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Srmili💘
एक व्यक्ति जब दूसरे व्यक्ति की नफरत, ईर्ष्या, तुलना को लेता है तब निश्चित ही वह व्यक्ति भी उसी नफरत, ईर्ष्या, तुलना में जीने वाला होता है। जिसे जिस तल की सक्रियता प्रभावित करती है। वह उसी तल के व्यक्तित्व में हैं। इसलिए ही हमारे संबंध, हमारे प्रभाव ...हमारे व्यक्तिव का तल बया करते है। यह बात सिर्फ किरदार के लिए अप्लाई है। प्रभाव के गुलाम हैं जब तक तब तक वह मात्र व्यक्तित्व/कर्ता/किरदार में जीता है। जो बढ़ते कदम में प्रभाव से मुक्त है व्यक्तिव से मुक्त है, जब व्यक्तिव ही नही तो तल की बात ही खत्म। उसके लिए किरदार सिर्फ एक लीला, क्षेत्र है जहा घटना घटती है। व्यक्तिव, चेतना के लिए ही #तल है। जो व्यक्तिव से ऊपर उठ गया है वह किरदार होकर भी किरदार नही रहता। उसे ही बोध कहते है, बोध के कोई तल नही, बोध कोई व्यक्तितगत संपदा नही, बोध की कोई अवस्था नही। अवस्था/तल होती है चेतना व व्यक्तिव के लिए। जब तक होश के लिए होश है तब तक चेतना के तल/अवस्था में है जब मात्र होश है तब बोध का द्वार खुलता हैं। _____yAsh❤️
abha kumari
समुद्र समुद्र है ऐ सा... तल के उपर तरंग भरा है तल के नीचे अनेक रंग भरा है एक नए संसार का अंतरंग भरा है जिसमें..रंगीली मछलियों का संग भरा है गहराइयों में रहस्य भरा है ये समुद्र है इसमें एक पारितंत्र बना है।। समुद्र
समुद्र
read moreहिमपुत्री किरन पुरोहित
समुद्र सृष्टि का सारा आदि अंत ब्रह्मा शिव व श्री अनंत नील सिंधु के नीले तल पर बहका करते षड् रितु बसंत तभी उफानों पर चलती है इसकी चंचल मनचल लहरें सूर्य अस्त होता जलतल पर सूर्य समाता सागर तल पर समुद्र का अनसुना अंजाना अनदेखा रूप देखिए #nojoto #nojotohindi #besthindipoems #samudr #समुद्र #सागर #शिव #अनंत #ब्रह्मा #रितुु #बसंत #kiranpurohit
समुद्र का अनसुना अंजाना अनदेखा रूप देखिए nojoto #nojotohindi #besthindipoems #samudr #समुद्र #सागर #शिव #अनंत #ब्रह्मा #रितुु #बसंत #kiranpurohit #कविता
read morePanlaj Kumar
मुख्य मेनू खोलें  खोजें परावर्तन (भौतिकी) किसी अन्य भाषा में पढ़ें  इस पृष्ठ का ध्यान रखें संपादित करें  यह लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें।
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 श्री हरिः 5 - सच्ची पुकार 'तुम प्रार्थना करने आये थे अल्फ्रेड?' सभ्यता के नाते तो कहना चाहिये था, 'मि० वुडफेयर' किंतु विल्सन राबर्ट में जो सहज आत्मीयता है अपने अल्प परिचितों के प्रति, उसके कारण वे शिष्टाचार का पूरा निर्वाह नहीं कर पाते और न उसे आवश्यक मानते हैं। उसका पूरा नाम है अल्फ्रेड जॉनसन वुडफेयर। चौंककर उसने पीछे मुड़कर देखा। समुद्र किनारे के इस छोटे से गांव में उसे जानने वाला, उसका नाम लेकर पुकारने वाला कौन है? उसे यहाँ आये अभी दो ही सप्ताह तो ह
read moreShivam Nahar
जब मुख पर ज़िक्र गांधी का होगा, बहती रगों में, ख़ून की आंधी होगी, जब लटें सवांरती एक सुकन्या, फ़िर करीब से जाती होगी, फिर चूल्हे पर रख आज़ादी के गीत हम चुप रह जाएंगे, और आज़ादी की आग को, गंगा में बहा के आएंगे... ये आक्रोश क्यों दो दिन का, क्या चाहते हो बता दो मंशा, दर्शाना ही प्रबल नहीं है, कर्तव्य करो, और बजा दो डंका, ये खेल अभी कुछ थमा नहीं, दो दिन का ही जशन कुछ जमा नहीं, हाथ में झंडे, हर हर गंगे, फिर दौड़ शहर में गाके वन्दे, हम फ़िर चुप रह जाएंगे, फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से झंडे को उठाएंगे....!!!! full poetry in caption 👇👇🙂 झंडे #RDV18 #Nojoto Full poetry.....👇👇 अब आज़ादी को देखो, फ़िरसे हम सब गाएंगे, फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से, झंडे को उठाएंगे, और लगा के झंडा, डंडो में, हम राष्ट्रगान को गाएंगे,
झंडे #RDV18 Full poetry.....👇👇 अब आज़ादी को देखो, फ़िरसे हम सब गाएंगे, फ़िर धूल चढ़ी उस तांड पे से, झंडे को उठाएंगे, और लगा के झंडा, डंडो में, हम राष्ट्रगान को गाएंगे,
read moreAnil Siwach
श्री हरिः 5 - सच्ची पुकार 'तुम प्रार्थना करने आये थे अल्फ्रेड?' सभ्यता के नाते तो कहना चाहिये था, 'मि० वुडफेयर' किंतु विल्सन राबर्ट में जो सहज आत्मीयता है अपने अल्प परिचितों के प्रति, उसके कारण वे शिष्टाचार का पूरा निर्वाह नहीं कर पाते और न उसे आवश्यक मानते हैं। उसका पूरा नाम है अल्फ्रेड जॉनसन वुडफेयर। चौंककर उसने पीछे मुड़कर देखा। समुद्र किनारे के इस छोटे से गांव में उसे जानने वाला, उसका नाम लेकर पुकारने वाला कौन है? उसे यहाँ आये अभी दो ही सप्ताह तो हुए हैं और एक खेतों में फसल काटने वाला मजद #Books
read moreAnil Siwach
राम - श्याम की झांकी -1 || श्री हरि: || 'उठ! तल!' दिगम्बर स्वर्णगौर छोटा-सा दाऊ अपने छोटे भाई का पलना पकड़कर खड़ा है। यह समझ नहीं पाता कि क्यों उसका अनुज उसके साथ खेलने नहीं चल सकता है। #Books
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