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Akhil Sharma
क्या करें लाइव शो कैसे #हासिल करें क्या करें लाइव शो के लिए बहुत सारे सवाल है पहले मेहनत तो कर दे तो सही खुद को पहचान हम तक अपनी #आवाज तो पहचान अपनों को तो अपना अभी तो #आया ही तो है अभी #नोजोतो आया ही है #एकदम से #पैसों के लिए मत भाग जाना है तो अपने #टैलेंट को दिखाने के लिए भाग अपनी पहचान दिखाने के लिए #भाग ए मेरे दोस्त सब्र कर ए मेरे दोस्त Nimble Limner (Jasmine Sun) MM Mumtaz kya kehte ho doston shi kha na Shayarana #MyJourneyWithNojoto with_nojoto Dr Priyanka Priyam Neeraj Mishra Anjani U
read morekavita chavan
जिंदगी #एकदम मायूस सी हो गई हैँ..# खुश रहने की कोई #वज़ह भी तो #नही.. ©kavita chavan #touchthesky
ek musafir
दुनियां में दो ही चीज़े एकदम फ्री मिलती हैं, मैगी के साथ मसाला रिश्तेदारों के साथ ज्ञान। ©Alsaba Khan #एकदम फ्री #Books
🅰️🅰️MAN
एक बात हमेशा याद रखो, किसी के सामने गिड़गिड़ाने से न तो इज़्ज़त मिलती है, और न ही मोहब्बत। 🖋अमन प्रताप ये #एकदम #सत्य है.. #इज़्ज़त और #प्यार....
तन्हा
#संघर्ष_मेरे_जीवन_का #संघर्ष_मेरा #मेरे_जीवन_का_संघर्ष #संघर्ष #follow #cmnt #like #share #Indian_Shayar #writers_of_nozoto #follow4follow #share4share #like #cmnt #f4f #l4l रही होगी #मजबूरियां , उस #लड़की की भी कुछ #वरना इतना #चाहने के बाद , किसी का #दिल #कौन #तोड़ता है #शायद उस #लड़के को भी #दिख गई होगी , वह अपने नए #आशिक के #साथ #वरना अपने #पहले #प्यार को #देखकर , #एकदम से ऐसे #मुंह कौन मोड़ता है
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read moreऋतू
मैत्री ऋतु आपली कस एकदम बदलतो , अचानक सूर्य ढगाआड दिसेनासा होतो, आभाळ गच्च भरून येत , क्षणार्धात पावसाच्या धारांनी अंगण भिजून जात, मातीलाही सुगंध सुटतो , मैत्रीचं पण असच असत .....
read morePravin Kumar
एक चुटकी जहर 👇👇👇 "एक चुटकी ज़हर रोजाना" आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। सास पुराने ख़यालों की थी और बहू नए विचारों वाली। आरती और उसकी सास का आये दिन झगडा होने लगा। दिन बीते, महीने बीते. साल भी बीत गया. न तो सास टीका-टिप्पणी करना छोड़ती और न आरती जवाब देना। हालात बद से बदतर होने लगे। आरती को अब अपनी सास से पूरी तरह नफरत हो चुकी थी. आरती के लिए उस समय स्थिति और बुरी हो जाती जब उसे
"एक चुटकी ज़हर रोजाना" आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। सास पुराने ख़यालों की थी और बहू नए विचारों वाली। आरती और उसकी सास का आये दिन झगडा होने लगा। दिन बीते, महीने बीते. साल भी बीत गया. न तो सास टीका-टिप्पणी करना छोड़ती और न आरती जवाब देना। हालात बद से बदतर होने लगे। आरती को अब अपनी सास से पूरी तरह नफरत हो चुकी थी. आरती के लिए उस समय स्थिति और बुरी हो जाती जब उसे
read moreRaj Kishor Singh
मैं हूँ शहर का एक आवारा सा लड़का , और तुम ज़रा सी दाग़ से डर जाने वाली लड़की हो । मैं भटकता हूँ देर रात तक चौराहों पर , और तुम अंधेरा होने से पहले घर जाने वाली लड़की हो। मैं खटकने लगा हूँ यहाँ आँखों मे कांटा बनकर , और तुम हर दिल मे घर कर जाने वाली लड़की हो । मुझे पसंद बहुत है परीयों की कहानी , और तुम बिलकुल कहानी वाली लड़की हो । मैं चाय का हर मौसम दीवाना लड़का हूँ , और तुम किचन से फ़रार हो जाने वाली लड़की हो । मैं ठहरा PubG में खोया हुआ एक सिपाही , और तुम किताबों से दिल लगाने वाली लड़की हो । मैं ठहरा फिल्मी गाने गाना वाला एक लड़का , और तुम एक सांस में दुर्गा चालीसा पढ़ जाने वाली लड़की हो । मैं ठहरा एकदम कट्टर विचारों वाला एक भक्त , और तुम मंदिर जाकर ईद मनाने वाली लड़की हो । मुझे होश नहीं रहता है खुद के खाने-पीने का , और तुम भूखों को खिलाने वाली लड़की हो । हड्डी मुर्गा खाने वाला एक लड़का मैं , तुम शुद्ध पंडित घराने वाली लड़की हो । मैं ऐसा लड़का हूँ मैं वैसा लड़का हूँ , पर मुझे जैसी चाहिए तुम एकदम वैसी लड़की हो। ladki
ladki
read moreप्रियदर्शन कुमार
काव्य संख्या-214 ============= यथार्थ से हुआ सामना ============= सपनों में जी रहा था मैं धरती को छोड़ आसमान में उड़ रहा था मैं जबकि खुद के पंख नहीं थे मेरे
काव्य संख्या-214 ============= यथार्थ से हुआ सामना ============= सपनों में जी रहा था मैं धरती को छोड़ आसमान में उड़ रहा था मैं जबकि खुद के पंख नहीं थे मेरे
read moreGajendra Prasad Saini
अब उस परिंदे को आजाद कर दिया हैं मैंने जो मैरे दिल के बहुत करीब था, वो दिखने में एकदम शान्त मगर शरीफ़ था, जब मैंने आजमाया उसे तो पता चला.. ना दिल में प्यार था इसमें वो एकदम गरीब था ... "एक लाचार गरीब परिंदा ...
"एक लाचार गरीब परिंदा ...
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