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*लौट आओ ना * आज भी नज़रों को तुम्हारा ही इंतजार है

*लौट आओ ना *
आज भी नज़रों को तुम्हारा ही इंतजार है ,
लौट आओ ना ,हमेशा के लिए 
पता है दिल को, जाने वाले वापस कहाँ आते हैं,
शाख से टूटे पत्ते तो भीड़ में कहीँ खो जाते हैं,
पर दिल ये सब नही जानता ,
मेरी बात भी तो नही मानता ,
खो जाता है बचपन की उन्ही यादो में
जहाँ तुम्हारी यादो की परछाइयां ,
दौड़ती फिरती है एक अहसास बनकर,
लौट आओ उन्ही वीरान गलियों में ,
ताकि वे भी जी उठे फिर से ।।

©poonam atrey
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