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White कान्हा के इंतज़ार में (कृष्णा भजन गीत ) :::

White कान्हा के इंतज़ार में
 (कृष्णा भजन गीत )
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गिरिधर जब से       गए हैं दूर देश रे।
नाहि सामाचार मिला कुशल सनेश रे।।
असरे ही असरे में जिन्दगी गुजारे।
दिन रात  एक  टक  राह  निहारे ।।
रोई रोई प्रभू जी के प्यार में।
उमर सारी ढल गई राधा की कान्हा के इंतज़ार में।। .-२

बड़ा निर्मोही लगे,  मोहन मुरारी।
किए रे जुल्म प्यारी राधा पे भारी।।
खोज न खबर कुछ बहुत सताएं
ह्वदय की पीड़ा पीर कैसे दिखाएं
छोड़ गए बीच मजधार में ।
उमर सारी...................२

देखो मेरी दुःख दशा ओ यशोदा मईया ।
खूब तंग किया हमे, तेरा लाल कन्हैया।।
करे रासलीला  वृंदावन  बांके बिहारी
गोपियां मोहित भई और मैं दिल हारी 
बसे मन मन्दिर संसार मे ।
उमर सारी..................२

चेहरा के चमक  हों गया धूमिल।
श्याम बिन जीना हुआ हैं मुश्किल।।
पूरब जन्म का हैं प्रीत पुरानी
नंद लाला की हैं प्रेम दीवानी 
भटके अकेली वन झाड़ में ।
उमर सारी....................२

विरह के अगिया किशन जी लगाके।
लुप्त हुए राधा को विरहिन बनाके।।
प्रकाश विद्यार्थी की मन की कल्पना
निज पराया अब गैर लगे सब सपना
गई मुरझाईं पुष्प हार में ।
उमर सारी...................२

स्वरचित -- प्रकाश विद्यार्थी 
               भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi
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