#merikHushi
मेरी कविताओं के दर्पण में, बस तेरी रंग-रूप; है तेरी परछाईं
नीचे कोने में अपना नाम लिखता, तू कविता के शब्द शब्द में छाई
कविता की मर्म समझती तू मुझको, तुम मेरी अपनी कविता की रक्तवाहिनी जान पड़ती हो
तुम पढ़ती हो मेरी कविता, मैं तेरा चेहरा पढ़ता हूँ ।
तेरी बातों की रिमझिम से, मेरी चाय में चीनी घुलती है
मेरे होठ पर शब्द जब थम जाती है, तब तेरे होठ पर डिक्शनरी खुलती है #lovequotes#Remember#eternallove#Likho#Streaks#निशीथ#Parchhai#Tuaurmain#BhagChalo