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सदैव
White जैसा कि आप जानती हैं ठकुराइन, "हमारा आत्मकारक ग्रह शुक्र है.. जहाँ ना हो वहाँ भी सुंदरता दिखती है हमें..." फ़िर आप तो....... ख़ैर छोड़िये.... #शुक्रिया #शुक्रवार ©सदैव #sad_shayari
The smile
©The smile #अक्षय_तृतीया #अक्षयतृतीया #शुक्रवार
#अक्षय_तृतीया #अक्षयतृतीया #शुक्रवार
read moreR K Mishra " सूर्य "
जय माता रानी ©R K Mishra " सूर्य " #शुक्रवार Sethi Ji Ashutosh Mishra Richa Mishra Kanchan Pathak Mili Saha
#शुक्रवार Sethi Ji Ashutosh Mishra Richa Mishra Kanchan Pathak Mili Saha
read moreदामिनी नारायण सिंह Quotes
DaminiQuote ये शहर और बारिश_धीमे-धीमे आती कोयल की कुकू संग नीज चैत बधाई गाती मस्त-पवन के अद्भुत झोंके कभी धुप शरारत भाती 🌨🌨🌨 फसल है कहती_मत बरसो_घर जाना है बाकी ये बैरी कब सुने किसी की_इतराती-इठलाती गरज-बरस हाँ इसकी मर्जी_रिमझिम राग सुनाती ये शहर और बारिश.. ©दामिनी नारायण सिंह #DaminiQuote #DaminiQuotes #शुक्रवार
#daminiquote #daminiquotes #शुक्रवार
read moreVicky Tiwari
#शुक्रवार #24मार्च की #ढलती_शाम #दिखाई #पड़ा #छत्तीसगढ़_राज्य के #अम्बिकापुर #शहर में #नजारा
read moreDr. Satyam Bhaskar
#navratri #खुश #जिंदगी #सीख #शुक्रवार #रिश्ते Life #Happiness #lesson #bhramarpuriya
read morekumaarkikalamse
दर्द को भी मिलना चाहिए एक इतवार, सहने की क्षमता देखना तुम फिर सोमवार। मंगलवार को हो तकलीफों का उपवास, ठहाके लगाने की इजाजत दे दे बुधवार। गुरुवार तक सब गमों के आदी हो जाएंगे, देर रात तक काम कराए, बेदर्दी शुक्रवार। एक शनिवार की आस में गुजर जाता हफ्ता, बस खुशी की आस दिलाता है इतवार! #kumaarsthought #सोमवार #मंगलवार #बुधवार #गुरुवार #शुक्रवार #शनिवार #रविवार
Sunil Gupta
तिथि 3 अप्रैल 2020 दिन शुक्रवार विधा गजल यह सड़क सुनसान है और इस कदर सोचा न था। यह शहर वीरान है और इस कदर सोचा न था।। थम गए पहिए समय भी और दहशत व्याप्त है । आफतों में जान है और इस कदर सोचा न था।। वे जहां भी जा रहे हैं जिंदगी की खोज में। मौत का सामान है और इस कदर सोचा न था।। भूख है दाने नहीं है छूत से भयभीत हैं। ये कहां प्रस्थान है ?और इस कदर सोचा न था।। मर चुके हैं लोग कितने और गिनती बढ़ रही । फिर अभी अनुमान है और इस कदर सोचा न था ।। वक्त लंगड़ा हो गया है और वैशाखी कहीं । ढूंढ कर परेशान है और इस कदर सोचा न था।। बन रहा किसके लिए फिर कौन सोएगा वहां? दिख रहा शमशान है और इस कदर सोचा न था।। सुनील गुप्ता केसला रोड सीतापुर #3_4_2020#शुक्रवार#गजल#कोरोना_प्रसंग#सुनील_गुप्ता
श्रीजी इंदौर श्रीजी भक्ति
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर शुक्रवार सुबह गड़ीसर चौराहे से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद सुंदरकांड पाठ तथा महाप्रसादी का आयोजन किया गया। रात्रि में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हनुमान मंदिर परिसर को भव्य आकर्षक लाइटिंग व पुष्पों से सजाया गया। इसके साथ ही भगवान हनुमान व रामदरबार में पुष्पों से मनमोहक शृंगार भी किया गया। हनुमान प्रतिमा पर आकर्षक बागा भी धारण करवाया गया। सुबह से ही हनुमान भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में देखने को मिली। दिनभर हुए धार्मिक आयोजनों में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ भी किया। शोभायात्रा में हनुमानगढ़ के आए बैंड, सजे धजे घोड़े, ऊंट एवं विभिन्न देवी-देवताओं की झांकियां सम्मिलित रहीं, जो शहरभर में आकर्षण का केंद्र रहीं। शोभायात्रा में विश्व हिंदू परिषद तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं तथा युवकों ने भी सहयोग दिया। शोभायात्रा गडीसर चौराहे से आरंभ होकर आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक से हनुमान चौराहे होती हुई मंदिर स्थल तक पहुंची। यहां विभिन्न झांकियों में भाग लेने वाले बालक बालिकाओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंदिर में यज्ञ हवन तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। पुजारी किशनलाल शर्मा ने बताया कि 8 बजे महाआरती के बाद सुंदरकांड पाठ आयोजन किया गया। उसके बाद महाप्रसादी रामरसोड़ा का आयोजन किया गया। इस दौरान संपूर्ण दिवस विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन हुए। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा का शहर भर में जगह-जगह स्वागत किया गया। शोभायात्रा का शहर के मुख्य मार्गों पर विभिन्न समाजों के लोगों द्वारा स्वागत कर पुष्प वर्षा की गई। इसके साथ ही शोभायात्रा के स्वागत के लिए मुख्य स्थानों पर आकर्षक रंगोलियां बनाकर स्वागत किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर गजटेड हनुमान मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर अमनचैन व खुशहाली की कामना की। सुबह से ही हनुमान भक्तों की रेलमपेल मंदिर में लगी रही। वहीं शाम होते ही गजटेड हनुमान मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ने लगा। शाम को श्री गजटेड हनुमान मंदिर में भव्य भजन संध्या हुई। इसमें भजन कलाकारों ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हनुमान जयंती के अवसर पर शहर स्थित सभी हनुमान मंदिरों में दिनभर धार्मिक कार्यक्रम हुए। हनुमान चौराहे पर स्थित हनुमान मंदिर में सुबह हनुमान प्रतिमा पर भव्य बागा धारण करवाया गया, वहीं शाम को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। धर्म.समाज जैसलमेर. गजटेड हनुमान मंदिर में शाम काे अायाेजित महाअारती में उमड़ी श्रद्धालुअाें की भीड़। पोकरण. हनुमानजी की प्रसादी के लिए बनाया रोट। हनुमान प्रतिमा पर चढ़ाया 615 किलाे का रोट पोकरण | हनुमान जयंती पर सालमसागर तालाब पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में शहर का मुख्य समारोह आयोजित हुआ। सुबह से देर शाम तक जहां कई धार्मिक कार्यक्रम हुए, वहीं श्रद्धालुओं तथा जनसहयोग से बनाए गए 615 किलो के विशाल रोट का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी हरिवंश दवे ने बताया कि जयंती महोत्सव के तहत शास्त्रोक्त विधि-विधान के अनुसार हनुमान लला क जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर में सुबह आचार्यों के सान्निध्य में हनुमान प्रतिमा पर तेल व सिंदूर अर्पित किया गया। आचार्य पं. अजय व्यास व गिरीराज पुरोहित ने मुख्य यजमान ज्योतिष व्यास व रुद्रीपाठियों द्वारा शिव के अवतार हनुमान का रुद्राभिषेक संपन्न कराया। इस अवसर पर वेदपाठियों में मांगीलाल ओझा, नंदकिशोर दवे, नवल जोशी, राजा पुरोहित भी मौजूद रहे। संकटमोचन हनुमान मंदिर में श्रद्धालु द्वारा आकर्षक रोशनी से सजाया गया। इसके साथ ही हनुमान प्रतिमा का विभिन्न पुष्पों से शृंगार किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों की कड़ी में शुक्रवार की दोपहर को संकटमोचन हनुमान मंदिर परिसर में सुंदरकांड मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुए, साथ ही पोकरण के सेलवी गांव में सिद्धपीठ कदलीवन धाम में सुबह 10.30 बजे से श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड के पाठ किए। शाम को 5 बजे फलसूंड रोड स्थित महारथी मारुती सेवा सदन में सुंदरकांड के पाठ हुए। इसमें स्थानीय व आस-पास क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद छप्पनभोग की प्रसादी व भजन संध्या का आयोजन किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर पारंगत कारीगरों द्वारा बनाया गया 615 किलो रोट के हनुमान प्रतिमा को प्रसाद चढ़ाने के पश्चात प्रसादी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न मोहल्लों से सभी समुदायों ने हनुमान मंदिर में दर्शनों के पश्चात महाप्रसादी में प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। हनुमान जयंती समारोह के तहत ग्राम पंचायत डिडाणिया के बाबूपुरा गांव के राम दरबार हनुमान मंदिर के नवनिर्मित मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जसराज माली ने बताया कि बाबूपुरा गांव में नवनिर्मित मंदिर में रामदरबार और हनुमान की नवनिर्मित मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान महंत प्रतापपुरी महाराज के साथ-साथ संत नारायणदास महाराज, संत अभय साहेब, संत धीरजपुरी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सुबह 9 बजे कस्बे में कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बालिकाएं मंगल कलश शिरोधार्य कर शोभायात्रा में शामिल हुई, वहीं अभिजीत मुहूर्त में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा व शिखर पूजन किया गया। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव-ढाणियों में इन दिनों हनुमान जयंती पर भारीभरकम रोट चढ़ाने का क्रेज बढ़ने लगा है, कहीं 400 किलो तो कहीं 600 किलो का रोट तैयार कर हनुमान प्रतिमा के समक्ष भोग लगाया गया है। आटे के भारी भरकम रोट बनाने के लिए पोकरण शहर काफी विख्यात रहा है। विशेषकर हनुमान मंदिरों में प्रसादी के रूप में 51, 101, 201 व 501 किलो आटे के अखंड रोट चढ़ाए जाते रहे हैं। अंगारों पर खड़ा रखकर बनाते है यह रोट अखंडित रोट निर्माण की कला में पारंगत चिरंजीलाल गुचिया उर्फ लाल भा ने बताया कि इस रोट निर्माण में चार दिनों के समय लगता है। जिसके साथ ही आटे को पकाने के लिए अंगारों पर खड़ा रहना पड़ता है। साथ ही लकड़ी, फावड़े तथा अन्य सामान से अंगारों को उठाकर रोटे के चारों ओर डालना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई बार रोट निर्माण के दौरान सहकर्मी घायल भी हो जाते हैं, लेकिन रोट पकाने के लिए इन छोटे-मोटे घावों को दरकिनार करना पड़ता है। अन्यथा आटे तथा अन्य सामग्री से बनने वाला यह रोट कच्चा रह जाता है। शहर के अधिकतर हनुमान मंदिरों में रोट चढ़ाए गए। जिसमें शहर के सालमसागर तालाब स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में 613 किलो का रोट तैयार किया गया, जिसमें 225 किलो आटा के साथ साथ 130 किलो दूध, 80 किलो शक्कर, 150 किलो घी, 30 किलो मेवा का उपयोग लिया गया। इसके साथ ही बांकना हनुमान मंदिर में हनुमान प्रतिमा को 521 किलो रोटे का भोग लगाया गया। इसमें 221 किलो आटा, 80 किलो शक्कर, 100 किलो दूध, 120 किलो घी डालकर तैयार किया गया। हनुमान प्रतिमा पर चढ़ाया 615 किलाे का रोट पोकरण | हनुमान जयंती पर सालमसागर तालाब पर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में शहर का मुख्य समारोह आयोजित हुआ। सुबह से देर शाम तक जहां कई धार्मिक कार्यक्रम हुए, वहीं श्रद्धालुओं तथा जनसहयोग से बनाए गए 615 किलो के विशाल रोट का भोग लगाया गया। मंदिर के पुजारी हरिवंश दवे ने बताया कि जयंती महोत्सव के तहत शास्त्रोक्त विधि-विधान के अनुसार हनुमान लला क जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर में सुबह आचार्यों के सान्निध्य में हनुमान प्रतिमा पर तेल व सिंदूर अर्पित किया गया। आचार्य पं. अजय व्यास व गिरीराज पुरोहित ने मुख्य यजमान ज्योतिष व्यास व रुद्रीपाठियों द्वारा शिव के अवतार हनुमान का रुद्राभिषेक संपन्न कराया। इस अवसर पर वेदपाठियों में मांगीलाल ओझा, नंदकिशोर दवे, नवल जोशी, राजा पुरोहित भी मौजूद रहे। संकटमोचन हनुमान मंदिर में श्रद्धालु द्वारा आकर्षक रोशनी से सजाया गया। इसके साथ ही हनुमान प्रतिमा का विभिन्न पुष्पों से शृंगार किया गया। धार्मिक अनुष्ठानों की कड़ी में शुक्रवार की दोपहर को संकटमोचन हनुमान मंदिर परिसर में सुंदरकांड मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुए, साथ ही पोकरण के सेलवी गांव में सिद्धपीठ कदलीवन धाम में सुबह 10.30 बजे से श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड के पाठ किए। शाम को 5 बजे फलसूंड रोड स्थित महारथी मारुती सेवा सदन में सुंदरकांड के पाठ हुए। इसमें स्थानीय व आस-पास क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद छप्पनभोग की प्रसादी व भजन संध्या का आयोजन किया गया। हनुमान जयंती के अवसर पर पारंगत कारीगरों द्वारा बनाया गया 615 किलो रोट के हनुमान प्रतिमा को प्रसाद चढ़ाने के पश्चात प्रसादी का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न मोहल्लों से सभी समुदायों ने हनुमान मंदिर में दर्शनों के पश्चात महाप्रसादी में प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। हनुमान जयंती समारोह के तहत ग्राम पंचायत डिडाणिया के बाबूपुरा गांव के राम दरबार हनुमान मंदिर के नवनिर्मित मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जसराज माली ने बताया कि बाबूपुरा गांव में नवनिर्मित मंदिर में रामदरबार और हनुमान की नवनिर्मित मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान महंत प्रतापपुरी महाराज के साथ-साथ संत नारायणदास महाराज, संत अभय साहेब, संत धीरजपुरी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर सुबह 9 बजे कस्बे में कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बालिकाएं मंगल कलश शिरोधार्य कर शोभायात्रा में शामिल हुई, वहीं अभिजीत मुहूर्त में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा व शिखर पूजन किया गया। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव-ढाणियों में इन दिनों हनुमान जयंती पर भारीभरकम रोट चढ़ाने का क्रेज बढ़ने लगा है, कहीं 400 किलो तो कहीं 600 किलो का रोट तैयार कर हनुमान प्रतिमा के समक्ष भोग लगाया गया है। आटे के भारी भरकम रोट बनाने के लिए पोकरण शहर काफी विख्यात रहा है। विशेषकर हनुमान मंदिरों में प्रसादी के रूप में 51, 101, 201 व 501 किलो आटे के अखंड रोट चढ़ाए जाते रहे हैं। अंगारों पर खड़ा रखकर बनाते है यह रोट अखंडित रोट निर्माण की कला में पारंगत चिरंजीलाल गुचिया उर्फ लाल भा ने बताया कि इस रोट निर्माण में चार दिनों के समय लगता है। जिसके साथ ही आटे को पकाने के लिए अंगारों पर खड़ा रहना पड़ता है। साथ ही लकड़ी, फावड़े तथा अन्य सामान से अंगारों को उठाकर रोटे के चारों ओर डालना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई बार रोट निर्माण के दौरान सहकर्मी घायल भी हो जाते हैं, लेकिन रोट पकाने के लिए इन छोटे-मोटे घावों को दरकिनार करना पड़ता है। अन्यथा आटे तथा अन्य सामग्री से बनने वाला यह रोट कच्चा रह जाता है। शहर के अधिकतर हनुमान मंदिरों में रोट चढ़ाए गए। जिसमें शहर के सालमसागर तालाब स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर में 613 किलो का रोट तैयार किया गया, जिसमें 225 किलो आटा के साथ साथ 130 किलो दूध, 80 किलो शक्कर, 150 किलो घी, 30 किलो मेवा का उपयोग लिया गया। इसके साथ ही बांकना हनुमान मंदिर में हनुमान प्रतिमा को 521 किलो रोटे का भोग लगाया गया। इसमें 221 किलो आटा, 80 किलो शक्कर, 100 किलो दूध, 120 किलो घी डालकर तैयार किया गया। धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गज हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...श्री भक्ति इंदौर 9826241004
श्रीजी इंदौर श्रीजी भक्ति
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई।
श्री भक्ति इंदौर ✍धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से धूमधाम से मनाया हनुमान जन्मोत्सव, शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागतशहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से...शहर के पुराने बिजलीघर परिसर में स्थित श्री गजटेड हनुमान मंदिर में शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव परंपरागत रूप से समारोह पूर्वक मनाई गई।
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