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1222 1222 122 किसी को क्या हसीनो से मिला है मि

1222   1222   122
किसी को क्या हसीनो से मिला है
मिला जिसको नसीबो से मिला है

किसे सुनाऊँ  अपना हाले दिल ये
दरद सब  मह जबीनों से मिला है

न देखो  जख्म जो है  दिल पे मेरे
मिला  जो भी  करीबों से मिला है

न कर  बदनाम  महफ़िल  में मुझे
गिला  तुमको  रकीबों  से मिला है

सलामत चाँदनी  की जो चमक है
सिला वो सब  अंधेरो  से मिला है

सुलगते आँसु  आँखों के दिखा दूँ
ये  आँसु  जां नशीनों  से मिला है
        ( लक्ष्मण दावानी )
30/11/2016

©laxman dawani
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