Find the Latest Status about वतन की मिट्टी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, वतन की मिट्टी.
अज्ञात
तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात #किसके हिस्से वतन
#किसके हिस्से वतन
read moreneelu
White सिर्फ मिट्टी का क1म नहीं है अपना रक्षण करना यह हमारा भी परम कर्तव्य है कि हम मिट्टी की रक्षा करे .... और यह बात यहां मिट्टी के लिए नहीं थी ©neelu #good_night और यह #बात यहां #मिट्टी के #लिए #नहीं थी
#good_night और यह #बात यहां #मिट्टी के #लिए #नहीं थी
read moreSunil Kumar Maurya Bekhud
मिट्टी धूल धूसरित तन हो जिसका सब कहतें हैं मैला उसे देखते हैं नफरत से कहते शब्द विषैला वह मिट्टी का कर्ज चुकाता नमक है जिसका खाता उसे प्रेम करता जीवन भर निज सर्वस्व लुटाता उसका नमक सभी खातें हैं फिर भी करें न प्रेम चेहरे पर मुश्कान सभी के यह उसकी ही देन कहती मिट्टी मेरे पुत्र को दुनिया नहीं सताए बेखुद सबकी भूख मिटाकर खुद भूखा सो जाए ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #मिट्टी
Mohammad Ibraheem Sultan Mirza
Mufti Tariq Masood Sahab Ki Apne Watan Wapsi, मुफ़्ती तारीक़ मसूद साहब की अपने वतन वापसी, #Muftitariqmasood #muftitariqmasoodspeeches moh
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी ©M R Mehata(रानिसीगं ) मिट्टी से..... मोटिवेशनल कोट्स
मिट्टी से..... मोटिवेशनल कोट्स
read moreRavi Ranjan Kumar Kausik
थोड़ी सी कब्र की मिट्टी Subhashree Sahu Sherni Gudiyaaa पूजा सक्सेना ‘पलक’ Khushi_ bhaliyan31
read moreNiaz (Harf)
White यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-ए-ग़ैर में बसे हम, मगर दिल वहीं की गली है। याद आती हैं वो गलियाँ, जहाँ बचपन बीता था, दोस्तों की महफिलें, जहाँ हर ग़म भुलाया था। अम्मी की लोरियों में, सुकून-ए-दिल की बातें थीं, अब तो बस ख़्वाबों में, वो सारी राहतें हैं। वो मस्जिद की अज़ान, वो मंदिर की आरती, हर सुबह की ताज़गी, अब बस यादों की बात है। परदेस की चमक में, दिल की वीरानियाँ हैं, रोज़ी की तलाश में, बस यादों की परछाइयाँ हैं। वतन की मिट्टी की खुशबू, रूह में घुल जाती है, पर इस सफ़र की मंज़िल, बस एक बेचैनी लाती है। कब लौटूंगा उस ज़मीन पर, जहाँ दिल बसता था, मुल्क-ए-ग़ैर की दौलत, मुझे क्या रास आएगी? ©Niaz (Harf) #Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
#Sad_Status #Niaz R. Ojha Sircastic Saurabh Sethi Ji Sana Ekram Adhuri Hayat Dia यह कैसी तन्हाई है, दिल में एक तिश्नगी है, मुल्क-
read moreParasram Arora
White उसे चाँद पर जाने की सलाह हमने ही दीं थीं और जबसे वो चाँद की परिक्रमा कर लौट आया हैँ धरती पर .. वो चाँद से लाई मिट्टी अपने जिस्म पर मल कर सबको ये चमत्कार दिखाता फिरता हैँ ©Parasram Arora चाँद की मिट्टी
चाँद की मिट्टी
read more