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Ghumnam Gautam
White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है― आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें? ©Ghumnam Gautam #sad_shayari #कहाँ #ghumnamgautam
#sad_shayari #कहाँ #ghumnamgautam
read morewriter....Nishu...
White कहाँ से लाऊँ मैं इतनी हिम्मत कि लाखों दु:ख होने पर भी मेरे दिल को कोई फर्क ना पड़े ©writer....Nishu... #कहाँ से लाऊँ में इतनी हिम्मत😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞 Sôhíñ Görwâl Invincible loser Writer Ravi Nîkîtã Guptā M.k.kanaujiya
#कहाँ से लाऊँ में इतनी हिम्मत😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞😞 Sôhíñ Görwâl Invincible loser Writer Ravi Nîkîtã Guptā M.k.kanaujiya
read moreमहेन्द्र सिंह (माही)
White बातें बुरी लगे तो सौ बार कहों हक़ रखो.... लेकिन बातों को मन में दबा, इंसान को ही छोड़ देना कहाँ से सही हैं.... ©महेन्द्र सिंह (माही) #milan_night बातें बुरी लगे तो सौ बार कहों हक़ रखो.... लेकिन बातों को मन में दबा, इंसान को ही छोड़ देना कहाँ से सही हैं....
#milan_night बातें बुरी लगे तो सौ बार कहों हक़ रखो.... लेकिन बातों को मन में दबा, इंसान को ही छोड़ देना कहाँ से सही हैं.... #शायरी
read moreNilam Agarwalla
White जाएँ तो जाएँ कहाँ, नहीं कहीं भी ठौर। कोई नहिं अपना यहां, है स्वार्थ का दौर।। जाएँ तो जाएँ कहाँ, सीधे सच्चे लोग। शैतानों के बीच रह, कष्ट रहे हैं भोग।। जाएँ तो जाएं कहाँ, लेकर मन की बात। कड़वी होती है बड़ी, सीधी सच्ची बात।। धीरज होना चाहिए, बदलेंगे हालात। जाएँ तो जाएँ कहां, सब देते आघात।। जाएँ तो जाएँ कहाँ, अपने घर को छोड़। रूठ गये हमसे सभी,चल रहे मुंह मोड़।। बैठे हैं चुपचाप हम, आई किसकी याद। जाएँ तो जाएँ कहाँ, सुने कौन फरियाद।। स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर ©Nilam Agarwalla #जाएँ तो जाएँ कहाँ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा अदालत के झूठे गवाहों ने मारा हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में हमेशा इन्हें बेवफ़ाओं ने मारा गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्ब
ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्ब #शायरी
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White पत्थर दिल समझ लिया.................... मुझे............! उसको कहाँ पता.......!! पत्थरों से नादियां बहती है...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # पत्थर दिल समझ लिया,मुझे,उसको कहाँ पता,पत्थरों से नादियां बहती है......
# पत्थर दिल समझ लिया,मुझे,उसको कहाँ पता,पत्थरों से नादियां बहती है...... #Quotes
read moreRavindra Singh
White कहाँ तलाशूँ में सुकून… कहाँ तलाशूँ में सुकून , सुकून की तलाश में कभी-कभी, मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ । कभी-कभी दौड़ पड़ता हूँ , अकेला किसी ख़ाली सुनसान रोड पर , मोह कुछ पल के लिए जब , मैं इस संसार से तोड़ देता हूँ । मुझे प्रकृति से प्यार हो गया है जैसे , मुझे संगीत से लगाव हो गया है जैसे, मुझे तालाबों, पोखरों , के पास बैठना अच्छा लगने लगा है । जब देखता हूँ लोगों के दोहरे स्वभाव को , एक में प्यार , दूसरे में ईर्ष्या का भाव को , मुझे ख़ुद से प्यार करने के सिवा , नहीं लोगों का साथ सच्चा लगने लगा है । मैं नहीं करता बहस लोगों से अब, वो जैसा सोचे मेरे बारे में, मैं वैसा उनकी सोच पर उन्हें छोड़ देता हूँ । कहाँ तलाशूँ में सुकून , सुकून की तलाश में कभी-कभी, मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ । ©Ravindra Singh कहाँ तलाशूँ में सुकून… #sad_shayari
कहाँ तलाशूँ में सुकून… #sad_shayari #Poetry
read moreNandita Tanuja