Find the Latest Status about दर्पण किसे कहते है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दर्पण किसे कहते है.
Mohan Sardarshahari
White रिश्ता इस तरह रहा तुझसे टोका वक्त की बंदिशों ने समझा तूने अनकहे ही तो दामन को दर्पण बनाया मैंने।। ©Mohan Sardarshahari # दर्पण
# दर्पण
read moreneelu
White लोग कहते हैं दुनिया में मुफ्त में कुछ नहीं मिलता.. क्या यह सच है... या...... यह झूठ है ©neelu #Sad_Status #लोग #कहते हैं #दुनिया में ₹मुफ्त में #कुछ #नहीं #मिलता.. क्या #यह सच है... या...... #यह झूठ है
neelu
White कहते हैं मंज़िल पहचान लेती है मुसाफिर और मुसाफिर पहचान लेते हैं रास्ते.. fir शुरू होता है सफर ©neelu #Sad_Status #कहते हैं #मंज़िल #पहचान लेती है #मुसाफिर और #मुसाफिर #पहचान लेते हैं #रास्ते.. fir शुरू होता है सफर
monishchoudhary__
वरना किसे बेवफ़ाओं पर एतबार रहता है❤️❤️❤️.... #poetryunplugged #nojotohindishayari #Shayari #sad_shayari #SAD #Like #viral #Trending
read moreaditi the writer
White दर्पण जो देखा एक दिन सच पता चल गया दर्पण जो देखा एक दिन, सच पता चल गया, चेहरे पर हँसी थी लेकिन, मन का रंग बदल गया। आँखों की चमक तो थी, पर आंसू भी छिपे थे, जो सोचा था सजीव था, वो तो बस सपने थे। चेहरे पर थे नक़ाब कई, हँसी थी अधूरी, आत्मा की पुकार थी, दिल में छिपी मजबूरी। जीवन की इस दौड़ में, खो दिया था ख़ुद को, भीड़ में ढूँढा ख़ुद को, पर कोई ना मिला था वो। सपनों के पीछे भागते, हकीकत भूल बैठे, दर्पण ने दिखा दिया, हम कहाँ से गुजर बैठे। असली ख़ुशी वो नहीं, जो बाहरी रूप में दिखती, ख़ुशी तो वही होती है, जो दिल की गहराई से उठती। अब जाना ये सच्चाई, जो दर्पण ने सिखाई, ख़ुद से प्यार करना है, यही तो है सफ़ाई। चेहरे के पीछे की रौनक, मन से ही आती है, दर्पण जो देखा एक दिन, सच्चाई समझ आती है। ©aditi the writer #दर्पण आगाज़ Niaz (Harf) vineetapanchal shraddha.meera
#दर्पण आगाज़ Niaz (Harf) vineetapanchal shraddha.meera
read mores गोल्डी
वो भी रात में निकलती है और हम भी , लोग उसे चांद और हमे आवारा कहते है...❤️🌻 ©s गोल्डी वो भी रात में निकलती है और मैं भी , लोग उसे चांद और मुझे आवारा कहते है...❤️🌻
वो भी रात में निकलती है और मैं भी , लोग उसे चांद और मुझे आवारा कहते है...❤️🌻
read moreHeer
Bhagavan kise nahin dikhte hain? नाहं प्रकाश: सर्वस्य योगमायासमावृत: । मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥ मैं मूर्खों और मूर्खों के लिए कभी भी प्रकट नहीं होता। उनके लिए मैं अपनी आंतरिक शक्ति से ढका हुआ हूँ, और इसलिए वे यह नहीं जानते कि मैं अजन्मा और अचूक हूँ। ©Heer #Thinking #भगवान किसे नहीं दिखते?