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Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
मोहब्बत | अफसाणा सिद्दीकी की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें #Poetry
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कभी जो| रोजलीन कौर की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें #Poetry
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वो एक ख़्वाब | अमन जायसवाल की कविता। | नोजोटो ओपन माइक - मोहाली आगामी ओपन माइक हिंदी वीडियो के लिए कविशाला को फालो करें #Poetry
read moreAnuradha Vishwakarma
@चण्डीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। @इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के एक मंदिर के कारण पड़ा है। @ इसे सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है। @ चंडीगढ़ राजधानी क्षेत्र में मोहाली, पंचकुला और ज़ीरकपुर आते हैं. jhankiom vishwakarma #Hope @चण्डीगढ़ पंजाब और हरियाणा की राजधानी भी है। @इसके नाम का अर्थ है चण्डी का किला। यह हिन्दू देवी दुर्गा के एक रूप चण्डिका या चण्डी के
Zoga Bhagsariya
" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी , मैं अभी कुछ देर खेलना चाहती थी , हम दोनों ,ने आगे भी पढ़ना था , और हां , वो तुम्हारी ,मोहाली वाली , जॉब का क्या हुआ , ठीक , चल रही हैं ना ।। " सखी "दिल"करता है , सबकुछ छोडछाड़ कर , तेरे पास आ जाऊं , तेरे साथ रहूं , वैसे सखी , मैं , तुझसे एक बात कहना चाहती हूं , " बात यह है की ,लड़का जैसा दिखता है , वैसा है नहीं , झूठ बोला गया था ,हमें की ,ये नशा नहीं करता , ये नशा करने के बाद ,हैवान हो जाता है , " मेरे शरीर को भोगना चाहता है बस , बदकिस्मती से मैं ,कुछ सुंदर तो हूं ही , मगर मुझे अपने ,शरीर से घिन आती है ।। वो मुझे मसलता है ,कुचलता है ।। मेरे स्तनों को खा जाना चाहता है , मेरे एक स्तन में तो ,रेशा पड़ गया है , मेरे गाल पर दांत गाड़ दिए उसने , अभी तक निशान नहीं जा रहा है , मैं बहुत रोती हूं , मैंने उससे कल रात कहा कि , मेरा आज मन नहीं है , लेकिन जबरदस्ती से , वो मेरा ब्लातकार करता रहा , अब मैं इस पर क्या मुकदमा करूं , रात को बदन कुचला जाता है मेरा , दिन में , सास तानों से ,दिल कुचल देती है ।। " मेरा पति , अपने यारों से ,मेरे हर अंग की , व्याख्या करता रहा , यूं तो घूंघट है , मुझ पर , लेकिन , इज्ज़त मेरी रोज़ लूटी जाती है " " अब मेरी ,योनि , से उसका मन भर गया , मेरी गुदा ,पर ,हैवानियत निकाली जाती है , माहवारी के दिनों में भी ,नही छोड़ता वो " "क्या हम लडकियां , सिर्फ भोग की वस्तु है , हमारे अंदर रूह नहीं है ,? हमारी रूह को ,कोई नहीं जानता , हमें प्यार की जरूरत है ।। "अरे एक दिन तो चलना भी मुश्किल था , सास, दिन में काम करवाती रही , और पति रात को , कुचलता रहा " " रात को बारह - एक बजे , आता है , नींद में सोई हुई को जगाता है " मुझे मेरी मां ने कभी ,सुबह होने पर नहीं जगाया , ये आधी रात के बाद मुझे जगाता है , ना जागूं तो ,खुद ही सलवार खोलने लगता है " "मेरी सखी मैं ,क्या करूं , किस से कहूं ,भाई और घरवाले कहते हैं , की तेरा तूं जाने , अब निभाओ , जो बुआ ,मेरी जवानी पर , परेशान होकर ये , रिश्ता लेकर आई थी , वही अब मुझे ही ,समझा रही है , "जिस्म कुचलाना ही अगर शादी है तो , मैं यह शादी नहीं मानती ,सोनिया, ओ सखी , मैं अब तलाक दूंगी" अगर मुझे यह ना करने दिया ,तो मैं , मर जाऊंगी ।। जोगा भागसरिया ।। ©Zoga Bhagsariya " ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी ,
" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी , #Thoughts #womensday
read moreZoga Bhagsariya
" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी , मैं अभी कुछ देर खेलना चाहती थी , हम दोनों ,ने आगे भी पढ़ना था , और हां , वो तुम्हारी ,मोहाली वाली , जॉब का क्या हुआ , ठीक , चल रही हैं ना ।। " सखी "दिल"करता है , सबकुछ छोडछाड़ कर , तेरे पास आ जाऊं , तेरे साथ रहूं , वैसे सखी , मैं , तुझसे एक बात कहना चाहती हूं , " बात यह है की ,लड़का जैसा दिखता है , वैसा है नहीं , झूठ बोला गया था ,हमें की ,ये नशा नहीं करता , ये नशा करने के बाद ,हैवान हो जाता है , " मेरे शरीर को भोगना चाहता है बस , बदकिस्मती से मैं ,कुछ सुंदर तो हूं ही , मगर मुझे अपने ,शरीर से घिन आती है ।। वो मुझे मसलता है ,कुचलता है ।। मेरे स्तनों को खा जाना चाहता है , मेरे एक स्तन में तो ,रेशा पड़ गया है , मेरे गाल पर दांत गाड़ दिए उसने , अभी तक निशान नहीं जा रहा है , मैं बहुत रोती हूं , मैंने उससे कल रात कहा कि , मेरा आज मन नहीं है , लेकिन जबरदस्ती से , वो मेरा ब्लातकार करता रहा , अब मैं इस पर क्या मुकदमा करूं , रात को बदन कुचला जाता है मेरा , दिन में , सास तानों से ,दिल कुचल देती है ।। " मेरा पति , अपने यारों से ,मेरे हर अंग की , व्याख्या करता रहा , यूं तो घूंघट है , मुझ पर , लेकिन , इज्ज़त मेरी रोज़ लूटी जाती है " " अब मेरी ,योनि , से उसका मन भर गया , मेरी गुदा ,पर ,हैवानियत निकाली जाती है , माहवारी के दिनों में भी ,नही छोड़ता वो " "क्या हम लडकियां , सिर्फ भोग की वस्तु है , हमारे अंदर रूह नहीं है ,? हमारी रूह को ,कोई नहीं जानता , हमें प्यार की जरूरत है ।। "अरे एक दिन तो चलना भी मुश्किल था , सास, दिन में काम करवाती रही , और पति रात को , कुचलता रहा " " रात को बारह - एक बजे , आता है , नींद में सोई हुई को जगाता है " मुझे मेरी मां ने कभी ,सुबह होने पर नहीं जगाया , ये आधी रात के बाद मुझे जगाता है , ना जागूं तो ,खुद ही सलवार खोलने लगता है " "मेरी सखी मैं ,क्या करूं , किस से कहूं ,भाई और घरवाले कहते हैं , की तेरा तूं जाने , अब निभाओ , जो बुआ ,मेरी जवानी पर , परेशान होकर ये , रिश्ता लेकर आई थी , वही अब मुझे ही ,समझा रही है , "जिस्म कुचलाना ही अगर शादी है तो , मैं यह शादी नहीं मानती ,सोनिया, ओ सखी , मैं अब तलाक दूंगी" अगर मुझे यह ना करने दिया ,तो मैं , मर जाऊंगी ।। जोगा भागसरिया ।। ©Zoga Bhagsariya " ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी ,
" ए मेरी सखी ,सोनिया ,तूं कैसी है , मैं तुझे बहुत ही ,याद करती हूं , मेरे भाइयों से , ज़्यादा तेरी याद आती है , मैं यह शादी ,नहीं चाहती थी , #Shayari #womensday
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