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Ajay Chaurasiya
हार जायेंगे एक दिन सभी, ये समाज, ये रीतियां, तुम, हम और सब, और प्रेम जीत जाएगा..... ©Ajay Chaurasiya #Prem
Rajesh Arora
........ . ©Rajesh Arora जरा ध्यान दीजिए मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
जरा ध्यान दीजिए मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी
read moreMikita Joshi Bhatt
White Ae to prem thay ne ae pachi smajaye ke khali sapna j adhura nathi rehta kyarek prem pan Adhro rahi jato hoy che♥️ ©Mikita Joshi Bhatt adhuro prem
adhuro prem
read moreमलंग
White "चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं., इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं"... महफ़िल में मुझे गालियां देकर है बहोत खुश., जिस शख्स पे मैंने बड़े बड़े एहसान किये हैं"...💔😌 ©मलंग #prem
चाँदनी
White तुम धधकते रहो मेरे हृदय मे ताकि ये उल्फ़त लिए जमाना समझ सके की पृथ्वी मे गति है वरना लाश पर लगा एकीकरण का नियम ब्रम्हांड को भी गतिहीन कर देता है चांदनी 🌙 ©चाँदनी #Prem
चाँदनी
White प्रेम मे इतना धर्य रखना की कभी बद्दुआ ना देना एक दिव्यता हमारे अंदर भी घूमता रहता है उसे बस प्रेम पता है वो साँसों का छोड़ पकड़ कर सब भाप लेता है पर क्रूरता जो कुहक तक को भेद के निकाल दे वो निरर्थक नही जाता सोचना! दुआ और बद्दुआ इंसानों के द्वारा रचा गया ढकोसलापन है प्रेम ! तुम्हारे आरंभ से तुम्हारे अंत तक की यात्रा.... ©चाँदनी #Prem
Lovely Love
White राधा मीरा मीरा राधा दोनो एक ही हो गई प्रीत में, दोनो ही हार गई अपनी ही जीत में। कैसा ये प्रेम का रंग है संवारे सब कुछ भूल जाते हैं हम एक ही मीत में, होश कुछ रहता नही जाने क्यों इस रीत में। सुबह शाम सब गुजर जाते है बस एक ही गीत में, और कुछ सूझता भी तो नहीं जाने क्यू इस प्रीत में। ©Lovely Love #prem #jivan
Vivek
White निस्तब्धता है प्रेम की कि आंखों से ठहर जाना होठों से कुछ ना कहना बस मुस्कुरा कर सहर जाना कि कभी जोर इतना कि एक भी पत्ता न छोड़ना और कभी इतना काहिल कि पूरा साहस बिखर जाना ... ©Vivek #Thoughts #Prem
Thoughts #Prem
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए बाप का फर्ज जो भूल पाये नही मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ बात बेटों को इतनी बता दीजिए घर में आई बहू है हमारे नई आप नज़रे न उसको लगा दीजिए इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की आप राहों में रोड़े लगा दीजिए महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्
ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े शीश चरणों में उनके झुका दीजिए जख़्
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