Find the Best कुपित Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutकुपित का अर्थ,
Jai Singh
धुआं धुआं भरा है मन में सांसे मेरी फूल रही हैं मन कसैला और मैं कुपित हूँ उपेक्षा और तिरस्कार से सांसे मेरी शूल हुई हैं मै गँवार, अज्ञानी, जड़ बस प्रेम ही समझ सका हूँ क्या जानू विद्वेष की बातें विश्रब्ध हूँ, कातरता की बातें मुझको कोंच रही हैं विश्रब्ध : विश्वशनीय, शांत, निडर, निर्भीक, दृढ़,धीर विद्वेष : ईर्ष्या, डाह, कुढ़न , जलन #सांसे #विश्रब्ध #कुपित
Raushan
सबसे ज्यादा दुखी होता है कुपित मन न किसी से कुछ कहना चुपचाप अंदर ही अंदर घुटन से मरना #कुपित #मन #yqquotes #yqdidi #yqhindi
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 2 – ग्रह-शान्ति 'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 2 – ग्रह-शान्ति 'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते
read more
About Nojoto | Team Nojoto | Contact Us
Creator Monetization | Creator Academy | Get Famous & Awards | Leaderboard
Terms & Conditions | Privacy Policy | Purchase & Payment Policy Guidelines | DMCA Policy | Directory | Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited