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Best समेटे Shayari, Status, Quotes, Stories

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Sushant Mishra

#हम मे #समेटे हैं #दर्द #दुनिया के , #तुम से एक हम #संभाले न गये #Collab #CollabChallenge

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हम मेंं समेटे हैं दर्द दुनिया के ,
तुम से एक हम संभाले न गए! #हम मे #समेटे हैं #दर्द #दुनिया के ,
#तुम से एक हम #संभाले न गये 
#collab #collabchallenge

Gumnam Shayar Mahboob

वो तो चल दिए अपना पल्ला झाड़कर 
हम खुद को समेटे हैं और हिम्मत कर रहें है 
क्या होगा अंजाम इस बार खुदा जाने
फिर उसी गांव की लड़की से मुहब्बत कर रहें है  #चल #पल्ला  #समेटे #हिम्मत #अंजाम 
#गांव #गुमनाम_शायर_महबूब 
#gumnam_shayar_mahboob

Satya Prakash Upadhyay

#शायरो का #ख़याल,#प्रेयसी का #भाल#पुछने को #सवाल,#बताने में #कमाल ।। है चाँद का टुकड़ा #शिव का #ताज, #ईद का #आदाब#कृष्ण को #श्राप, #ज़मज़म का #आब ।।

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चाँद का टुकड़ा शायरो का ख़याल,प्रेयसी का भाल ।
पुछने को सवाल,बताने में कमाल  ।।

है  चाँद का टुकड़ा

शिव का ताज, ईद का आदाब ।
कृष्ण को श्राप, ज़मज़म का आब ।।

है चाँद का टुकड़ा

प्रेमियों का साथी,शीतलता का सारथी ।
मन का अधिपति,शृंगार रस का छत्रपति।।

है ये चाँद का टुकड़ा

वैज्ञानिकों के लिए विषय,ज्योतिषों के लिए समय।
जिसके अंदर समेटे रूपों को देख होता विस्मय ।।

बस,वही है ये चाँद का टुकड़ा #शायरो का #ख़याल,#प्रेयसी का #भाल ।
#पुछने को #सवाल,#बताने में #कमाल  ।।

है  चाँद का टुकड़ा

#शिव का #ताज, #ईद का #आदाब ।
#कृष्ण को #श्राप, #ज़मज़म का #आब ।।

Pravesh Khare Akash

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कभी देखा है ..शराब को
लबों से छूटते हुए....
टूटे हुए ज़ाम हैं 
गवाह चश्मदीद
देखा है रिन्दों को 
टूटते हुए....
अब समंदर क्या समेटे
कोई इन आँखों में
है थका हुआ ये भी,
शबनमी खवाब समेटे हुए।।
..आकाश

Radhika Udavat

सफ़र मंजिल से ज्यादा खूबसूरती समेटे हुए ,
शांति , सुकून , ठंडक को लिए हुए,
रूह को छू जाता है सफ़र ।
अंधेरी रातों में चांद को ताकते हुए ,
ठंडी हवाओं से दिल में उतरते हुए ,
यादों से रूबरू करवाता है सफ़र ।
सुबह की चमक में, होठों से गुनगुनाते हुए,
ठंडी सी तपन में, फूलों से महकते हुए,
एहसासों के पन्ने पलटता है सफ़र ।
मंजिल से ज्यादा खूबसूरती समेटे हुए ,
शांति , सुकून , ठंडक को लिए हुए,
नई उम्मीदें नया विश्वास भरता है सफ़र ।
मेरी रूह को छू जाता है सफ़र । #सफ़र #nojotohindi

Shrish Bajpai

Safar जब महीने भर की गर्मी समेटे,बासी धूप हटेगी,
और आसमान में बादल पर काली घटा रहेगी;
जब तपती,तचती धरती पर पानी की कुछ बूंद पड़ेगी,
कागज में संसार समेटे पानी में कुछ कश्तीयां बहेंगी; इस सुहाने मौसम में किसी को याद आएगा चेहरा तुम्हारा,
जब नाम लेगा साथ में कोई हमारा तुम्हारा;
उस दिन सफल होगा जन्म हमारा।। #नाम_तुम्हारा

Silent Lover

कागज़ न जाने कितनी कहानियाँ समेटे हुए है खुद में आज भी मोहब्बत की अनकहीं निशानियाँ समेटे हुई है खुद में। Nidhi Dehru Pakhi Gupta Kalpana Kumari Pooja Asija Priyanka Gupta

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कागज़ कागज़ न जाने कितनी कहानियाँ समेटे हुए
 
है खुद में

आज भी मोहब्बत की अनकहीं निशानियाँ

समेटे हुई है खुद में। कागज़ न जाने कितनी कहानियाँ समेटे हुए
है खुद में
आज भी मोहब्बत की अनकहीं निशानियाँ
समेटे हुई है खुद में।
 Nidhi Dehru Pakhi Gupta Kalpana Kumari Pooja Asija Priyanka Gupta

Subhash Pal

एक चहरे में समेटे
 कई चहरे 
एक शक्श में समेटे
 कई किरदार हूं मै, #_किरदार__

Rupesh Indu Prakash

मोहब्बतें...! #Rupesh_Thool #Nojoto #My_Story #love_story #first_love

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मोहब्बतें...!

आपकी मुस्कान से दिल में खुशी लौट आती है,
आपका चेहरा दिल को सुकून से जाती है,
आपकी आंखों में देखू तो डूब जाऊ इस कदर,
मोहब्बत के पैमाने बदल दे,
दिल से मिल जाए ये दिल अगर ।

आपके चेहरे को नहीं,
दिल को तवज्जो दी है मैंने,
अशफ़ाक की चमक आपकी आंखो में देखी है मैंने,
आपके होटों से निकले उन लफ्जो को सुना है मैंने,
आफताब भी छुप जाए वो रोशनी समेटे हो खुद में ।

आपके हर दीदार में बात ही कुछ और है,
हम सूरत से नहीं सीरत से मिला करते है,
पाक वफाएं जो धूंडा करते थे कहीं हम,
उसे आप खुद में समेटे बैठे थे कहीं ।

...✍🏻रूपेश थुल #NojotoQuote मोहब्बतें...!
#rupesh_thool #nojoto #my_story #love_story #first_love

authorravin

मैं हिंदुस्तान की लहर हूँ,
लोगों की जिंदगी की डगर हूँ,
नजाने कितने राजाओं की सल्तनत हूँ,
और बहुत सी धरोहर की अमानत हूँ,
एक गुमनाम सी गली हूँ,
हर किसी की मंजिल सी हूँ,
हर लड़की की असलियत सी हूँ,
थोड़ी मेहनत सी हूँ,
पर एक सुकून सी हूँ,
और कलम की स्याही सी हूँ।
एक ताजा भोर की धुंद सी हूँ,
और अपने विश्वास के साथ बुलन्द सी हूँ,
सपने नजाने कितने खुद में समेटे हुए है,
उन लोगों को खुद में समेटे हुए हैं,
इस देश में मैं एक क्रांति सी हूँ,
जो सबके अंदर देश भक्ति सी हूँ,
तिरंगे में लिपटी मैं हिंदुस्तान की आरजू हूँ,
और इस हवा में बहता मैं एक नशा सी हूँ,
नवयुवकों का जोश हूँ,
और हमारे देश का होश हूँ,
कुछ लोगों के लिए मस्ती सी हूँ,
गरीबों के लिए सस्ती सी हूँ।
मैं अपने आप में ही इतिहास हूँ,
और सब लोगो के लिए साहस हूँ।।
बस एक पुरानी हवेली सी हूँ,
और नजाने कितने अकेले लोगो की सहेली सी हूँ।
बस ऐसी सुलझी सी पहेली हूँ,
क्योंकि मैं दिल्ली हूँ।। दिल्ली
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