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HANAMANT YADAV (कवीराज)
कहां गया भगवान।... ना मंदिर टूटा, ना मस्जिद टूटी, टूटा है इंसान।... बोल अल्लाह, कहा गया तू , कहा गया भगवान।... राम लल्ला देख रहें। मोल्ला अल्ला देख रहे। पैदा किया इंसान जिसने, ओ उसमे शैतान देख रहे। सोच में है, खुदा खुदाई, क्यू इंसान बना हैवान।... बोल अल्लाह, कहा गया तू, कहां गया भगवान।... कविराज।... कहा गया भगवान।....
कहा गया भगवान।.... #कविता
read moreNilesh kushwaha
झरना पाताल से लेकर, पहाड़ों तक चढ़ गया तुम्हें क्या देखा,कि वापस नीचे बढ़ गया। #NojotoQuote #झरना पाताल से लेकर, पहाड़ों तक चढ़ गया
#झरना पाताल से लेकर, पहाड़ों तक चढ़ गया
read moreAmit Saini
क्या है डर मुझे तो इतना पता है डर भी मुझ से डरता है जय महाकाल #Evil जो डर गया भगवान के घर गया
#Evil जो डर गया भगवान के घर गया
read morepriyanka jha
कुछ तो नशा होगा ना तुझमे वरना इतने आशिक नही देखे किसी के जुनुन ही तो है तेरी मोहब्बत उनके लिए, जो आधी रातो को भी जगाए रखती है और सुरज के निकलने से पहले ही वह मौहल्ला नाप आता है priyanka jha नशा चढ़ गया तेरी मोहब्बत का #love #army #soldier #nojoto #thought
writervinayazad
🍂🍂 जिसका सिर जूतियों में गड़ गया है .🍁 यकीं मानो तरक्की चढ़ गया है जिसने समझा वक्त का राज विनय .🍁 वक्त के सिर पे वो चढ़-चढ़ गया है ©writervinayazad 🍂🍂 जिसका सिर जूतियों में गड़ गया है .🍁 यकीं मानो तरक्की चढ़ गया है जिसने समझा वक्त का राज विनय .🍁 वक्त के सिर पे वो चढ़-चढ़ गया है
🍂🍂 जिसका सिर जूतियों में गड़ गया है .🍁 यकीं मानो तरक्की चढ़ गया है जिसने समझा वक्त का राज विनय .🍁 वक्त के सिर पे वो चढ़-चढ़ गया है #yqdidi #yqhindi #कोट्स #विनय_आजाद #writervinayazad #SuperBloodMoon #जूतियाँ
read moreब्राह्मण कृष्ण अत्री
आपको बनाकर भगवान भी सोच में पड़ गया
आपको बनाकर भगवान भी सोच में पड़ गया #Shayari #nojotophoto
read moreNilesh kushwaha
भगवान शांति छोड़ अशांति का हथियार बन गया ईस कदर जो पूरा देश,धर्मवाद से बीमार बन गया। #NojotoQuote #भगवान शांति छोड़ अशांति का हथियार बन गया
#भगवान शांति छोड़ अशांति का हथियार बन गया
read moreꢺᖙᎥקαk..✍
हो बेधड़क रक्त पीने का निश्चय किया, अंततः लागत जलके कोयला ही बाकी रहा! तौलने निकले हो कि खून कितना बहा, कि हो बेधड़क रक्त बहने का निश्चय किया! देख खुद को उस आईने में, मानव था अब क्या हो गया है? भगवान से ऊंचा इंसान हो गया है? हथेलियों को धो लो ज़रा, कि हिसाब की स्याही भी लाल है, कुछ ऐसा ही सियासत का हाल है, हर शख्स की काया यहां बदहाल है। झाकों खुदको अंतः तक, तुम्हारा खुन भी लाल से जाल हो गया है? भगवान से ऊंचा इंसान हो गया है? मेरी ज़ुबान पर, बस एक ही सवाल है, किस जुर्म की कीमत चुकाई है, मानवता खोकर, जो इस भीड़ ने, जल्लाद बन उसे फाँसी लगाई है, वाह क्या वीरता दिखाई है, भीड़ ने भी क्या रस्म निभाई है, जय श्री राम, वाहेगुरुे, अल्लाह हो अकबर, सब बेकार हो गया है? भगवान से ऊंचा इंसान हो गया है? भगवान से ऊंचा इंसान हो गया है? #StopMoblinching #Poetry
भगवान से ऊंचा इंसान हो गया है? #StopMobLinching #Poetry #poem
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