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Nitika Nishchay Jain

Ravina Joshi

बख़्शी डायरी

Bebaak si muhabbat 
karte ho kab talak 
                 dil ko samjhaaoge, 
Zia si muhabbat hai 
meri andhero me bhi 
                 kaise chhipaaoge,
Ikhlaas-wa-marasim
jo hai beech humare 
                 kaise use bhulaaoge,
Door bhi hona chahoo 
khud se to tanhaaii me 
                 apni mujhe paaoge..
Zia=Light ,  Marasim=Relation #yqbaba 
#marasim 
#zia 
#ikhlaas 
#beloved 
#bebaak

Aliem U. Khan

Aliem U. Khan

#Yqaliem #urduhindi_poetry #yqbhaijan #khwahish_e_nafs #maabood #Marasim #sajde #masnad_e_adl Baher : 2122 1122 1122 22 Khwahish-e-nafs - desire of heart Maabood - God Masnad-e-adl - Throne of justice Firdaus - Heaven Maraasim - Relationship

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ख़्वाहिश-ए-नफ़्स को माबूद बना रखा है।
इक तरफ़ सर को भी सजदे में झुका रखा है!

सबको फ़िरदौस की चाहत है परे दुनिया से,
ख़्वाब दुनिया का भी आंखों में सजा रखा है!

दिल से अब कौन निभाता है मरासिम इतने,
चंद सिक्कों ने भरम सबका का बना रखा है।

हिर्स दुनिया की, हवस दिल में, हसद और् नफ़रत,
हुस्ने-ज़ाहिर में कई रंग मिला रखा है।

कौन किस सिम्त से कब वार करेगा मुझ पर!
हमने भी दिल में इक अंदाज़ा लगा रखा है।

अब किसी शख़्स से वाबस्ता नहीं उम्मीदें
अब फ़क़त हाथ दुआओं में उठा रखा है।

मसनद-ए-अद्ल पे बैठा है वो ज़ालिम ख़ुद ही!
शोर मक़तल का भी क़ातिल ने दबा रखा है!

अब कोई दोस्त न दुश्मन न पराया-अपना,
हमने सब के लिए दरवाज़ा खुला रखा है। #yqaliem  #urduhindi_poetry #yqbhaijan #khwahish_e_nafs #maabood  #marasim #sajde #masnad_e_adl

Baher : 2122 1122 1122  22
Khwahish-e-nafs  -  desire of heart
Maabood - God
Masnad-e-adl  -  Throne of justice
Firdaus  -  Heaven
Maraasim - Relationship

Aliem U. Khan

#Yqaliem #Tou! #ishq #Marasim #Faisla #adawat #Alahda #raaste तल्ख़ - Bitter अलहदा - to separate

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तो मैं तुमसा नहीं हूं और तुम मुझसे नहीं हो!
वजह कुछ भी हो, अब तुम खुलके भी मिलते नहीं हो।

न जाने किन ख़यालों में घिरे रहते हो अब तुम?
हमारे साथ होकर साथ तुम होते नहीं हो!

सुना है सच बहुत कड़वा हुआ करता है जांना,
ये लहजा तल्ख़ तो करते हो सच सुनते नहीं हो।

हमारे साथ चलकर दो क़दम तुम थक गये हो!
नई राहें न‌ई मंज़िल भी क्यूं चुनते नहीं हो!

इक ऐसे मोड़ पे लाकरके तन्हा छोड़ देना!
बनाकर अपना अब कहते हो तुम अपने नहीं हो!

अलहदा कर दिया है मुझको अपनी ज़िन्दगी से,
तो क्या तुम अपने दिल में भी मुझे रखते नहीं हो?

अदावत हमने कर ली जब ज़माने भर से तो फिर,
हमारे हक़ में तुम क्यूं फ़ैसला करते नहीं हो! #yqaliem #tou! #ishq #marasim #faisla #adawat #alahda #raaste 

तल्ख़ - Bitter
अलहदा - to separate

Aliem U. Khan

अपनी पलकों पे मिरे ख़्वाब सजाते तुम भी!
मुझको पाया था तो फिर साथ निभाते तुम भी!

भीड़ ही ही भीड़ है, लोगों के मरासिम कितने,
मेरे हो जाते मुझे अपना बनाते तुम भी!

अपनी पलकों को बिछा रक्खा है जाने कब से!
इतना याद आते हो,इक दिन चले आते तुम भी!

शामे-तन्हाई में फिर याद तुम्हारी आई,
चांद की तरह किसी सिम्त से आते तुम भी! #aliem #khwab #marasim #mere_ho_jaate #yaad

Aliem U. Khan

सफ़र में तुम हो,फ़िकर मुझे है..
तुम थक न जाओ, ये डर मुझे है..

ज़रा सी उलझन और बेक़रारी..
उधर तुम्हें और इधर मुझे है..

किसी का हो तुम नसीब माना..
तुम्हारी चाहत मगर मुझे है..

जो चलना ही है तो संग चलो फिर..
उन रास्तों की ख़बर मुझे है..

हिसाब चुकता करूं मैं लेकिन..
मरासिमों की क़दर मुझे है..

ज़ुबां से कुछ भी न तुम कहो पर..
तुम्हारे दिल की ख़बर मुझे है.. #yqaliem #safar #hamsafar #raaste #mai_tum   #marasim

Aliem U. Khan

दिलनवाज़ी भी तेरी सच्ची लगी।
ख़ुशमिज़ाजी भी तेरी अच्छी लगी।

क़हक़हों में मुझको शामिल कर लिया।
ये मेहरबानी तेरी अच्छी लगी।।

मैं तेरी महफ़िल का हिस्सा कब बना!
ख़ुशगुमानी थी तेरी.... अच्छी लगी।।

तुमने दिल के राज़ सारे कह दिए,
दिल कि नादानी तेरी अच्छी लगी।।

इस मरासिम को मैं अब क्या नाम दूं!
दिल को बस यारी तेरी अच्छी लगी।।

सब अपनी-अपनी दास्तां कहते रहे,
मुझको ख़ामोशी तेरी अच्छी लगी।। #yqaliem #dilnawazi #marasim #yari #dil #love #relationship #achhibaat

Aliem U. Khan

पल में बिखरा था,सिमटने में बहुत देर लगी,
ज़िन्दगी क्या है, समझने में बहुत देर लगी।

इसी मिट्टी से बना फिर इसी मिट्टी में मिला,
फिर इसी ख़ाक से उठने में बहुत देर लगी।

मुद्दतों तक रहा भटकाव जहान-ए-फ़ानी में,
ख़ाक का घर था वो बनने में बहुत देर लगी।

दर्द के फूल भी मुद्दत में खिला करते हैं,
दिल का गुलदान महकने में बहुत देर लगी।

ये हसीं चेहरे भी अब और नहीं अच्छे लगते,
आइना दिल का संवरने में बहुत देर लगी।

न तो अब इश्क न चाहत न मरासिम में कशिश,
एक पत्थर था, पिघलने में बहुत देर लगी।
 #yqaliem  #zindgi #khak #qabr #dard #dil #muhabbat #marasim
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