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MR.Siddhartha#shayar
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# हाथी और उसके दोस्त की काहानी# बहुत समय पहले की बात है, एक अकेला हाथी एक अजीब जंगल में बसने आया। यह जंगल उसके लिए नया था, और वह दोस्त बनाने के लिए देख रहा था। वो सबसे पहले एक बंदर से संपर्क किया और कहा, “नमस्ते, बंदर भैया ! क्या आप मेरे दोस्त बनना चाहेंगे? ” बंदर ने कहा, तुम मेरी तरह झूल नहीं सकते क्यूंकि तुम बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता। इसके बाद हाथी एक खरगोश के पास गया और वही सवाल पूछा। खरगोश ने कहा, तुम मेरे बिल में फिट होने के लिए बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता। फिर हाथी तालाब में रहने वाले मेंढक के पास गया और वही सवाल पूछा। मेंढक ने उसे जवाब दिया, तुम मेरे जितना ऊंची कूदने के लिए बहुत भारी हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता। अब हाथी वास्तव में उदास था क्योंकि वह बहुत कोशिशों के वाबजूद दोस्त नहीं बना सका। फिर, एक दिन, सभी जानवरों को जंगल में इधर उधर दौड़ रहे थे, ये देखकर हाथी ने दौड़ रहे एक भालू से पूछा कि इस उपद्रव के पीछे का कारण क्या है। भालू ने कहा, जंगल का शेर शिकार पर निकला है – वे खुद को उससे बचाने के लिए भाग रहे हैं। ऐसे में हाथी शेर के पास गया और कहा कि कृपया इन निर्दोष लोगों को चोट न पहुंचाओ। कृपया उन्हें अकेला छोड़ दें। शेर ने उसका मजाक उड़ाया और हाथी को एक तरफ चले जाने को कहा। तभी हाथी को गुस्सा आ गया और उसने शेर को उसकी सारी ताकत लगाकर धक्का दे दिया, जिससे वह घायल हो गया और वहां से भाग खड़ा हुआ। अब बाकी सभी जानवर धीरे-धीरे बाहर आ गए और शेर की हार को लेकर आनंदित होने लगे। वे हाथी के पास गए और उससे कहा, “तुम्हारा आकार एकदम सही है हमारा दोस्त बनने के लिए !” कहानी की सीख इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक व्यक्ति का आकार उनके मूल्य का निर्धारण नहीं करता है। ©sandy rwt #navratri #khani #khaniya
ਕਹਾਣੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੀਆਂ
ਅਪਸਰਾ (ਪ੍ਰੀਤ ਕੈਥ) ਇਹ ਕਹਾਣੀ ਅੱਗੇ ਪੜ੍ਹਨ ਲਈ follow ਜ਼ਰੂਰ ਕਰੋ। #khaniandkirdar #khaniya #punjbaistauts #punjabicouples #punjbaishayri #punjabiwriter #punjabiwords जलते आंसू Adi_indian_boy: Anuradha Sharma Swaran Hans Jasmeen KP Thervadiya
read moreMʀ Sʌŋɗɘɘp
जब छोटी थी, तब माँ के आँचल और पापा की गोद में छुपा था प्रेम। लुका-छिपी खेलने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती थी और प्रेम मुझे हमेशा ढूंढ लेता था। थोड़ी बड़ी हुई, तो हॉस्टल में रह रहे कुछ दोस्तों में मिल गया प्रेम, उस वक़्त मेरे लिए प्रेम का मतलब किसी अजनबी के अंदर घर का मिल जाना था। फिर थोड़ी और बड़ी हुई, तब मेरे लिए प्रेम हो गया किसी खास का ज़िन्दगी में होना, जो बाकी दोस्तों से अलग हो। लगा प्रेम तो बस यही है, बाकी सब जो भी इसके पहले जिया वो शायद मिथ्या था। पर कुछ सालों बाद जब दिल टूटा, तो लगा भक्क प्रेम जैसी कोई चीज़ है ही नहीं। प्रेम खुद एक झूठ है। पर मुझे क्या पता था, प्रेम के साथ मैं लुका-छुपी खेलूँ या नहीं, वह मुझ तक अपना रास्ता बना लेगा। मुझे फिर प्रेम हुआ, मगर इस बार खुद से। ज़िन्दगी में पहली बार एहसास हुआ कि हम ताउम्र प्रेम की तलाश में रहते हैं, उसको दूसरों में ढूंढते हैं, पर वह तो हमारे अंदर कहीं छुपा होता है। इसलिए, शायद हमसे हर बार टकरा जाता है। अब मैं खुद से प्रेम कर रही थी और यह भावना ही एक दम अलग थी। मुझे लगने लगा कि अब मुझे समझ आने लगा कि प्रेम क्या होता है, खुद के लिए जीना ही तो है प्रेम। पर फिर मैंने घूमना शुरू किया और मुझे दरारों से निकलते फूलों, पहाड़ों में गूंज रही आवाज़ों, दूर बसे अनजान गाँवों की पगडंडियों, विशाल किलों में छुपी कहानियों, उगते सूरज और ढलती शामों से प्रेम होने लगा और ज़िन्दगी में पहली दफ़ा एहसास हुआ कि सिर्फ जीवित चीजों से नहीं, निर्जीव चीजों से भी प्रेम किया जा सकता है; भरपूर किया जा सकता है। पागल हुआ जा सकता है पहाड़ों के प्रेम में, बहती नदियों के वेग में, अनजान सड़कों की आस में। आह...कितना सुंदर है प्रेम में होना। आने वाले सालों में ना जाने कितनी दफ़ा और होगा प्रेम मुझे, यह मैं नहीं जानती, पर मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि मुझे प्रेम को खोजने के लिए उससे लुका-छिपी खेलने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि मैं जानती हूँ प्रेम मुझे ढूंढ ही लेगा। और जैसे ही मैं उसे समझने लगूँगी, आ जाएगा किसी और रूप में मेरे सामने और गढ़ देगा फिर से अपनी कोई नई परिभाषा... ©Mʀ Sʌŋɗɘɘp #kuchpalzindagike#khaniya#pal#famly#stoyri#life#khaniyadilse
Sudhakar
भगवान् की कृपा एक आदमी गाड़ी से उतरा, और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट मे घुसा, जहाज़ उड़ने के लिए तैयार था, उसे किसी कांफ्रेंस मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित की जा रही थी। वह अपनी सीट पर बैठा और जहाज़ उड़ गया। अभी कुछ दूर ही जहाज़ उड़ा था कि कैप्टन ने ऐलान किया , तूफानी बारिश और बिजली की वजह से जहाज़ का रेडियो सिस्टम ठीक से काम नही कर रहा इसलिए हम क़रीबी एयरपोर्ट पर उतरने के लिए मजबूर हैं। जहाज़ उतरा वह बाहर निकल कर कैप्टन से शिकायत करने लगा कि उसका एक-एक मिनट क़ीमती है और होने वाली कांफ्रेस मे उसका पहुँचना बहुत ज़रूरी है। पास खड़े दूसरे मुसाफिर ने उसे पहचान लिया और बोला डॉक्टर पटनायक आप जहां पहुंचना चाहते हैं टैक्सी द्वारा यहां से केवल तीन घंटे मे पहुंच सकते हैं उसने शुक्रिया अदा किया और टैक्सी लेकर निकल पड़ा। लेकिन ये क्या आंधी, तूफान, बिजली, बारिश ने गाड़ी का चलना मुश्किल कर दिया, फिर भी ड्राइवर चलता रहा। अचानक ड्राइवर को एह़सास हुआ कि वह रास्ता भटक चुका है। ना उम्मीदी के उतार चढ़ाव के बीच उसे एक छोटा सा घर दिखा। इस तूफान मे वही ग़नीमत समझ कर गाड़ी से नीचे उतरा और दरवाज़ा खटखटाया। आवाज़ आई जो कोई भी है अंदर आ जाए दरवाज़ा खुला है। अंदर एक बुढ़िया आसन बिछाए भगवद् गीता पढ़ रही थी। उसने कहा ! मांजी अगर इजाज़त हो तो आपका फोन इस्तेमाल कर लूँ ? बुढ़िया मुस्कुराई और बोली बेटा कौन सा फोन ? यहां ना बिजली है ना फोन। लेकिन तुम बैठो सामने चरणामृत है, पी लो थकान दूर हो जायेगी और खाने के लिए भी कुछ ना कुछ फल मिल जायेगा खा लो ! ताकि आगे सफर के लिए कुछ शक्ति आ जाये। डाक्टर ने शुक्रिया अदा किया और चरणामृत पीने लगा बुढ़िया अपने पाठ मे खोई थी कि उसकेे पास उसकी नज़र पड़ी एक बच्चा कंबल मे लपेटा पड़ा था जिसे बुढ़िया थोड़ी थोड़ी देर मे हिला देती थी। बुढ़िया फारिग़ हुई तो उसने कहा मांजी ! आपके स्वभाव और एह़सान ने मुझ पर जादू कर दिया है। आप मेरे लिए भी दुआ कर दीजिए यह मौसम साफ हो जाये मुझे उम्मीद है आपकी दुआऐं ज़रूर क़बूल होती होंगी। बुढ़िया बोली नही बेटा ऐसी कोई बात नही तुम मेरे अतिथी हो और अतिथी की सेवा ईश्वर का आदेश है। मैने तुम्हारे लिए भी दुआ की है। परमात्मा का शुक्र है, उसने मेरी हर दुआ सुनी है। बस एक दुआ और मै उससे माँग रही हूँ शायद जब वह चाहेगा उसे भी क़बूल कर लेगा। कौन सी दुआ ? डाक्टर बोला। बुढ़िया बोली ये जो 2 साल का बच्चा तुम्हारे सामने अधमरा पड़ा है, मेरा पोता है, ना इसकी मां ज़िंदा है ना ही बाप, इस बुढ़ापे मे इसकी ज़िम्मेदारी मुझ पर है, डाक्टर कहते हैं, इसे कोई खतरनाक रोग है जिसका वो इलाज नही कर सकते, कहते हैं एक ही नामवर डाक्टर है, क्या नाम बताया था उसका ! हाँ "डॉ पटनायक" वह इसका ऑप्रेशन कर सकता है, लेकिन मैं बुढ़िया कहां उस डॉ तक पहुंच सकती हूँ ? लेकर जाऊं भी तो पता नही वह देखने पर राज़ी भी हो या नही ? बस अब बंसीवाले से ये ही माँग रही थी कि वह मेरी मुश्किल आसान कर दे ! डाक्टर की आंखों से आंसुओं का सैलाब बह निकला। वह भर्राई हुई आवाज़ मे बोला ! माई आपकी दुआ ने हवाई जहाज़ को नीचे उतार लिया, आसमान पर बिजलियां कौंधवां दीं, मुझे रास्ता भुलवा दिया, ताकि मैं यहां तक खींचा चला आऊं, हे भगवान ! मुझे यकीन ही नही हो रहा कि ईश्वर एक दुआ क़बूल करके अपने भक्तों के लिए इस। ©Sudhakar #lonely #khani #khaniya #khanii
Sunil Choudhary
शिकवा करने गए थे और इबादत सी हो गई तुझे भूलने की जिद थी मगर तेरी आदत सी हो गई है ©Sunil Répswal तेरेआदत #Likho #Love #प्यार #alone #I💖nojoto #sunilrepswal #khaniya #Life
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read moreAmit Das
हर हसरत को पूरी करने में शिद्दत मत लगाना की हर हसरत पूरी नहीं हुआ करती ©Amit Das #khaniya