Find the Best घना Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about माना कि अंधेरा घना है, बालों को घना बनाने, जिंदगी धूप तुम घना साया, जिंदगी धूप तुम घना छाया, येरे घना येरे घना lyrics,
Shubham Bhardwaj
हर तरफ तूफान सा मंजर देखा। मैने वक्त के हाथों में खंजर देखा।। निगाहें तरसती रहीं मंजिल की तलाश में। हर तरफ घना शोर और खत्म सफर देखा।। ©Shubham Bhardwaj #हर #तरफ #घना #शोर #मंजर #वक्त #के #हाथों
ranjit Kumar rathour
हर तरफ धुप्प अंधेरा है आगे घना कोहरा है रास्ता दिख नही रहा राह में मिल कोई नही रहा क्या करूँ न करूं समझ भी नही आ रहा आवाज दूँ किसे दूँ कोई सुनेगा भी यहाँ? गूंगी बहरी व्यवस्था चिल्ला भी नही सकता गरज कर थक चुके सब मेरी कौन सुनेगा लगता लड़ पडू सबसे डरता पिट जाऊंगा अंदर ही लड़ रहा हूँ आगे बढ़ रहा हूँ मैं भोर होगी कभी पूरी रात चलनी हैं मैं रहूँ न रहूँ सूरज के निकलने तक ©ranjit Kumar rathour सफर #घना कोहरा
ankit saraswat
आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें और है अंधेरा घना तो क्या, है रास्ता अन्जान तो क्या। हम मतवाले हिम्मत वाले बढ़ते हैं बढ़ जायेंगे। खुद बनानी है राह अपनी हम बना ही जायेंगे। हमने ठाना है मंजिल को पाना तो पा ही जायेंगे।। #घना अंधेरा
Abhay Bhadouriya
सरस्वती वंदना (अनुशीर्षक में पढ़ें) सरस्वती वंदना माता के चरणों में प्रणाम बारंबार कर रहा सुंदर श्वेत पुष्प ... चरणों में समर्पित कर रहा मिटा दो अंधकार सब ज्ञान को विस्तार दो हे! वीणा वादिनी माता जीव को तार दो
सरस्वती वंदना माता के चरणों में प्रणाम बारंबार कर रहा सुंदर श्वेत पुष्प ... चरणों में समर्पित कर रहा मिटा दो अंधकार सब ज्ञान को विस्तार दो हे! वीणा वादिनी माता जीव को तार दो #जीवन #प्रार्थना #पौराणिक #abhaybhadouriya #iitkavyanjali #सरस्वतीवंदना
read moreParnassian's Cafe
रात अंधेरी घना अंधेरा चाँद जमीं पर लाऊँ क्या। चूम के तेरे लबों को लब से हदें पार कर जाऊँ क्या।। रात अंधेरी घना अंधेरा चाँद जमीं पर लाऊँ क्या। चूम के तेरे लबों को लब से हदें पार कर जाऊँ क्या।। #रात #अंधेरी #घना #अंधेरा #चाँद #जमीं #पर #लाऊँ #क्या। #चूम #के #तेरे #लबों #को #लब #से #हदें #पार #कर #जाऊँ #क्या।।
Rajesh kumar
2 Years of Nojoto डग-मग डग-मग मानवता, घना अंधकार दिखाई देता है। बच्ची की चीखों में देखों, वर्तमान का शोर सुनाई देता है। विलुप्त हो रहे संस्कार सभी , केवल स्वार्थ दिखाई देता है। डग-मग डग-मग मानवता, घना अंधकार दिखाई देता है।1। #poem #mythought
Satendra Sharma
💕💕 शाम की चूनर ने फिर ओढ़ा घना कुहासा है, रात से ज्यादा घना बादल आज फिर प्यासा है। तुझको देखे पलकें झपकाना भूल गये थे हम, सोचते ही रह गये थे हुश्न है या कोई बिपाशा है। नजरों की गुस्ताखियों ने यादें दी उम्र भर की, गलतफहमी ये कि आज भी दिल को तेरी आशा है। बाद मुद्दत के मिले हो मत बैठो मुंह फेरकर, जमाना मुलाकात के भ्रम में रहे ना समझे तमाशा है। शिकवे शिकायतों की तो अब आदत ही न रही, पर मनुहार की भी अब हमारे पास न कोई भाषा है। चेहरे की खरोंचों से मेरे वजूद का अंदाजा न लगा, असलियत इतनी है 'तरंग' को ऐबों ने तराशा है। .......सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के 💝दिल💝 से......
'तरंग' के 💝दिल💝 से......
read moreShukla Sakshi
#अब्र #घना #आँखे #बरसात #जिंदगी #यादें #उम्मीदें