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Abhishek Tiwariz
चांद नहीं उस से भी ज्यादा कुछ खूबसरत हो तो तुम्हे कह दें, कहो तो इस जहां में नाम ए वफ़ा तुम को दे दें, शाहजहां जो होता मैं अगर, तो सल्तनत से कहता कि तख़्त-ए-ताऊस तुम्हें दे दें Abhishekism 💕 तख़्त-ए-ताऊस @Nojotoapp #rdv19 @abhishekism #abhimantra #poem #poet #quote #poeticatma @poeticatma @nojoto #RDV19
तख़्त-ए-ताऊस @Nojotoapp rdv19 @abhishekism abhimantra poem poet quote poeticatma @poeticatma @nojoto RDV19
read moreNC
गुरूर किस बात का ,चले गए शहंशाह ,छोड़ कर अपने तख्त ए ताऊस ।। takht-e-jehangir at agra fort #nojotophotography#agrafort
गुरूर किस बात का ,चले गए शहंशाह ,छोड़ कर अपने तख्त ए ताऊस ।। takht-e-jehangir at agra fort #nojotophotography#agrafort
read moreSangeeta Patidar
जब मैंने नहीं मानी कभी हार, तो तुम्हें कैसे मायूस होने दूँ। भूल आँसू हमेशा मुस्कुराई, इनसे तुम्हें कैसे मानूस होने दूँ। सूरज कोई मौसम तो नहीं जो वक़्त-बेवक़्त बदल जाता है, अँधेरे-उजाले में बुझने न दी आस,तुम्हें कैसे फ़ानूस होने दूँ। किसी और के लिए नहीं अपने ख़ातिर ही निखरना है तुम्हें, देख जहाँ के रंग-ढंग बदली नहीं, तुम्हें कैसे मल्बूस होने दूँ। कितना कुछ अच्छा मिला, फिर भी बुरा ही आता है नज़र, बुराई में ढूँढ़ती आई अच्छाई, तो तुम्हें कैसे ताऊस होने दूँ। नसीब में कुछ पाना नहीं 'धुन' बनकर राहत बाँटना लिखा, एक हँसी से ख़ुशी बनी सबकी, तुम्हें कैसे मख़्सूस होने दूँ। मानूस- Friendly फ़ानूस- A glass-shade for a candle मल्बूस- Clothes ताऊस- a Peacock मख़्सूस- Private, Specified #sangeetapatidar #ehsaasdils
मानूस- Friendly फ़ानूस- A glass-shade for a candle मल्बूस- Clothes ताऊस- a Peacock मख़्सूस- Private, Specified #sangeetapatidar ehsaasdils #Hope #motivationalquotes #yqdidi #rzhindi #ehsaasdilsedilkibaat
read moreRAEESXADA
تخت سکندری کی ہمیں جستجو نہیں ایک شخص ہم خیال ملے یہ آرزو ہے بس तख्ते सिकंदरी हमें जुस्तजू नही 1 शख्स हम ख्याल मिले ये आरजू hai बस 😊 Alka Dua tehzibasheikh👩💻 deba shah sabi khan J.J.Hirapara
तख्ते सिकंदरी हमें जुस्तजू नही 1 शख्स हम ख्याल मिले ये आरजू hai बस 😊 Alka Dua tehzibasheikh👩💻 deba shah sabi khan J.J.Hirapara
read moreSangeeta Patidar
मेरी संगति में मुझसे खड़ूस हो रहे हो तुम, बात² पे आज-कल महसूस हो रहे हो तुम। दुश्मन से करते हैं परेशाँ अल्फ़ाज़ तुम्हारे, आते-जाते मिलकर मानूस हो रहे हो तुम। भूल जाती हूँ दर्द हँसी की छपछपाहट में, खारे से जैसे मीठे क़ामूस हो रहे हो तुम। जितना चाहो उतना कर लो नज़रअंदाज़, मेरी नज़रों में तो, मख़्सूस हो रहे हो तुम। मौसम बदलते उनके आने-जाने से 'धुन', जाने क्या सोचकर ताऊस हो रहे हो तुम। मानूस- मोहब्बत करने वाला क़ामूस- गहरा दरिया or समुद्र मख़्सूस- ख़ास, विशेष ताऊस- मोर Rest Zone आज का शब्द 'दुश्मन'
मानूस- मोहब्बत करने वाला क़ामूस- गहरा दरिया or समुद्र मख़्सूस- ख़ास, विशेष ताऊस- मोर Rest Zone आज का शब्द 'दुश्मन' #yqdidi #sangeetapatidar #rzhindi #rzmph #ehsaasdilsedilkibaat #rzmph191
read moreM V BHARTI
चलो अब सो जाते है, नींद आ गई तो ठीक वरना रात भर चाँद-तारों को तो तख्ते रहना है ।। ©M V BHARTI चलो अब सो जाते है, नींद आ गई तो ठीक वरना रात भर चाँद-तारों को तो तख्ते रहना है ।। Prince Swami Bharat Puri Sheetal Buriya Naveen Goswami s
चलो अब सो जाते है, नींद आ गई तो ठीक वरना रात भर चाँद-तारों को तो तख्ते रहना है ।। Prince Swami Bharat Puri Sheetal Buriya Naveen Goswami s #ज़िन्दगी
read more✍ अमितेश निषाद
मोहबत में दोनों घर बार छोड़ गए ढूंढते रहे ढूंढते वाले बस सदायें छोड़ गए इल्म हुआ कि मोहबत मुक्कमल न होगा दोनों संग फॉसी के तख्ते से झूल गए ✍️ अमितेश निषाद ( सुमित ) #NojotoQuote मोहबत में दोनों घर बार छोड़ गए ढूंढते रहे ढूंढते वाले बस सदायें छोड़ गए इल्म हुआ कि मोहबत मुक्कमल न होगा दोनों संग फॉसी के तख्ते से झूल गए
मोहबत में दोनों घर बार छोड़ गए ढूंढते रहे ढूंढते वाले बस सदायें छोड़ गए इल्म हुआ कि मोहबत मुक्कमल न होगा दोनों संग फॉसी के तख्ते से झूल गए
read moreDr. Ateendra Jha
हर इंसान गुमराह है जमाने के बहाव में, कोई कीचड़ में पैर रख सोच रहा कीचड़ ना लगे दामन में, तो कोई खुद कीचड़ बन जमाने को तबाह कर रहा । जब पता है कीचड़ फैला है सरको पर, तो हर्ज क्या है खुद को बचाने में । और कीचड़ हटाने का काम नहीं होता आसान, कभी कभी तख्ते पलट जाती है हटाने में। हर इंसान गुमराह है जमाने के बहाव में, कोई कीचड़ में पैर रख सोच रहा कीचड़ ना लगे दामन में, तो कोई खुद कीचड़ बन जमाने को तबाह कर रहा । जब पता
हर इंसान गुमराह है जमाने के बहाव में, कोई कीचड़ में पैर रख सोच रहा कीचड़ ना लगे दामन में, तो कोई खुद कीचड़ बन जमाने को तबाह कर रहा । जब पता #शायरी
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White *जम्हूरियत में फसादे चिंगारी नहीं चलती *अवाम में ऐसी सरकारे नहीं चलती१ सुलतान सल्तनत में *उल्फत का पैगाम दीजिए, इसमें बांटके नफरते *दरकारें नहीं चलती//२ *तास्सुब न कर,गर इक सुखनवर बेबाक कहदे के हक बात में हुजूर फटकारें नहीं चलती//३ बेबस चश्म में अश्को के बेशुमार अंबार लिए, ऐसी *आहफुगा की हुकूमत हमारे नही चलती//४ "शमा"ये तख्ते हिंदुस्तान है,इसपे किसी एकतरफा *नाअदल नवाब की दरबारे नही चलती//५ #shsmawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #ramnavmi *जम्हूरियत में फसादे चिंगारी नहीं चलती *अवाम में ऐसी सरकारे नहीं चलती१ *जनतंत्र*जनता सुलतान सल्तनत में *उल्फत का पैगाम दीजिए, इसम
#ramnavmi *जम्हूरियत में फसादे चिंगारी नहीं चलती *अवाम में ऐसी सरकारे नहीं चलती१ *जनतंत्र*जनता सुलतान सल्तनत में *उल्फत का पैगाम दीजिए, इसम #Live #writersofindia #nojotohindi #ShsmawritesBebaak
read moreAshish Thakur Akela'
एक ग़ज़ल: अख़बार मैं अखबार था पहले, अब व्यापार हो गया, खबरें कम छपे, अब बढ़ता बाज़ार हो गया, दंगा,लूट,हत्या, आतंकी घुसपैठ हो रहे, सब इल्ज़ाम मुझपर,मैं गुनहगार हो गया, लेते लोग मुझको घर वाले काम के लिए, क्या मालूम मैं जुगती या बेकार हो गया, सब हालात कहता, सबकी मैं भोर की दवा, सेहत है लिखी मुझमे मैं बीमार हो गया, ताक़त, बादशाही तुम्हें चाहिए मुझे नहीं, मुल्कों के लिए फ़िर मैं क्यों दीवार हो गया, चलते बाण हैं तुम्हारे ही श्री मुखों से और, मैं छुपकर चलाने वाला हथियार हो गया, इस रमज़ान के पावन बेला में बेमज़हबी, भोजन मुझमें खाया तो मैं,इफ्तार हो गया, था इक दौर तख्ते शाहों के हिल गये कई, मैं तब तलक शासक, अब वो सरकार हो गया, जिसने भी खरीदा मुझको सरकार हो गया, मेरा मुझमें कुछ ना,उसका अधिकार हो गया । - आशीष सिंह ठाकुर 'अकेला'© ©आशीष सिंह ठाकुर 'अकेला' एक ग़ज़ल: अख़बार मैं अखबार था पहले, अब व्यापार हो गया, खबरें कम छपे, अब बढ़ता बाज़ार हो गया, दंगा,लूट,हत्या, आतंकी घुसपैठ हो रहे, सब इल्ज़ाम मुझ
एक ग़ज़ल: अख़बार मैं अखबार था पहले, अब व्यापार हो गया, खबरें कम छपे, अब बढ़ता बाज़ार हो गया, दंगा,लूट,हत्या, आतंकी घुसपैठ हो रहे, सब इल्ज़ाम मुझ #Newspaper #Trending #Society #Shayari #nojotoshayari #nojotogazal #Akhbar #zindagikerang #NewspaperDay
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