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Gurudeen Verma

White शीर्षक - इस राष्ट्र की तस्वीर ऐसी हम बनाये
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आये नजर जिसमें, सबके लिए खुशी।
इस राष्ट्र की तस्वीर, ऐसी हम बनाये।।
आबाद हो सबकी खुशी, ऐसा करें हम।
इस राष्ट्र की मंजिल, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें----------------------।।

सबको मिले आजादी, ऐसी हो विधि।
यहाँ दूर हो गरीबी, सबको मिले निधि।।
प्रगति के साधन हो, यहाँ सभी के पास।
इस राष्ट्र की सरकार, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें-------------------।।

चैनो- अमन के फूल, यहाँ खिलते रहें।
अखंडता की ज्योति, यहाँ जलती रहें।।
वसुधैव कुटुम्बकम की हो, यहाँ भावना।
इस राष्ट्र की प्रीत, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें------------------।।

बिना भेदभाव के, सम्मान सभी का हो यहाँ।
वीर- महापुरुषों का, गुणगान हमेशा हो यहाँ।।
विश्वगुरु बने भारत, ऐसे हम कर्म करें।
इस राष्ट्र की तालीम, ऐसी हम बनाये।।
आये नजर जिसमें------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #रचनाकार

Gurudeen Verma

White शीर्षक - तेरा नाम रहेगा रोशन जय हिंद, जय भारत
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तुझे हिन्द कहे या भारत, हर दिल करें तेरा स्वागत।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत-------------------------।।

उत्तर में खड़ा हिमालय, सरहद पर देता है पहरा।
उत्तर से ही बहती है, मॉं गंगा की जलधारा।।
कश्मीर में महके चमन तेरा, जिसको कहते हैं जन्नत।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।

दिल्ली में जो है लालकिला, लहराये तिरंगा उस पर।
वह याद है उन शहीदों की, कुर्बान हुए जो तुझ पर।।
अहसान हैं उनके हमपे बहुत, उन्हें नमन करें हम शत शत।।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।

जहाँ राम,कृष्ण, बुद्ध, महावीर, नानक ने जन्म लिया है।
तेरा बाल्मीकि, व्यास,माघ, भारवि ने गुणगान किया है।।
वसुधैव कुटुम्बकम मन्त्र तेरा, हर धर्म है तुमपे पल्लवित।।
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिन्द, जय भारत।।
तुझे हिन्द कहे या भारत---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #रचनाकार

Gurudeen Verma

White शीर्षक - तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी
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तुमसे करता हूँ मोहब्बत मैं जैसी।
करता नहीं हूँ  और किसी से ऐसी।।
तुमसे करता हूँ -----------------------।।

और भी बहुत है, यहाँ मेरी माशूका।
लेता हूँ आनंद बहुत, मैं उनके हुस्न का।।
फिर भी नहीं हूँ उनकी गिरफ्त में इतना।
चाहता हूँ तुमको मैं, सच में इतना।।
तुमसे करता हूँ -----------------------।।

शौकीन बहुत हूँ मैं, इन हसीनाओं का।
लेता हूँ मौज बहुत मैं, इन हसीं फूलों का।।
चेहरा है फिर भी, इन आँखों में तुम्हारा ही।
आता है ख्वाब अब भी, मुझको तुम्हारा ही।।
तुमसे करता हूँ -----------------------।।

प्यार भी मुझको, ये बहुत करती है।
बनाने को सनम, ये इच्छा रखती है।।
लेकिन दिल में तो, बसी है तू ही।
मेरे दिल की भी, खुशी है तू ही।।
तुमसे करता हूँ -----------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #रचनाकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - मेरे वतन मेरे चमन, तुझपे हम कुर्बान है
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मेरे वतन मेरे चमन , तुझपे हम कुर्बान है ।
यह तिरंगा जां से प्यारा , यह हमारी शान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।

कैसे मिली आजादी हमको , यह हमें भी याद है ।
कितने सहे तुमने सितम , यह भी कहानी याद है ।।
जिसने तेरी अस्मत लूटी, लूटा तेरा यह चमन ।
शर्माते है वो देखकर यह , आज हम आबाद है ।।
कम होने नहीं देंगे तेरी आन को , हम कभी ।
चाहे हमें मरना पड़े , हमपे तेरा अहसान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन --------------------------।।

मिलकर मनाते है दीवाली, हिंदू और मुस्लिम सदा ।
सबके लबों पे हो हंसी , करते हैं यह दुहा सदा ।।
नहीं पराया कोई भी , रिश्ता है सबसे प्यार का ।
महापुरुषों - वीरों की जननी , तु रहे आबाद सदा ।।
हम सब तेरी सन्तान है , आपस में भाई भाई हैं ।
तु  ही हमारा ख्वाब है , तु ही हमारा ईमान है ।।
मेरे वतन मेरे चमन -------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार- 
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर - 9571070847

©Gurudeen Verma #रचनाकार

Gurudeen Verma

शीर्षक- नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ
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नहीं तेरे साथ में कोई तो क्या हुआ।
अकेला है गर सफर में तू , तो क्या हुआ।।
शिकायत जिंदगी से कभी नहीं करना।
नहीं है तेरा घर कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहा तू पसीना अपना, चमन तेरा खिलेगा।
 मिलेगी खुशी तुमको, चिराग तेरा जलेगा।।
अभी तो है ख्वाब बहुत, सजाने को जीवन।
टूट गया गर एक, सपना तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

आते हैं तूफ़ां भी, कभी जिंदगी में भी।
गर्दिश का दौर भी, कभी जिंदगी में भी।।
अपनों ने गर तुमसे, कर लिया किनारा।
टूट गया गर एक रिश्ता तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।

बहुत है ऐसे भी जो, गरीबी में जीते हैं।
शिकवा नहीं करते वो, मस्ती में रहते हैं।।
ऐसे बुरे वक्त में तू , होना नहीं निराश।
करता नहीं प्यार, कोई तो क्या हुआ।।
नहीं तेरे साथ में---------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #रचनाकार

Ghumnam Gautam

जिस रचना का सार बड़ा है, उसका रचनाकार बड़ा है
लेखन को ऊब समझते हो! ये तो इक त्योहार बड़ा है

©Ghumnam Gautam #BooksBestFriends #लेखन 
#रचनाकार #ऊब #त्योहार 
#ghumnamgautam

वंदना ....

#रचनाकार : .#रामधारी सिंह दिनकर . .🙏🙏 #कोशी अर्थ नहीं ...

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नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अंतर्मन
तब सुख के मिले
समंदर का रह जाता
कोई अर्थ नहीं
जब फसल सूख कर तिनका तिनका
बन गिर जाये फिर होने वाली
वर्षा का रह जाता कोई अर्थ नहीं
संबंध कोई भी हो
लेकिन यदि दुख में साथ ना दे अपना
फिर सुख में उन संबंधों का
रह जाता कोई अर्थ नहीं
छोटी-छोटी खुशियों के
 क्षण निकले जाते हैं रोज जहां
फिर सुख की नित्य परीक्षा का
रह जाता कोई अर्थ नहीं
मन कटु वाणी से आहत हो
भीतर तक छलनी हो जाए
फिर बाद कहे प्रिय वचनों का
रह जाता कोई अर्थ नहीं
सुख साधन चाहे जितने हो
पर काया रोगों का घर हो
फिर उन अनगणित सुविधाओं का
रह जाता कोई अर्थ नहीं

©वंदना .... #रचनाकार : .#रामधारी सिंह दिनकर .
.🙏🙏
#कोशी अर्थ नहीं ...

उपांशु शुक्ला


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