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Savitri Parveen Kumar
पेड़ सूखा हैं डाली सूखी हैं लगता बरसात अभी रूठीं हैं बरस जाओं घटा सूखे दरख्त कहते हैं तड़पते हैं दरख्त पर आस नहीं टूटीं हैं ©Savitri Parveen Kumar #Sukha
कवि प्रभात
मुझको भरोसा अब तलक, तुम आओगी पास | नहीं झूठा अब तक हुआ, कभी मेरा विश्वास || ©कवि प्रभात #Sukha कविताएं कविता कोश
#Sukha कविताएं कविता कोश
read moreKRISHNA
सुनो डायरी.. मुझे अब मेरी उम्मीद मेरी मोहब्बत.... मेरी चाहत... मेरा इंतजार सिर्फ तुमसे ही बाँटना है!! ©KRISHNA #Sukha
Saqib Nizami
پہلے دیکھا نہ ہو کبھی جیسے ایسے ملتا ہے اجنبی جیسے خود پہ تو ایسے ناز کرتے ہو ایک دنیا میں ہو تمہی جیسے ثاقب نظامی ©Saqib Nizami #Sukha
KRISHNA
*🙏स्नेह वंदन🙏* *स्पष्टता ऐसी दवाई है जो कड़वी होती है,पर जीवन के लिए लाभकारी होती है।तारीफ मिठाई जैसी मिठ्ठी होती है,पर जीवन के लिए अनुपयोगी होती है।* *🙏🌄सुप्रभात 🌄🙏* *🙏🌹जय भोलेनाथ 🌹🙏* ©KRISHNA #Sukha
Anteryami Balsamanta
ଚୁପ୍ ରହିବା ସର୍ବଦା ଭୟଭୀତ ହେବାର ଅର୍ଥ ନୁହେଁ; ପତ୍ର ଝଡିଯିବାର ଅର୍ଥ ଗଛର ମୃତ୍ୟୁ ନୁହେଁ | Keeping quiet doesn't always mean being afraid; shedding of leaves doesn't mean the death of a tree. ©Anteryami Balsamanta #Sukha
शायर विजय सर जी
बेवफ़ा उसकी बेवफ़ाई में, मैं क्या - क्या कहूँ, अगर दिल ए सब जानता, तो इश्क नहीं करता।। लेखक: विजय सर जी ©शायर विजय सर जी #Sukha शायरी दर्द
#Sukha शायरी दर्द
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी भरे है जहर,अनाज फलो सब्जियों में नस्ले फसले उजड़ रही है कीटनाशक छिड़क कर बंजर जमीन ,नस नस में बीमारिया बस रही है लाचारी का जीवन उम्र कम कर एक दो नही करोड़ो में कैंसर की शिकायत हो रही है मौन है सरकारे, पैदावार बढ़ाने की जिद में आमजनों का जीवन हरण कर रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sukha लाचारी का जीवन,उम्र कम कर #nojotohhindi
#Sukha लाचारी का जीवन,उम्र कम कर #nojotohhindi
read moreManinder Kaur Bedi
ਮਨ ਦੇ ਬੂਟੇ 'ਚ ਸਬਰ ਦਾ ਪਾਣੀ ਪਾਇਆ ਕਰ ਬੂਟੇ 'ਤੇ ਬੈਠੀਆਂ ਖਾਹਿਸ਼ਾਂ,ਖਾਬਾਂ ਦੀਆਂ ਤਿੱਤਲੀਆਂ ਦੀ ਉਡਾਰੀ 'ਤੇ ਲਗਾਮ ਲਗਾਇਆ ਕਰ ©Maninder Kaur Bedi #Sukha ਪੰਜਾਬੀ ਘੈਂਟ ਸ਼ਾਇਰੀ
#Sukha ਪੰਜਾਬੀ ਘੈਂਟ ਸ਼ਾਇਰੀ
read moreRounak kumar
अपनों के संग जो छल किया, वो अपने ही अंत का बीज बोया। विश्वास की डोर को तोड़ा जब, दिलों में दर्द का सागर रोया। सपनों की बुनियाद हिल गई, रिश्तों की नींव दरक गई। जो अपने थे, वो पराए हो गए, स्नेह की राहें वीरान हो गईं। धोखे की राह पर चलने वाले, कभी न पाएंगे सुकून के पल। अपनों का दिल दुखाने वाले, खुद ही बनेंगे अपने अंत का हल। सच्चाई की राह पर चलो, प्यार और विश्वास को संभालो। अपनों के संग सच्चे रहो, जीवन को खुशियों से भर डालो। ©Rounak kumar #Sukha