Find the Best लोकेंद्र_की_कलम_से Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos abouthindi word for कलम, दिल की कलम से, love से, लेखक की कलम से, नफरत की दुनिया में,
Lokendra Thakur
अंतः मन के सूने पन को कोई आशा हरियाली कर दे पीले सरसों का खलिहान गेहूं की सुनहरी बाली कर दे। कर दे सावन जैसा क्षण भाव बयार मतवाली कर दे झूला झूले अल्हड़ बचपन उम्र का बोझा खाली कर दे। कर दे तरल रूंधे कंठो को हृदय,राग मेघ मल्हारी कर दे अधर त्यागे मौन बंधो को हर शब्द-शब्द फुलवारी कर दे। कर दे पर्वत भी स्वप्नों को पर हिम्मत मेरी कुदाली कर दे विराम हो सब अंतः द्वंदो को आत्म शांति की बहाली कर दे कर दे तृष्णा को आमंत्रित कवित्व गंगा का पानी कर दे कंटको से हूं भला परिचित मुझे कविता का माली कर दे।। ©Lokendra Thakur #लोकेंद्र_की_कलम_से
Lokendra Thakur
अंको की होड़ ना करना तुम ज्ञान का अर्जन करना उन्मुक्त गगन के बादलों पर स्वप्नों का सृजन करना ।। कई रास्ते हैं पर एक चुनना प्रेरणा लेना, प्रेरक बनना धैर्य रखना साहस परखना गिर जाओ तो मत घबराना फिर प्रयत्न से गर्जन करना अंको की....................। असफलता और चुनौतियां ये सीढ़ी है नही पनोतियां जितना इन्हें स्वीकार करोगे उतना इन पर वार करोगे आत्मविश्वास में वर्धन करना अंको की....................। ©Lokendra Thakur #लोकेंद्र_की_कलम_से #result #life #motivation
#लोकेंद्र_की_कलम_से #result life #Motivation
read moreLokendra Thakur
नींद ने आज फिर आंखो में घर कर लिया आज फिर सो कर ज़ाया' ये रात करना है #लोकेंद्र_की_कलम_से ✍️ ©Lokendra Thakur #Stars&Me #लोकेंद्र_की_कलम_से ✍️
#Stars&Me #लोकेंद्र_की_कलम_से ✍️
read moreLokendra Thakur
बीज को सृजित जैसे करती हैं धरा धरा की गोद में जो होता है हरा भरा वैसे ही नारी सृजन की अधिष्ठात्री है मानव की सृजन कर्ता है वह निर्मात्री है ममता से परिपूर्ण है वह शक्ति स्वरूप हैं कुल की है चेतना, नारी के कई रूप है लिख गए ऋचाओं में वेदों के रचियता यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।। स्वर्णिम इतिहास है नारी शक्ति का त्याग, बलिदान की अभिव्यक्ति का साहस हाड़ा रानी और पन्ना धाय सा संकल्प पद्मावती शौर्य रानी लक्ष्मी का नारी में समाहित प्रेम, पराक्रम और पुनीता लिख गए ऋचाओं में वेदों के रचियता यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।। अस्तित्व नारी का अब गौण नहीं है वाणी भी है मुखर अब मौन नहीं है सिंधु हो या गगन कोई सीमा नहीं है स्पष्ट है लक्ष्य कोई दुविधा नहीं है उन्मुक्त विचारों से स्वप्न सृजन है करना अधिकार जन्मजेय है की सम्मान से जीना लिख गए ऋचाओं में वेदों के रचियता यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।। लोकेंद्र की कलम से ✍️ ©Lokendra Thakur #womansDay #लोकेंद्र_की_कलम_से
#womansDay #लोकेंद्र_की_कलम_से
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited