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F M POETRY
White इक सितारा है जो दिन में भी नज़र आता है.. इतनी पुरजोर चमक तेरे सिवा है किसमे.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #इक सितारा है जो दिन में भी नज़र आता है.....
#इक सितारा है जो दिन में भी नज़र आता है.....
read moreParasram Arora
White वो नदी समुन्दर के निकट पहुंचने के तुरंत बाद लौटने लगी अपने स्त्रोत की तरफ क्यों की उसे डर था कि उसका मीठा जल समुन्द्र के खारे पानी से मिल कर कहीं प्रदूषित न हो जाए ©Parasram Arora नदी और उसका मीता पानी
नदी और उसका मीता पानी
read moreVinod Mishra
"कोई भी ऐसा धर्मावलंबी बताओ जो अपने धर्म की इतनी बेइज्जती करता हो जितना कि तुम अपने धर्म की करते हो." शर्म करो! चुल्लू भर पानी में डूब
read mores गोल्डी
शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हाई में डूबते डूबते दे जाता है ऐसा खामोश प्यार जिसका शाम , सुबह से ही करने लगती है इंतजार ©s गोल्डी शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हा
शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हा
read mores गोल्डी
ये ख़ुद गर्जियों का दौर है कोई बचपन की कहानी नहीं अब दिलों में नफ़रत भरते हैं लोग, घड़ों में पानी नहीं ©s गोल्डी ये ख़ुद गर्जियों का दौर है कोई बचपन की कहानी नहीं अब दिलों में नफ़रत भरते हैं लोग, घड़ों में पानी नहीं
ये ख़ुद गर्जियों का दौर है कोई बचपन की कहानी नहीं अब दिलों में नफ़रत भरते हैं लोग, घड़ों में पानी नहीं
read moreNirankar Trivedi
मन में भर कर जीना, और मन भर कर जीने में बहुत फर्क है ©Nirankar Trivedi मन में भर कर जीना और मन भर कर जीने में बहुत फर्क है
मन में भर कर जीना और मन भर कर जीने में बहुत फर्क है
read moreranjit Kumar rathour
एक सम्मान उसे जिससे रिश्ता रहा हमारा सुबह के अभिवादन का चैत की दोपहरी मे एक ग्लास पानी पिलाने का चेहरे उदासी क़ो पहली नजर मे पढ़ लेने का चौक डस्टर या फिर जरुरी फ़ाइल क़ो पहुंचाने का थे उनसे हमारे भी वादे सालो गुजारें रिश्तो क़ो निभाने का हम उऋण नहीं हुए हो भी नहीं सकते कर्ज से लेकिन एक फर्ज तो बनता था सो रत्ती भर सही निभाया हां बस निभाया ©ranjit Kumar rathour एक ग्लास पानी
एक ग्लास पानी
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