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दिनेश कुशभुवनपुरी
श्रृंगार छंद: मलिनता मलिनता मन में फैली खूब। कहीं फिर धर्म न जाये डूब। बिखरता यहाँ आज संस्कार। सभी कर रहे खोट व्यापार॥ Dinesh Pandey ©दिनेश कुशभुवनपुरी #श्रृंगार_छंद #मलिनता एक अजनबी {[PREET]} advocate SURAJ PAL SINGH RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Mysterious Girl Suhana parvin Manisha Keshav ~pragya gungun gusain Asmita Singh Asmita Singh पथिक.. Alone Amit vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684 Nîkîtã Guptā PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' gaTTubaba R K Mishra " सूर्य " poonam atrey MƳ ƊŘĚÃM ÌŞ MŶ ŁÎFÉ Disha Anshu writer सुरमई साहित्य मनोज मानव Subhash Chandra Richa Mishra Puja Udeshi शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Anupriya Rakesh Kum
#श्रृंगार_छंद #मलिनता एक अजनबी {[PREET]} advocate SURAJ PAL SINGH RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Mysterious Girl Suhana parvin Manisha Keshav ~pragya gungun gusain Asmita Singh Asmita Singh पथिक.. Alone Amit vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684 Nîkîtã Guptā PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान' gaTTubaba R K Mishra " सूर्य " poonam atrey MƳ ƊŘĚÃM ÌŞ MŶ ŁÎFÉ Disha Anshu writer सुरमई साहित्य मनोज मानव Subhash Chandra Richa Mishra Puja Udeshi शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) Anupriya Rakesh Kum
read moreJuhi Grover
गंगा की पवित्रता, तवायफ़ की पाकीज़गी ( कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें) 16.10.2021 सुना है गंगा मैया बरसों से हमारे पाप धोती आई है, और बरसों से ही धीरे-धीरे मलिनता यों ढोती आई है। स्वार्थ के चर्म पर पहुँचा मानव पापी बन तो जाता है, क्या उनकी नम्रता से मानव जाति नम्र होती आई है। सुना है गंगा मैया के घाट पे सुकून की प्राप्ति होती है, तो क्या मनुष्यता स्वार्थवश हो पाप ही बोती आई है?
16.10.2021 सुना है गंगा मैया बरसों से हमारे पाप धोती आई है, और बरसों से ही धीरे-धीरे मलिनता यों ढोती आई है। स्वार्थ के चर्म पर पहुँचा मानव पापी बन तो जाता है, क्या उनकी नम्रता से मानव जाति नम्र होती आई है। सुना है गंगा मैया के घाट पे सुकून की प्राप्ति होती है, तो क्या मनुष्यता स्वार्थवश हो पाप ही बोती आई है?
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