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Anjali Jain
Person's Hands Sun Love दूसरी बात, विवाह किसी भी तरह से हो, घर तो लड़की को ही छोड़ना पड़ता है ऐसे में लड़के के माता-पिता उसे स्वीकार ही न करे तो लड़के के प्रेम का भूत माता- पिता के दबाव के आगे भाग जाता है और लड़की को ही दुःखद परिणाम सहने पड़ते हैं। पुरुष प्रधान भारतीय समाज में पुरुष अक्सर निर्दोष समझा जाता है और स्त्रियाँ सदैव दोषी व कुसंस्कारी सिद्ध की जाती रही है 10-15%की बात छोड़ें तो, क्योंकि कभी-कभी यह स्थिति उलट भी होती है। अतः दोनों प्रेमियों को अपने हृदय टटोलने चाहिये और जो विश्वास, विवाह से पूर्व जताया व किया गया था उस पर क़ायम रहना चाहिए क्योंकि दोनों में से किसी एक का परिवार तो साथ होता ही है। सबसे बड़ी बात, पति पत्नी का साथ और विश्वास ही सबसे शक्तिशाली होता है अतः जो राह दोनों ने मिलकर चुनी है उस पर दोनों को हर हाल में चलना चाहिए। अगर हालात असह्य हो तो बग़ैर दुनिया की परवाह किए अलग हो जाना चाहिए। अलबत्ता जीवन से बढ़कर कुछ नहीं !! ©Anjali Jain #sunlove प्रेम -विवाह भाग 02
Garima
प्रेम ऐसा जो नदी सा अनवरत बहता रहें प्रेम जो निस्वार्थ होकर जा समुंदर में गिरे प्रेम का ये योग जो संयोग से बनता रहें अनकहे ही शब्द में परिभाषा गढ़ता रहे. ©Garima प्रेम का सार्थक अर्थ भाग -2
प्रेम का सार्थक अर्थ भाग -2
read moreAnjali Jain
Person's Hands Sun Love प्रेम- विवाह की विफलता का कारण,विवाह के बाद प्रेम की कमी होना नहीं बल्कि प्रेम प्रदर्शन की कमी होना होता है, किंतु दोनों प्रेमियों को समझना चाहिए कि प्रेम, घर गृहस्थी की जिम्मेदारियों की परतों के नीचे दब जाता है। प्रेम न कम होता है न खत्म होता है अपितु वह तो इतना गहरा हो चुका होता है इतनी आत्मीयता में बदल चुका होता है कि वह दिखाने की आवश्यकता ही नहीं रखता। घर- गृहस्थी ,बच्चे, परिवार के दायित्वों के निर्वहन में वह उस तरह नहीं दर्शाया जा सकता है जैसा विवाह पूर्व दर्शाया जाता था। ©Anjali Jain #sunlove प्रेम विवाह भाग 01 04.02.24
Raone
बहुत लिखा है इश्क़ मुहब्बत प्यार वफ़ा पर पर क्या इसका अर्थ भी आप समझ पाओगे वो डायरी मेरी खोल के देखो, जिसमें मेरी तुम तलाश लिखी हो ज़रा दिल से पढ़ना उन अल्फ़ाज़ों को जिसमें पूरी की पूरी बस आप छपी हो पर अफ़सोस की शायद तब भी तुम समझ न पाओ कि किनती उसमें पीर लिखी है सच है तुमने जा चाहा था वक्त के साथ मैं मर जाऊँ आपके श्राप से तिनका तिनका सा मैं उड़ जाऊँ ख़ून से अपने, हमने ये तो गीत लिखा है दिल से देख तू ऐ ज़िन्दग़ी, पूरे पन्नों में बस तू हीं छिपा है राone@उल्फ़त-ए- ज़िन्दग़ी (भाग-2) (भाग-2)
(भाग-2) #कविता
read morePRATIK MATKAR
ऊन कोवळे कडक जाहले असे सोहळे कधी न पाहिले कुणी म्हणाले टळेल वेळ ही कुणी म्हणाले बसेल मेळ ही कुणा वाटतो घटकेचा खेळ ही कुणा वाटते कायमची जेल ही अशी निराशा वाट्याला येते इमले सारे पाडुनी जाते भाग 2
भाग 2
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