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Best प्राणी Shayari, Status, Quotes, Stories

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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C3PrK8-uKL4/?igsh=YWJ2ZTZqMjk2MTg0 #एतबार #विश्वास #प्रेम #प्राणी #सामंजस्य #संदेश #प्यार #Instagram #Facebook #अदनासा

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कवि मनोज कुमार मंजू

जग के कष्ट हरो हर लो
प्राणी के मन की हर माया
दुख की धूप मिटे कर दो
हर घर में सुख की तुम छाया

©कवि मनोज कुमार मंजू #जग 
#कष्ट 
#प्राणी 
#माया 
#दुःख 
#धूप 
#मनोज_कुमार_मंजू 
#मँजू

Vandana

सबसे ज्यादा सर्वाइवल मोड में रहते हैं स्ट्रीट डॉग,,
सात आठ बच्चे होते हैं उनमें से मुश्किल से ही एक बच पाता है। जहां भी आपको कुत्ते के बच्चे अभी ताजा हुए दिखें तो उनको हेल्प जरूर करें उनको दूध दवा खाना और उनको रहने के लिए सुरक्षित स्थान दें
दया ही परम धर्म है🙏❤️ #दया_की_भावना #मानवता_धर्म #प्रेमव्यवहार #प्राणी

Ghumnam Gautam

Chandan Ki kalam

Bambhu Kumar (बम्भू)

दुनिया भर में मनाया जाने वाला महापर्व क्रिसमस का आप सबों को दिल से शुभकामनाएं #मैरी_क्रिसमस #MerryChristmas "अगर आप इस #समाज के उन लोगों में आते हैं जिन्हें #शिक्षित कहा जाता है तो आपको हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि आपके ऊपर समाज की

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"अगर आप इस समाज के
उन लोगों में आते हैं 
जिन्हें शिक्षित कहा जाता है
तो आपको हमेशा
यह ध्यान रखना चाहिए
कि आपके ऊपर समाज की
जिम्मेदारी है और उस जिम्मेदारी
को निभाना 
आप को सच्चा
सामाजिक प्राणी साबित करता है।"
-बम्भू दुनिया भर में मनाया जाने वाला महापर्व क्रिसमस का आप सबों को दिल से शुभकामनाएं #मैरी_क्रिसमस #MerryChristmas

"अगर आप इस #समाज के
उन लोगों में आते हैं 
जिन्हें #शिक्षित कहा जाता है
तो आपको हमेशा
यह ध्यान रखना चाहिए
कि आपके ऊपर समाज की

अभिषेक धनंजय

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#गुरु_नही_ज्ञान_श्रेष्ठ है... गुरु एक #प्राणी है... जबकि ज्ञान स्वम् ....#ब्रह्म........
#अभिषेक_धनंजय
#लेखनी

Balvinder singh

इंसान । . . _-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_-_- ........................................... ........................................... Follow for more

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इंसान

खुद पर कई सवालिया-निसान उठ जाते है
करते है अथक प्रयास तब जा कर सच लिख पाते है
चलो तुम्हे भी जरा हकीकत से वाकिफ कराते है

यूँ तो ईष्वर तेरे नाम पर पत्थर तक पूजे जाते है
फिर क्यों ये धर्म-धारक नरसंघार पर उतर आते है
चंद कागज के टुकड़ों ख़ातिर इंसानियत बेच खाते है
ये अजीब प्राणी खुद को इंसान बताते है



ग़र मजबूर है यहाँ, तो कई मजबूरी का लाभ उठाते है,
किसी निर्बल, या निर्धन को हँसी का पात्र बनाते है,
देख भले बुरे को  ,ये चुप रहने की सहजता कहा से लाते है,
ये अजीब प्राणी खुद को इंसान बताते है।

पहले जो हमें करना भेद सिखाते है, 
कभी रंग, लिंग,जात को बना आधार अपने को श्रेष्ठ बताते है।
वो भी यहाँ समानता का उपदेश देते हुए देखे जाते है
ये दोगली विचारधारा  वाले प्राणि खुद को इंसान बताते है।


हम जैसे भी बहुत है यहाँ 
जो समाज मे ज्ञान रख अपना
अक्सर खुद भूल जाते है, 
आखिर हम भी तो इन्ही इंसानो की  श्रेणी में आते है। इंसान ।

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Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 3 – अकुतोभय हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!' वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
3 – अकुतोभय

हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!'

वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही

डॉ जेपीएस चौहान

#better

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एक समय की बात है एक राज्य में अतिथि विद्वान नामक एक निरीह प्राणी रहता था उसे शवराज नामक राजा ने गुलाम बना  रखा था और उसका शोषण करता था, कई तरह से यातना देता था।एक दिन राहुल बाबा उस राज्य से गुजरे उन्होंने अतिथिविद्वान की पीड़ा देखी और भविष्यवाणी  की 'हे अतिथिविद्वान तुम कांग्रेस की  तपस्या करो और कांग्रेस को सत्ता में लाओ वह तुम्हें शोषण से मुक्ति दिलाएगी।अतिथि विद्वान नामक प्राणी ने घोर तपस्या की और कांग्रेस के कड़कनाथ को राजा बनाया तब राजा कड़कनाथ और सेनापति चीटू ने अतिथि विद्वान के पीठ में छुरा घोंप कर उसे शोषण भरी जिंदगी से हमेशा के लिए आजाद कर दिया😢
अतिथिविद्वान कथा समाप्त😢 #better
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