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Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 12 - अर्थार्थी 'बेशर्म कहीं का' सरदार की आखें गुस्से से लाल हो गयी। फड़कते ओठों से उन्होंने डांटा। 'पासमें तो महज एक बूढा ऊँट है ओर हिम्मत इतनी।' 'कसूर माफ हो।' अरब अपमान सह नहीं सकता। अगर उसे रोशन का खयाल न होता तो तेग बाहर चमकती होती। लेकिन वह समझ नहीं सका था कि उसने गलती क्या की है। आखीर वह काना-कुबड़ा नही है। बदशकल भी नहीं है ओर कमजोर भी नही है। अरब न तो रोजगार करता और न खेती। किसी नखलिस्तान की चढ़ाई में वह भी दुशमन से आधे दर्जन ऊँट
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इल्म के बिना इंसान दीन और दुनिया से अनजान रहता है कुमारखंड(मधेपुरा)इकबाल राजा- प्रखंड के मदरसा फलांहुल मुस्लमीन यदुआपट्टी में एक दिवसीय दस्तार बंदी सह दीन बचाव जलसा का आयोजन अमीर-ए- तरीकत आरिफ उल्ला सैयद शाह अहमद नसर बनारसी सज्जादा नसी खानकाह इमदादिया बनारस के अध्यक्षता में आयोजित किया गया।जलसा का आगाज कारी मुख्तार अहमद व कारी जियाउर्रहमान की कुराने करीम के तिलावत से किया गया।मौके पर शायर-ए-इसलाम कारी अब्दुस सवातीन फैजाबादी व अन्य शायरों के हम्द एवं नातिया कलाम से उपस्थितों का दिल मोअत्तर किया
इल्म के बिना इंसान दीन और दुनिया से अनजान रहता है कुमारखंड(मधेपुरा)इकबाल राजा- प्रखंड के मदरसा फलांहुल मुस्लमीन यदुआपट्टी में एक दिवसीय दस्तार बंदी सह दीन बचाव जलसा का आयोजन अमीर-ए- तरीकत आरिफ उल्ला सैयद शाह अहमद नसर बनारसी सज्जादा नसी खानकाह इमदादिया बनारस के अध्यक्षता में आयोजित किया गया।जलसा का आगाज कारी मुख्तार अहमद व कारी जियाउर्रहमान की कुराने करीम के तिलावत से किया गया।मौके पर शायर-ए-इसलाम कारी अब्दुस सवातीन फैजाबादी व अन्य शायरों के हम्द एवं नातिया कलाम से उपस्थितों का दिल मोअत्तर किया
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|| श्री हरि: || 12 - अर्थार्थी 'बेशर्म कहीं का' सरदार की आखें गुस्से से लाल हो गयी। फड़कते ओठों से उन्होंने डांटा। 'पासमें तो महज एक बूढा ऊँट है ओर हिम्मत इतनी।' 'कसूर माफ हो।' अरब अपमान सह नहीं सकता। अगर उसे रोशन का खयाल न होता तो तेग बाहर चमकती होती। लेकिन वह समझ नहीं सका था कि उसने गलती क्या की है। आखीर वह काना-कुबड़ा नही है। बदशकल भी नहीं है ओर कमजोर भी नही है। अरब न तो रोजगार करता और न खेती। किसी नखलिस्तान की चढ़ाई में वह भी दुशमन से आधे दर्जन ऊँट और बडा-सा तम्बू छीन सकता है। सरदार के ऊँट
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