निकला। "छोटे तूने बताया भी नहीं कि तूने अपना मकान ले लिया है।" " बस भैया ", कहते हुए लक्ष्मण ने फोन काट दिया। " अपना मकान" , " बस भैया " ये शब्द भरत के दिमाग़ में हथौड़े की तरह बज रहे थे। भरत और लक्ष्मण, दो सगे भाई ,और उन दोनों में उम्र का अंतर था करीब पन्द्रह साल। लक्ष्मण जब करीब सात साल का था तभी उनके माँ-बाप की एक दुर्घटना में मौत हो गयी। अब लक्ष्मण के पालन-पोषण की सारी जिम्मेदारी भरत पर थी। इस चक्कर में उसने जल्द ही शादी कर ली, कि जिससे लक्ष्मण की देख-रेख ठीक से हो जाये। प्राईवेट कम्पनी में क्लर्क का काम करते भरत की तनख़्वाह का बड़ा हिस्सा दो कमरे के किराये के मकान और लक्ष्मण की पढ़ाई व रहन-सहन में खर्च हो जाता। इस चक्कर में शादी के कई साल बाद तक भी भरत ने बच्चे पैदा नहीं किये। जितना बड़ा परिवार उतना ज्यादा खर्चा। पढ़ाई पूरी होते ही लक्ष्मण की नौकरी एक अच्छी कम्पनी में लग गयी ,और फिर जल्द शादी भी हो गयी। बड़े भाई के साथ रहने की जगह कम पड़ने के कारण उसने एक दूसरा किराये का मकान ले लिया। वैसे भी अब भरत के पास भी दो बच्चे थे, लड़की बड़ी और लड़का छोटा। मकान लेने की बात जब भरत ने अपनी बीबी को बताई तो उसकी आँखों में आँसू आ गये। वो बोली , " देवर जी के लिये हमने क्या नहीं किया। कभी अपने बच्चों को बढ़िया नहीं पहनाया। कभी घर में महँगी सब्जी या महँगे फल नहीं आये। दुःख इस बात का नहीं कि उन्होंने अपना मकान ले लिया, दुःख इस बात का है कि ये बात उन्होंने हम से छिपा के रखी।" इतवार की सुबह लक्ष्मण द्वारा भेजी गाड़ी, भरत के परिवार को लेकर एक सुन्दर से मकान के आगे खड़ी हो गयी। मकान को देखकर भरत के मन में एक हूक सी उठी। मकान बाहर से जितना सुन्दर था अन्दर उससे भी ज्यादा सुन्दर। हर तरह की सुख-सुविधा का पूरा इन्तजाम। उस मकान के दो एक जैसे हिस्से देखकर भरत ने मन ही मन कहा, " देखो छोटे को अपने दोनों लड़कों की कितनी चिन्ता है। दोनों के लिये अभी से एक जैसे दो हिस्से (portion) तैयार कराये हैं। पूरा मकान सवा-डेढ़ करोड़ रूपयों से कम नहीं होगा। और एक मैं हूँ, जिसके पास जवान बेटी की शादी के लिये लाख-दो लाख रूपयों का इन्तजाम भी नहीं है।" मकान देखते समय भरत की आँखों में आँसू थे, जिन्हें उन्होंने बड़ी मुश्किल से बाहर आने से रोका। तभी पण्डित जी ने आवाज लगाई, " हवन का समय हो रहा है, मकान के स्वामी हवन के लिये अग्नि-कुण्ड के सामने बैठें।" लक्ष्मण के दोस्तों ने कहा, " पण्डित जी तुम्हें बुला रहे हैं।" यह सुन लक्ष्मण बोले, " इस मकान का स्वामी मैं अकेला नहीं, मेरे बड़े भाई भरत भी हैं। आज मैं जो भी हूँ सिर्फ और सिर्फ इनकी बदौलत। इस मकान के दो हिस्से हैं, एक उनका और एक मेरा।" हवन कुण्ड के सामने बैठते समय लक्ष्मण ने भरत के कान में फुसफुसाते हुए कहा, " भैया, बिटिया की शादी की चिन्ता बिल्कुल न करना। उसकी शादी हम दोनों मिलकर करेंगे ।" पूरे हवन के दौरान भरत अपनी आँखों से बहते पानी को पोंछ रहे थे, जबकि हवन की अग्नि में धुँए का नामोनिशान न था भरत जैसे आज भी मिल जाते हैं इन्सान पर लक्ष्मण जैसे बिरले ही मिलते इस जहान काश सभी को ऐसे भाई मिले। रिश्तों को संजो कर रखिये, याद रक्खिये, ये आपके जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, पैसे तो आते रहेंगे जाते रहेंगे लेकिन रिश्ता एक बार गया तो दोबारा नही आयेगा। #सुनील साहू # hiii......!
S Ram Verma (इश्क)
#OpenPoetry हवन की समिधा ! तुम्हारे प्रेम क्षुधा से व्याकुल मेरा हृदय तृप्ति की चाह सिर्फ एक तुम से रखता है ; मेरे मन में जबसे तुम हुई हो शामिल ये दिल जिद्द पर अड़ा है बनने को तुम्हारे हवन कुंड की समिधा है ; जो हर एक आहुति के साथ धधक कर पूर्ण होना चाहता है सुनते ही स्वाहा ; ताकि तुझमे मिलकर प्रेम की समिधा सा वो हो जाए पूर्ण और मेरे मन की व्याकुल क्षुधा को यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ चीर शांति मिले ! ##हवन #की #समिधा
##हवन #की #समिधा #कविता #OpenPoetry
read more