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Stories related to नकल बही को परिभाषित कीजिए

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प्रभाकर अजय शिवा सेन

अब हमको परिभाषित कीजिए #melting #Knowledge

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अब हमको परिभाषित कीजिए?

©प्रभाकर अजय शिवा सेन अब हमको परिभाषित कीजिए

#melting

प्रभाकर अजय शिवा सेन

अपने आपको परिभाषित कीजिए? #fullmoon #Knowledge

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अपने आपको परिभाषित कीजिए?

©प्रभाकर अजय शिवा सेन अपने आपको परिभाषित कीजिए?

#fullmoon

Paras Nishad DANCER

बही बनाए

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Ashraफ Ali (اشرف علی)

#बही-(जायजाद_की_बटबारा) #शायरी

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सारी  बातें   मिटा  दी हमने
सारी किताबें जला दी हमने
जो वसीहते  थी  हमारे नाम
बही लिखकर, आग लगा दी हमने!
~Ashraफ अली

©Ashraफ Ali (اشرف علی) #बही-(जायजाद_की_बटबारा)

Ashish_Mahwa

TODNE WAALA BHI बही JODNE WAALA BHI बही

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मैंने मेरा दर्द भी उसको
सुनाया
      जो
मेरे दर्द का जिम्मेदार था

"आज उसे फिर दो बार हंसी नसीब हुई"
fir bhi"I LOVE HER" TODNE WAALA BHI   बही
JODNE WAALA BHI   बही

Akash Chaudhary

प्रेम को परिभाषित नही किया जाता।।❤️ #Poetry

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प्रेम को परिभाषित नहीं करते पात

गन्दी रेत से लथपथ वो पत्ते
जो कभी वृक्ष के वक्ष से
कलाएं करते थे,
कितनी ही चिड़िया तुमको छूकर
गुजरी,
मैं तुम पर आज ढूंढने बैठ गया
उनके पैरों के निशान,
क्या मन नहीं है तुम्हारा तुम उनको
परिभाषित करो,
क्या नहीं बताना चाहते
मुझे अपने प्रेम के विषय में,
तुम्हारी व्यथा और प्रेम से परिचित हूं मैं
समझ रहा हूं पात तुम्हे मैं,
तुम्हे पुरानी चिड़िया की याद
आयी होगी,
चलो मैं अपने दरवाजे से इंतजार में हूं
जब चाहना तब दास्तां सुनाना......,
तुम्हारा मौन समझता हूं मैं,
तुम बता रहे हो शायद मुझे 
प्रेम कभी शब्दों से नहीं किया जाता
वो होता है बस ,बस होता है।।

©Akash Chaudhary प्रेम को परिभाषित नही किया जाता।।❤️

Ajay Daanav

प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता। #कविता

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हृदय से उपजे विचार हो तुम
शब्दों का मेरे श्रृंगार हो तुम
करती हुई झंकृत मन-वीणा
सातों सुरों की झनकार हो तुम
हूं मैं कविता छंदों में गढ़ी
कविता का मेरी सार हो तुम
हृदय से उपजे विचार हो तुम प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता।

Shashank मणि Yadava "सनम"

#Mother's love,,,,, माँ को परिभाषित करती हुई पंक्तियाँ #कविता

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B k bhai

धोखा बही देते है #विचार

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Kumari Neha

आज बही कहते है ।।।।। #Shayari

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