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Atul Sharma
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“4/6/2022”📝* *📙“शनिवार”💫* देखिए ये जो “प्रेम” है ये “मन” में रखने के लिए नहीं है, “प्रकट” करने के लिए है और बार-बार इस “प्रेम को प्रकट” करना चाहिए “उचित अवसर”, “उचित समय” देखकर, यदि आप “प्रेमी” के साथ किसी “उत्सव” में है तो “नृत्य गान” किजिए,यदि आप “भीड़” में है तो “प्रेमी को सम्मान” दिजिए, “एकांत” में उसका “श्रंगार” किजिए, “दुःख” में उसका “हाथ” थामे और “सुख” में उसे “ह्रदय” से लगाए, जैसे ही आप “प्रेम प्रकट” करोगे वैसे ही “प्रेम में वृद्धि” होगी, ये “प्रेम” और भी “अधिक गहरा” होगा और “अटूट” भी होगा, “प्रेम” तो “पति-पत्नी”,“भाई-बहन”, “पिता-पुत्र”, “मां और संतान” सभी रिश्तो में होता है तो इस “प्रेम” को “मन” में नहीं इस “जीवन” में स्थान दिजिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“4/6/2022”📝* *📙“शनिवार”💫* *#“प्रेम”* *#“मन में”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/5/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 आप किसी नन्हें से “बालक” को देखिए वो क्या करता है, वो सबको “समान दृष्टि” से देखता है, उसके “मन” में न तो कोई “छल” है ना ही “कपट” है,न “अहंकार है और न ही किसी बात की “चिंता” है,सबको “समान दृष्टि” से देखता है और “स्वयं में ही प्रसन्न” रहता है, “सारे विकारों” से “मुक्त” यहीं तो सारे गुण है उस नन्हें बालक में जो “ईश्वर का स्वरूप” होते है,सोचिए हर एक “मनुष्य” इस “नन्हें बालक” की भांति ये “सारे गुण” अपने भीतर “जाग्रत” कर ले तो क्या होगा? वो भी “ईश्वर तुल्य” ही बन जाएगा तो आप भी ऐसा ही किजिए, इस “मन को मुक्त” किजिए इन “विकारों” से एक “नन्हें बालक” की भांति, “कोशिश” किजिए कि “मन” में कोई “चिंता”,“क्रोध”, किसी प्रकार का “छल कपट” इनको “समान दृष्टि” से देखिए आप “स्वयं में प्रसन्न” रहना सीख जाएंगे.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“5/5/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 #“नन्हा सा बालक” #ईश्वर का स्वरूप”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“23/2/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 “जीवन” में कुछ इस प्रकार “हमारे विचार” होने चाहिए, एक “स्थान” पर “इकट्ठे” नहीं रहने चाहिए, इनका “संवाहन” होते रहना चाहिए, तभी हमारी “मति”,हमारी “नीति” और हमारी “स्मृति” यह तीनो “श्रेष्ठ” रह सकती है, और यही अंतर है “तालाब” और “नदि” के “मध्य” में, “नदि” में “जल” सदैव बहता है “पवित्र” रहता है, “शुद्ध” रहता है साफ रहता है,वहीं “तालाब” में सबकुछ “इकठ्ठा” हो जाता है इसलिए वह “अपवित्र” हो जाता है, तो सदैव इन “विचारों” को “बहते” जाने देना चाहिए, यदि “मन” में कोई “विचार” आए और “चुभने लगे”, तो उसे “निकाल” दिजिए,उसे भी “बहने दिजिए”, कोई भी ऐसी “बात” जो आपके “दिल” और “दिमाग” में है तो “तकलीफें” देती है,उसे “बयां कर” देना चाहिए, और आपने तो सुना ही होगा “दिलो” और “दिमाग” की बातें बता देने से “मन हल्का” हो जाता है, इसका जो भी “उत्तर” होगा वो “समय के साथ” आपके समक्ष आ ही जाएगा,... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“23/2/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 #“जीवन” #“हमारे विचार”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“22/2/2022”*📚 🖋️*“मंगलवार”* 🌟 कभी कभी “जीवन” में “भूतकाल” में हमसे कोई “भूल” हो जाती है, जिसके कारण हम “स्वयं को क्षमा” नहीं कर पाते है, कई बार ऐसी भी “भुल” होती है जिसके बारे में “सिर्फ” हमें ही “ज्ञात” होता है, पर हम स्वयं “क्षमा” ही नहीं कर पाते और हमारा “विकास” वहीं पर “रूक” जाता है, यदि आप “क्षमा” कर पाना “सीख” ले, “स्वयं” को यदि आप “क्षमा” नहीं कर पाते है तो ये आपके “जीवन” की “सबसे बड़ी बाधा” बन जाती है! “जीवन” में निश्चित रूप से सीखिए कि कैसे “स्वयं को क्षमा” करना है, और सीखिए ये भी की हुई “भुल” कैसे नहीं दोहराना है, और एक महत्वपूर्ण बात ये कि उन “लोगों” के सामने “क्षमा” मांगने से कोई “लाभ” नहीं जो “दिल की भावनाओं” की “कदर” तक नहीं करते है, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“22/2/2022”*📚 🖋️ *“मंगलवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“भूतकाल”*
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“21/2/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 आप किसी नन्हें से “बालक” को देखिए वो क्या करता है, वो सबको “समान दृष्टि” से देखता है, उसके “मन” में न तो कोई “छल” है ना ही “कपट” है,न “अहंकार है और न ही किसी बात की “चिंता” है,सबको “समान दृष्टि” से देखता है और “स्वयं में ही प्रसन्न” रहता है, “सारे विकारों” से “मुक्त” यहीं तो सारे गुण है उस नन्हें बालक में जो “ईश्वर का स्वरूप” होते है, सोचिए हर एक “मनुष्य” इस “नन्हें बालक” की भांति ये “सारे गुण” अपने भीतर “जाग्रत” कर ले तो क्या होगा? वो भी “ईश्वर तुल्य” ही बन जाएगा तो आप भी ऐसा ही किजिए, इस “मन को मुक्त” किजिए इन “विकारों” से एक “नन्हें बालक” की भांति, “कोशिश” किजिए कि “मन” में कोई “चिंता”,“क्रोध”, किसी प्रकार का “छल कपट” इनको “समान दृष्टि” से देखिए आप “स्वयं में प्रसन्न” रहना सीख जाएंगे.. *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✨ *21/2/2022*🖋️ 🖊️ *“सोमवार*📘 #“नन्हा सा बालक” #ईश्वर का स्वरूप”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“19/2/2022”*📚 🖋️ *“शनिवार”* 🌟 “मनुष्य” कभी न कभी सोचता है कि उसके साथ कही न कही “अन्याय” हुआ है, कोई कहता है कि “भाग्य” ने मेरे साथ “अन्याय” किया, कोई कहता है कि “संसार” ने मेरे साथ “अन्याय” किया, यदि “सत्य” बताए तो “संसार” का सबसे “बड़ा न्यायालय” आपके पास ही है, आपका “मन” ही है जो सबसे बड़ा “न्यायालय” है ये भलीभांति जानता है कि क्या “शुद्ध” है और क्या “अशुद्ध”,इसे “शुभ” “अशुभ” का ज्ञान है ये भी जानता है, देखा जाए तो हर एक मनुष्य अपने मन में “झांक कर” देखे तो वो “भलीभांति” जानता है कि उसने क्या उचित किया है और क्या अनुचित, दिन में एक बार “रात्रि” में “नींद” प्राप्त करने से “पूर्व” “स्वयं के साथ” बैठिए,“आंखें बंद” किजिए और “विचार किजिए” कि आपने क्या “उचित किया” और क्या “अनुचित किया” , आपका मन पूरा “न्याय” वहीं कर देगा, और बहुत कम लोग होते जो किसी को “समझने” में वर्षों लगा देते है और कुछ “एक-दो मुलाकातों” में “एक-दूसरे” को समझ जाते है, *“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“19/2/2022”*📚 🖋️*“शनिवार”* 🌟 #“मनुष्य” #“अन्याय”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 देखिए बात कि जाए “मित्रता” की, तो “मित्रता” “नमक की भांति” होनी चाहिए, “मधु” की भांति, जो आए समक्ष और “मीठी-मीठी” बातें करें,और बाद में इसे “कीड़े” न लगे,“नमक की भांति” होनी चाहिए, “सच्चे मित्र” तो वो है जो समय आने पर आपका “सत्य” आपके समक्ष ला सके, चाहे वो “कितना भी कठिन” क्यो न हो, आपके “दोष”,आपके “अवगुण”, आपकी “कमियां” आपको बता सकें, ताकि आप उन्हें “सुनकर”, “स्वीकार” कर स्वयं को “सुधार सके”, यही “सच्ची मित्रता” है, कभी जीवन में आस-पास झांक कर देखिए कई सारे ऐसे “लोग”,ऐसे “मित्र” होते है जिन्हें देखकर लगता है कि इनकी “जीभ” तो “कड़वी” है, इनकी “वाणी” बड़ी कड़वी है, किंतु अधिकतर ऐसे लोग है इनका “मन” दखोगे तो इनमें कोई “मैल” नहीं होता, इनका “मन” अत्यंत “पवित्र” होता है, यदि आपके “जीवन” में कुछ ऐसे “लोग” है, ऐसे “मित्र” है तो उन्हें “सहेज” कर अवश्य रखिए... *“अतुल शर्मा”* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“18/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 #“मित्रता” #“नमक की भांति”
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*✍🏻“सुविचार"*📝 📓*“4/2/2022”*📚 🖋️*“शुक्रवार”* 🌟 जीवन में “कमाना” क्या होता है ? अधिकतर लोग कहते है कमाना अर्थात “धन” या “संपत्ति”, और क्या ही “अर्जित” करते है, अब प्रश्न यह है कि ऐसा क्या है जो “वास्तविक रूप” से अर्जित करने योग्य है, वो है “व्यवहार” और “ज्ञान” और “संतोष”, क्योंकि जब आप इस “संसार” से चले जाएंगे तो आपकी “धन” या “संपत्ति” आपको “विदा” करने नहीं आएगी,आपको “विदा” करेंगे आपके अपने, जिनके साथ आपका “व्यवहार” था,इस “संसार” में कई सारे “मनुष्य” “धन अर्जित” कर सकते है, “श्रेष्ठ मनुष्य” तो वो है जो “व्यवहार”,“ज्ञान” और “संतोष” प्राप्त करता है और इसे सब में “बांटता” है, तो आप भी यही किजिए ये “मन प्रसन्न” अवश्य रहेगा, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📓 *“4/2/2022”*📚 🖋️ *“शुक्रवार”* 🌟 *#“कमाना”* *#“धन” या “संपत्ति”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🪁*“14/1/2022”*🪘 🌾*“शुक्रवार”*🌴 देखिए ये जो “प्रेम” है ये “मन” में रखने के लिए नहीं है, “प्रकट” करने के लिए है और बार-बार इस “प्रेम को प्रकट” करना चाहिए “उचित अवसर”, “उचित समय” देखकर, यदि आप “प्रेमी” के साथ किसी “उत्सव” में है तो “नृत्य गान” किजिए,यदि आप “भीड़” में है तो “प्रेमी को सम्मान” दिजिए, “एकांत” में उसका “श्रंगार” किजिए, “दुःख” में उसका “हाथ” थामे और “सुख” में उसे “ह्रदय” से लगाए, जैसे ही आप “प्रेम प्रकट” करोगे वैसे ही “प्रेम में वृद्धि” होगी, ये “प्रेम” और भी “अधिक गहरा” होगा और “अटूट” भी होगा, “प्रेम” तो “पति-पत्नी”,“भाई-बहन”, “पिता-पुत्र”,“मां और संतान” सभी रिश्तो में होता है तो इस “प्रेम” को “मन” में नहीं इस “जीवन” में स्थान दिजिए, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🪁 *“14/1/2022”*🪘 🌾 *“शुक्रवार”*🌴 *#“प्रेम”* *#“मन में”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“12/1/2022”*📚 🖋️*“बुधवार”* 🌟 हम “जीवन” में कई बार लोगो से मिलते है “नेत्रों” से उन्हें देखते है और हमें वो इतने “अच्छे” नहीं लगते है, अब ऐसे में क्या करना चाहिए ? “मन” से उन्हें “देखना” चाहिए, उनके “रूप-रंग” को नहीं,उनके “व्यवहार” को, उनके “गुणों” को हमें देखना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि जैसे ये “नीम के पत्ते” कड़वे है किंतु हमारे “शरीर के लिए लाभदायक” होते है, ठीक वैसे ही ये “लोग” जो हमें “नेत्रों” से नहीं भाते है,जिनका “रूप-रंग” हमें नहीं “भाता”, हो सकता है वो हमारे “जीवन” को पूर्ण रूप से “परिवर्तित” कर दे, हो सकता है उनमें उतनी “क्षमता” हो, हमें “सुख”,“शांति” और “प्रेरणा” प्रदान करे, हमारे “दुःख” को हर ले,हमें नई “दिशा” दिखाए, इसलिए जब भी किसी भी “व्यक्ति” को देखें तो “नेत्रों” से नहीं “मन” से देखे,“रूप-रंग” को नहीं “गुणों” को देखें,“व्यक्ति” को और भी उचित प्रकार से देख पाएंगे और ये “मन” सदैव “प्रसन्न” अवश्य रहेगा... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“12/1/2022”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“नेत्र से नहीं”*
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“12/1/2022”*📚 🖋️ *“बुधवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“नेत्र से नहीं”* #Thoughts #“मन #“व्यवहार” #“सुख #“प्रेरणा” #“गुण” #“देखना”
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